CM Yogi get local conditions river surveyed for permanent solution to flood बाढ़ के स्थाई समाधान के लिए नदी की स्थानीय परिस्थितियों का कराएं सर्वेक्षण: सीएम योगी, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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बाढ़ के स्थाई समाधान के लिए नदी की स्थानीय परिस्थितियों का कराएं सर्वेक्षण: सीएम योगी

  • सीएम योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ समस्या के स्थायी समाधान के लिए नदी की स्थानीय परिस्थितियों के अध्ययन के निर्देश दिए हैं। सीएम योगी ने प्रदेश के 24 जिलों को अतिसंवेदनशील श्रेणी में रखते हुए अफसरों को सख्त निर्देश दिए हैं।

Dinesh Rathour लाइव हिन्दुस्तान, लखनऊFri, 28 Feb 2025 08:46 PM
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बाढ़ के स्थाई समाधान के लिए नदी की स्थानीय परिस्थितियों का कराएं सर्वेक्षण: सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ समस्या के स्थायी समाधान के लिए नदी की स्थानीय परिस्थितियों के अध्ययन के निर्देश दिए हैं। शुक्रवार को बाढ़ संबंधी परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां कहीं नदी के मेन स्ट्रीम में सिल्ट की अधिकता हो, नदी उथली हो, वहां ड्रेजिंग को प्राथमिकता दी जाए और नदी को चैनलाइज किया जाए। यदि ड्रेजिंग से समाधान होना संभव न हो, तब ही तटबंध अथवा कटान निरोधी अन्य उपायों को अपनाया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी नदियों के ड्रोन सर्वेक्षण कर स्थानीय परिस्थितियों के बारे में समुचित जानकारी प्राप्त कर ली जाए।

शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बाढ़ प्रबंधन और जन-जीवन की सुरक्षा के मद्देनज़र जारी तैयारियों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने बाढ़ की दृष्टि से अतिसंवेदनशील, संवेदनशील जिलों, पूर्ण और लंबित परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति की भी समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में व्यापक जन-धन हानि के लिए दशकों तक कारक रही बाढ़ की समस्या के स्थायी निदान के लिए विगत 8 वर्षों में किए गए सुनियोजित प्रयासों के अच्छे परिणाम मिले हैं। बाढ़ की दृष्टि से अति संवेदनशील जिलों की संख्या में अभूतपूर्व कमी आई है। विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार हमने आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग कर बाढ़ से खतरे को न्यूनतम करने में सफलता पाई है। बाढ़ से जन-जीवन की सुरक्षा के लिए अंतरविभागीय समन्वय से अच्छा कार्य हुआ है।

बैठक में प्रमुख सचिव सिंचाई ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि जन-धन की सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए 2018-19 से अब तक 1575 बाढ़ परियोजनाएं पूरी की गईं। इसमें 305 परियोजनाएं अकेले वर्ष 2024-25 में पूरी की गई हैं। 2024-25 में हुए प्रयासों से 4.97 लाख हेक्टेयर भूमि और 60.45 लाख की आबादी को लाभ हुआ है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि वर्तमान सत्र के लिए तय की गईं परियोजनाओं का अवशेष कार्य प्राथमिकता के आधार पर नियत समय के भीतर पूरा करा लिया जाए। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं में देरी से न केवल कार्य प्रभावित होता है, बल्कि वित्तीय बजट भी बढ़ता है। ऐसे में सभी को निर्धारित समय सीमा में पूरा किया जाना चाहिए। किसी भी परियोजना का बजट पुनरीक्षण नहीं किया जाएगा।

24 जनपद अति संवेदनशील श्रेणी में

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बाढ़ की दृष्टि से 24 जनपद अति संवेदनशील श्रेणी में हैं। इसमें महाराजगंज, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, गोरखपुर, बस्ती, बहराइच, बिजनौर, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, गोण्डा, बलिया, देवरिया, सीतापुर, बलरामपुर, अयोध्या, मऊ, फर्रुखाबाद, श्रावस्ती, बदायूं, अम्बेडकर नगर, आजमगढ़, संतकबीर नगर, पीलीभीत और बाराबंकी शामिल हैं। जबकि सहारनपुर, शामली, अलीगढ़, बरेली, हमीरपुर, गौतमबुद्ध नगर, रामपुर, प्रयागराज, बुलन्दशहर, मुरादाबाद, हरदोई, वाराणसी, उन्नाव, लखनऊ, शाहजहांपुर और कासगंज संवेदनशील प्रकृति के हैं। यहां विभाग को अलर्ट मोड में रहना होगा। अति संवेदनशील तथा संवेदनशील तटबंधों का वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जाए।

31 मार्च से पहले ड्रेन की करा लें सफाई

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बाढ़ से सुरक्षा के लिए विभिन्न नदियों पर 3869 किमी लंबाई वाले 523 तटबंध निर्मित हैं, जबकि 60047 किलोमीटर लंबाई के 10727 ड्रेन हैं। बाढ़ की आशंका को देखते हुए सभी तटबंधों की सतत निगरानी की जाए। सभी ड्रेन की सफाई 31 मार्च के पहले करा ली जाए। राज्य स्तर और जिला स्तर पर बाढ़ राहत कंट्रोल रूप 24×7 एक्टिव मोड में रहें। उन्होंने कहा कि श्रावस्ती, गोण्डा, सीतापुर, हरदोई एवं बाराबंकी में प्रस्तावित कार्यों को समय से गुणवत्ता के साथ पूरा कर लिया जाए। साथ ही नदियों में अवैध खनन की गतिविधि कहीं भी न हो सके, इसके लिए लगातार मॉनीटरिंग की जाती रहे।