कानून से भाग रहा कॉलेज में छात्राओं का यौन उत्पीड़न करने वाला प्रोफेसर, DM ने बनाई जांच कमेटी
- हाथरस जिले के एक डिग्री कॉलेज के वरिष्ठ प्रोफेसर के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। प्रोफेसर पर पिछले 20 वर्षों से छात्राओं का यौन उत्पीड़न और शोषण करने का आरोप है। बताया जा रहा है कि प्रोफेसर ने खुद ही अश्लील वीडियो रिकॉर्ड किए थे जिनमें से 59 वीडियो ऑनलाइन लीक हो गए।

Sexual Harassment: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के एक डिग्री कॉलेज के वरिष्ठ प्रोफेसर से संबंधित मामले की जांच के लिए जिला मजिस्ट्रेट हाथरस ने चार सदस्यीय जांच समिति गठित की है। प्रोफेसर पर पिछले 20 वर्षों से छात्राओं का यौन उत्पीड़न और शोषण करने का आरोप है। जांच समिति की अध्यक्षता उप मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) हाथरस करेंगे। जांच समिति के अन्य तीन सदस्य, क्षेत्राधिकारी (हाथरस), तहसीलदार सादाबाद और हाथरस में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हैं। हाथरस के जिलाधिकारी ने कहा, 'समिति मामले की जांच करेगी और रिपोर्ट सौंपेगी।' गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के एक डिग्री कॉलेज के वरिष्ठ प्रोफेसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। प्रोफेसर पर पिछले 20 वर्षों से छात्राओं का यौन उत्पीड़न और शोषण करने का आरोप है। बताया जा रहा है कि प्रोफेसर ने खुद ही अश्लील वीडियो रिकॉर्ड किए थे जिनमें से 59 वीडियो ऑनलाइन लीक हो गए। केस दर्ज होने के बाद से प्रोफेसर फरार है।
हाथरस पुलिस आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद उनके बयान दर्ज करने के लिए वीडियो और फोटो में दिख रहे छात्रों के बारे में और अधिक जानकारी जुटा रही है। आरोपी प्रोफेसर रजनीश कुमार (उम्र 59 साल) ने अश्लील वीडियो भी रिकॉर्ड किए थे, जिनमें से 59 ऑनलाइन लीक हो गए थे। आरोपी प्रोफेसर, जो चीफ प्रॉक्टर का पद भी संभाल रहे थे, को राज्य सरकार द्वारा संचालित सेठ फूल चंद बागला (पी.जी.) कॉलेज प्रशासन ने शनिवार को निलंबित कर दिया।
एसपी ने कहा कि प्रोफेसर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 64 (2) (बलात्कार), 68 (अधिकार में किसी व्यक्ति द्वारा यौन संबंध), 75 (यौन उत्पीड़न), सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम, 2008 की धारा 67 के तहत गुरुवार (13 मार्च) को हाथरस गेट थाने में एक सब-इंस्पेक्टर की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई थी, क्योंकि कोई भी पीड़िता नहीं आई। उन्होंने कहा कि प्रोफेसर तब से फरार है और उसकी गिरफ्तारी के लिए तीन टीमें गठित की गई हैं। सिन्हा ने कहा, ''हम पीड़ितों की पहचान करने और उनका बयान दर्ज करने के लिए उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने का प्रयास कर रहे हैं।''
क्या बोली पुलिस
एसपी ने बताया कि एक पीड़िता द्वारा प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और अन्य अधिकारियों को संबोधित एक गुमनाम शिकायत प्राप्त होने पर उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग द्वारा सूचना दिए जाने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई।