अब शादी के पंजीकरण की निगरानी करेगा रजिस्ट्री विभाग
Bulandsehar News - बुलंदशहर में पहली बार शादी पंजीकरण की निगरानी स्टांप एवं पंजीकरण विभाग को दी गई है। अब बिना परिवार की मर्जी के गुपचुप विवाह कराना मुश्किल होगा। विवाह पंजीकरण के लिए ठोस साक्ष्य जरूरी होंगे और पुरोहित...

बुलंदशहर। जिले में पहली बार शादी के पंजीकरण की निगरानी की जिम्मेदारी स्टांप एवं पंजीकरण विभाग को दी गई है। अब परिवार की मर्जी के बिना गुपचुप विवाह कर पंजीकरण कराना नव-युगलों के लिए आसान नही होगा। इसके लिए शासनस्तर से कड़ा रुख अपनाया गया है। अब शादी पंजीकरण के लिए आधे-अधूरे साक्ष्य नहीं चल पाएंगे। ठोस साक्ष्य के साथ ही पंजीकरण की कार्रवाई पूरी होगी। रजिस्ट्री विभाग का काम होगा कि शादी के पंजीकरण कराने वाले उप-रजिस्ट्रार के कामकाज की प्रतिदिन समीक्षा करेंगे। वह सुनिश्चित करेंगे कि शादी के लिए शासनस्तर से तय की गई गाइडलाइंस का पालन हो रहा है या नहीं।
इसकी मासिक रिपोर्ट भी तैयार होगी। जब तक संशोधित नियमों को विधिवत रूप से तैयार करके लागू नहीं कर दिया जाता, तब तक आईजी स्टांप को दिशानिर्देशों का पालन करवाने की जिम्मेदारी शासनस्तर से दी गई है। विवाह पंजीकरण के जिम्मेदारी सभी डिप्टी रजिस्ट्रार की भी होगी। वह रजिस्ट्रार विभाग के सभी निर्देशों का अक्षरशः पालन करेंगे। विवाह पंजीकरण के समय पुरोहित या विवाह संपन्न कराने का दावा करने वाले व्यक्ति द्वारा शपथ पत्र देना अनिवार्य होगा। हलफनामे में पुरोहित की पहचान और विश्वसनीयता का भी प्रावधान किया गया है। इसके तहत पुरोहित का नाम, पिता का नाम, स्थायी पता, वर्तमान पता, आधार कार्ड की प्रति, कोई अन्य वैध पहचान दस्तावेज, मोबाइल नंबर, पासपोर्ट आकार का फोटो के साथ इस बात की घोषणा, जिसमें पुष्टि की गई हो कि उसने विवाह संपन्न कराया है और विवाह समारोह की वीडियो रिकॉर्डिंग होगी। विशेष रूप से भागे हुए जोड़ों के मामलों में यह अनिवार्य होगा। डिप्टी रजिस्ट्रार को भी बनाया गया जवाबदेह- डिप्टी रजिस्ट्रार विवाह प्रमाण पत्र के पीछे साफ-साफ पर लिखेंगे कि हाईकोर्ट की अधिसूचना (दिनांक 14.10.2024) में निहित निर्देशों का अनुपालन किया गया है और पुरोहित या विवाह संपन्न कराने का दावा करने वाले व्यक्ति द्वारा दिए गए शपथ-पत्र का अध्ययन कर लिया गया है तथा वह संतुष्ट है और वह विवाह पंजीकरण के समय उपस्थित था। आईजी स्टांप अनुपालन की निगरानी के लिए जिम्मेदार होंगे। यह देखना उनकी जिम्मेदारी होगी कि डिप्टी रजिस्ट्रार निर्देशों के अनुसार अपना काम कर रहे हैं या नहीं। इस काम के लिए संबंधित कार्यालयों में रखे गए रजिस्टर में इस तरह के अनुपालन को प्रमाणित करने वाली मासिक प्रविष्टि भी दर्ज की जाएगी। कोट-- शासन के आदेश का पालन कराने के लिए जिले के सभी उप-निबंधन कार्यालयों को निर्देशित किया गया है। इसमें किसी भी स्तर पर कोई लापरवाही बर्दाश्त नही की जाएगी। --संत कुमार रावत, आईजी स्टांप
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