सुदामा मित्रता का वर्णन सुनकर भाव-विभोर हुए श्रद्धालु
Bulandsehar News - बहलीमपुरा के जालान शिव मंदिर में चल रही श्रीमद भागवत कथा में डा. शंकरानंद महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता की कथा सुनाई। कथा सुनकर भक्त भाव-विभोर हो गए और अंत में प्रसाद का वितरण किया...

बहलीमपुरा स्थित जालान शिव मंदिर में चल रही श्रीमद भागवत कथा में कथाव्यास डा. शंकरानंद महाराज ने श्रद्धालुओं को भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता की कथा सुनाई। कथा सुनकर श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए। श्रीकृष्ण के जयकारों से वातावरण पूरी तरह से भक्तिमय हो गया। कथा के समापन पर श्रद्धालुओं को प्रसाद का वितरण किया गया। सात दिवसीय श्रीमदभागवत कथा के अंतिम दिन कथाव्यास ने अपनी कथा में कहा की कैसे अत्यंत गरीब सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर, मात्र मुट्ठी भर सूखे चावल लेकर अपने बालसखा द्वारकाधीश कृष्ण से मिलने द्वारका पहुंचे। द्वारपालों द्वारा रोके जाने पर जैसे ही कृष्ण को सुदामा के आने का पता चला वे नंगे पैर दौड़ते हुए महल से बाहर आए और अपने मित्र को गले लगा लिया।
कृष्ण ने स्वयं अपने मित्र के चरण धोए और उन्हें सम्मानपूर्वक अपने पास बिठाया। उन्होंने कहा कि सुदामा संकोचवश अपनी दरिद्रता बता नहीं पाए लेकिन कृष्ण ने उनकी पोटली से सूखे चावल निकालकर बड़े चाव से खाए। सुदामा ने कुछ मांगा नहीं और कृष्ण ने भी कुछ नहीं दिया। लेकिन जब सुदामा वापस अपने गांव लौटे तो उनकी झोपड़ी की जगह एक भव्य महल खड़ा था। आयोजक ओमप्रकाश जालान ने भारत विकास परिषद गौरव के सदस्यों, राष्ट्र चेतना मिशन के सदस्य हेमंत सिंह, संजय बिसारिया,अनिल माहेश्वरी, वैद्य महेश्वर नाथ, राकेश मित्तल, राजेंद्र अग्रवाल, ज्योति व तरंग सहित सभी भक्तों का आभार व्यक्त किया।
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