यूपी में पूर्व अपर नगर आयुक्त, लेखाधिकारी, लेखाकार और लेखा लिपिक पर मुकदमा, भ्रष्टाचार का मामला
यूपी में फिरोजाबाद के पूर्व अपर नगर आयुक्त, लेखाधिकारी, लेखाकार और लेखा लिपिक पर मुकदमा किया गया है। इनके द्वारा जलकल और निर्माण विभाग के लंबित भुगतानों को कराने के बदले ठेकेदारों से कमीशन लिया था।

यूपी में फिरोजाबाद नगर निगम के तत्कालीन अपर नगर आयुक्त, लेखाधिकारी, लेखाकार, सेवानिवृत्त लेखा लिपिक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत उप्र सतर्कता अधिष्ठान आगरा के निरीक्षक ने मुकदमा दर्ज कराया है। इनके द्वारा जलकल और निर्माण विभाग के लंबित भुगतानों को कराने के बदले ठेकेदारों से कमीशन लिया था। तत्कालीन नगर आयुक्त के अवकाश पर रहते हुए अपर नगर आयुक्त ने 20 में से 19 फर्मों के भुगतान का एक ही दिन में आदेश जारी कर दिया था और स्थानांतरण होने के चले भुगतान लटकने पर निगम के ठेकेदारों ने हंगामा किया था।
उप्र सतर्कता अधिष्ठान आगरा में अरविंद कुमार राय तत्कालीन अपर नगर आयुक्त फिरोजाबाद नगर निगम, योगेंद्र कुमार त्रिपाठी लेखाधिकारी, जितेंद्र कुमार गुप्ता लेखाकार, राजेंद्र सिंह सेवानिवृत्त लेखा लिपिक नगर निगम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई। उप्र सतर्कता अधिष्ठान के अपर निदेशन ने खुली जांच कराने के आदेश दिए। जांच में मामला सही पाया गया और उपरोक्त नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ उप्र भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए।
जांच में पाया कि कार्यदायी संस्था जलकल एवं निर्माण विभाग से संबंधित फर्म्स, ठेकेदारों द्वारा कार्यों के बिलों की धनराशि भुगतान कराने का आदेश अरविंद कुमार राय तत्कालीन अपर नगर आयुक्त ने दिए। उस समय तत्कालीन नगर आयुक्त प्रेरणा शर्मा अवकाश पर 20 जून से लेकर 10 जुलाई 2022 तक रही थीं। नगर आयुक्त के दायित्व का निर्वहन करने का दायित्व तत्कालीन अपर नगर आयुक्त अरविंद कुमार राय पर था। उन्होंने जलकल एवं निर्माण विभाग की विभिन्न 20 फर्मों के लंबित भुगतान की धनराशि में से 19 पत्रावलियों का भुगतान कराने के आदेश 29 जून 2022 को दिए। इसमें मैसर्स संतोष दीक्षित की फर्म के भुगतान को छोड़ दिया गया था।
समस्त पत्रावलियों और उनकी फाइल नोटशीट्स के अवलोकन में पाया कि तत्कालीन नगर आयुक्त के 20 दिन के अवकाश के मध्य तत्कालीन अपर नगर आयुक्त ने 20 जून 2022 को एक, 24 जून को दो और 25 जून को 14 यानी कुल 17 पत्रावलियों पर एक साथ भुगतान का अनुमोदन किया। 27 जून को 12, 28 जून को 4, 29 जून को 1 पत्रावली को आंकिक शाखा में भिजवाया। आंकिक शाखा में लेखा लिपिक राजेंद्र सिंह ने 4 मई को दो, 24 जून 1, 27 जून को 12, 28 जून को 4, 29 जून को एक पत्रावली पर टिप्पणी कर हस्ताक्षर किए। लेखाकार राजेंद्र कुमार गुप्ता ने 24 जून को एक, 28 जून को 3, 29 जून को 16 पत्रावलियों पर भुगतान स्वीकृति संबंधी पत्र पर टिप्पणी अंकित कर हस्ताक्षर किए।
कमीशन ले लिया था पर भुगतान नहीं करा पाए
लेखाधिकारी योगेंद्र कुमार त्रिपाठी ने 24 जून को एक, 28 जून को एक, 29 जून को 18 पत्रावलियों पर अपने हस्ताक्षर किए। इसके बाद तत्कालीन प्रभारी नगर आयुक्त अरविंद कुमार राय ने 20 में से 19 पत्रावलियों पर एक साथ 29 जून 2022 को भुगतान के आदेश जारी किए। 29 जून 2022 में ही नए नगर आयुक्त घनश्याम मीणा की नियुक्ति के बाद भी बिना उनके आगमन की प्रतीक्षा किए हस्ताक्षर कर आदेश जारी कर दिए। भुगतान आदेश को किए जाने के एवज में कमीशन लेने तथा भुगतान नहीं होने पर कमीशन वापस लेने के लिए ठेकेदारों का विवाद हुआ और जमकर हंगामा हुआ था।
विधायक ने की थी शासन में शिकायत
विधायक मनीष असीजा ने मामले की शिकायत शासन से की थी। सात जुलाई 2024 को जांच के दौरान लगाए आरोपों की पुष्टि हो गई। काफी लम्बे समय से लंबित चल रहे भुगतानों का एक दिन में भुगतान आदेश किया था। तत्कालीन अपर नगर आयुक्त ने असम्यक लाभ प्राप्त करके भुगतान आदेश जारी किया था। मामले को लेकर तत्कालीन अपर नगर आयुक्त को ठेकेदारों ने जिला मुख्यालय पर घेर लिया था और उसके आवास पर पहुंचकर हंगामा किया था। रातोंरात ही स्थानांतरण होने के आदेश के बाद तत्कालीन अपर नगर आयुक्त जिले से चले गए थे। तब ठेकेदारों ने भुगतान से पूर्व रुपये लेने और भुगतान नहीं होने पर हंगामा किया था।