गंगा कटान रोकने के लिए कट स्टोन लगाने का काम शुरू
Chandauli News - कुंडा खुर्द में विधायक ने सिंचाई विभाग के अफसरों के साथ किया पूजनकुंडा खुर्द में विधायक ने सिंचाई विभाग के अफसरों के साथ किया पूजनकुंडा खुर्द में विधा

दुलहीपुर, हिन्दुस्तान संवाद।नियामताबाद विकासखंड के कुंडा खुर्द और कुंडा कला गांव के सामने बाढ़ और बारिश से हर साल हो रही गंगा किनारे कटान रोकने के लिए कट स्टोन लगाया जाएगा। करीब चार मीटर लंबाई में पत्थर लगाने का काम तीन महीने में पूरा किया जाएगा। इससे हर साल मानसून के सीजन में हो रही कटान से ग्रामीणों को निजात मिलेगी। इसके लिए मंगलवार को विधायक रमेश जायसवाल ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ पूजन किया। इसके बाद पत्थर लगाने का काम शुरू हो गया। इसके बाद वहां से कट स्टोन लगाने के लिए 8.30 करोड़ रुपये की स्वीकृति के साथ काम शुरू हो गया। करीब 381 मीटर लंबाई में नौ मीटर ऊंचा पत्थरों को बिछाया जाएगा। इसे जून तक पूरा किया जाना है। गांव की सुरक्षा और उपजाउ जमीन की कटान रोकने के लिए जियो ट्यूब कटर पर स्टोन बोल्डर भरकर स्टेपिंग करते हुए पिचिंग किया जाएगा। जिससे इसे मजबूती मिले और कटान रूक सके। इससे गांव में लोगों को कटान बंद होने की उम्मीद जग गई है। विधायक रमेश जायसवाल ने कहा कि इसके पहले भी गंगा कटान रोकने के लिए कार्य किया गया था लेकिन वह पूरी तरह सफल नहीं रहा। इस बार इस परियोजना के अंतर्गत 381 मीटर में वायर क्रिएट में स्टोन बॉर्डर लॉन्चिंग ऐप्रन बोल्डर के साथ स्टेप टीचिंग के कार्य का प्रावधान किया गया है। नदी की मुख्य धारा दाहिने किनारे से प्रवाहित होने होने से कुंडा कला, कुंडा खुर्द और नदी के किनारे पर संपर्क मार्ग निरंतर कटता जा रहा है। संपर्क मार्ग के कट जाने से कुंडा खुर्द व कुंडा कला गांव का आवागमन समाप्त हो जाएगा किसानों की उपजाऊ भूमि निरंतर कट रही है। कटान से स्थाई निदान मिलेगा और संपर्क मार्ग के साथ कुंडा कला, कुंडा खुर्द गांव सुरक्षित होंगे। गांव के लगभग 6500 लोगों के जान माल और जमीन की सुरक्षा होगी। साथ ही प्राथमिक विद्यालय और पक्के मकान को कटान से बचाया जा सकेगा। इस अवसर पर सिंचाई विभाग के अधिकारी संजय पासवान, राजू साहनी राजू पाल, आशु सिंह, रामचंद्र यादव, भूलन यादव, भीम मोदी, विधायक प्रतिनिधि संजय कनौजिया उपस्थित रहे।
कई वर्षों से हो रही थी कटान
दुलहीपुर। पिछले कई वर्षों से इन क्षेत्रों में गंगा कटान से किसानों की उपजाउ जमीन धारा में समाहित हो चुकी है। इसके साथ ही कई लोगों के मकान और गांव के डीह बाबा मंदिर सहित कई देव स्थल और दोनों गांव को जोड़ने वाला मार्ग गंगा में समाहित हो चुका है। इसके लिए पिछले साल 2023 में करीब नौ करोड़ की लागत से जिओ ट्यूब् कटर से कटान रोकने का इंतजाम किया गया था लेकिन बाढ़ में अधिकतर ट्यूब कटर बह गया और फिर से कटान शुरू हो गई थी। इसे देखते हुए सिंचाई विभाग ने दोबारा शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा था।
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