बीटेक छात्र पढ़ेंगे वैदिक गणित, गीता और महाभारत; यूपी की इस यूनिवर्सिटी ने की पहल
एमएमएमयूटी के कुलपति की अध्यक्षता में बीते दिनों अकादमिक बैठक हुई थी। उसमें इसे लेकर प्रस्ताव तैयार किया गया था, जिस पर मुहर लग गई है। विश्वविद्यालय ने विभाग की स्थापना के लिए तैयारी शुरू कर दी है। एनईपी-2020 में भारतीय ज्ञान परंपरा की पुनर्प्रतिष्ठा के लिए इसके प्रचार-प्रसार का प्रावधान है।

बीटेक छात्र अब वैदिक गणित, दर्शन, गीता और महाभारत भी पढ़ेंगे। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के विद्यार्थी सिर्फ आधुनिक ज्ञान तक सीमित न रहें और भारतीय ज्ञान परंपरा की जानकारी से समृद्ध हो सकें, इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने बड़ी पहल की है। विश्वविद्यालय में ‘भारतीय ज्ञान प्रणाली’ नाम का अलग विभाग स्थापित होगा। अलग विभाग स्थापित करने वाला प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय बनेगा। भारतीय ज्ञान प्रणाली के तहत यहां के विद्यार्थी वैदिक गणित, गीता, महाभारत और दर्शन भी पढ़ सकेंगे।
एमएमएमयूटी के कुलपति प्रो. जेपी सैनी की अध्यक्षता में बीते दिनों अकादमिक बैठक हुई थी। उसमें इसे लेकर प्रस्ताव तैयार किया गया था, जिस पर मुहर लग गई है। विश्वविद्यालय ने विभाग की स्थापना के लिए तैयारी शुरू कर दी है। एनईपी-2020 में भारतीय ज्ञान परंपरा की पुनर्प्रतिष्ठा के लिए इसके प्रचार-प्रसार का प्रावधान है। इसे ध्यान में रखकर ही यूजीसी और एआईसीटीई ने शैक्षणिक संस्थानों को भारतीय ज्ञान प्रणालियों पर पाठ्यक्रम तैयार करने और उसे लागू करने का निर्देश दिया है। निर्देश के पालन के क्रम में ही विश्वविद्यालय ने भारतीय ज्ञान प्रणाली के लिए विभाग स्थापित करने का निर्णय लिया है।
इस विभाग के जरिये वैदिक साहित्य, भारतीय दर्शन, प्राचीन भारतीय विज्ञान व गणित, आयुर्वेद व योग, भाषा व साहित्य, भारतीय वास्तुकला व कलाएं, कृषि व पर्यावरण जैसे विषय बीटेक के छात्रों को पढ़ाए जाएंगे। अध्यापन के लिए शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। यह विभाग एक अध्ययन केंद्र की तरह कार्य करेगा। नए सत्र से विभाग के संचालन की तैयारी है।
विद्यार्थियों को बीटेक के दौरान दो विषयों का करना होगा चयन
‘भारतीय ज्ञान प्रणाली’ विभाग में ‘वेद : भारतीय ज्ञान का आधार’, ‘इंजीनियरिंग मार्वल्स ऑफ एन्सिएंट इंडिया’, ‘विज्ञान जगत को भारतीय ज्ञान का योगदान’, ‘वैदिक गणित’, ‘महाभारत से जीवन सूत्र’, ‘गीता टुडे : एन्सिएंट विज्डम फॉर मॉडर्न टाइम्स’ और ‘षड दर्शन : भारतीय दर्शन के छह स्तंभ’ पाठ्यक्रमों से शुरुआत होगी। यह विषय ऑडिट आधारित होंगे। बीटेक के दौरान इनमें से दो विषय का चयन विद्यार्थियों को करना होगा। पाठ्यक्रम पूरा करने से पहले उन्हें अनिवार्य रूप से उत्तीर्ण करना होगा।
क्या बोले कुलपति
एमएमएमयूटी के कुलपति प्रो.जेपी सैनी ने कहा कि हमारी भारतीय ज्ञान परंपरा अत्यंत समृद्ध रही है लेकिन आज के विद्यार्थियों को इसकी जानकारी नहीं है। छात्र परंपरागत बौद्धिक समृद्धि को जान सकें और उसके इस्तेमाल में आधुनिक ज्ञान को और समृद्ध बना सकें, इसके लिए नए सत्र से ‘भारतीय ज्ञान प्रणाली’ का अलग विभाग स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।