Dog fought with poisonous snake to save its owner and lost his life मालिक को बचाने के लिए जहरीले सांप से भिड़ गई डॉगी, जान गंवाई पर नहीं आने दी एक भी खरोंच, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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मालिक को बचाने के लिए जहरीले सांप से भिड़ गई डॉगी, जान गंवाई पर नहीं आने दी एक भी खरोंच

मेरठ में एक पालतू डॉगी अपने मालिक को बचाने के लिए एक जहरीले रसेल वाइपर सांप से भिड़ गई। इस भिड़ंत में सांप के लगातार डसने से डॉगी की मौत हो गई। ये घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।

Pawan Kumar Sharma संवाददाता, मेरठWed, 4 June 2025 11:11 PM
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मालिक को बचाने के लिए जहरीले सांप से भिड़ गई डॉगी, जान गंवाई पर नहीं आने दी एक भी खरोंच

यूपी के मेरठ से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पालतू डॉगी अपने मालिक को बचाने के लिए एक जहरीले रसेल वाइपर सांप से भिड़ गई। इस भिड़ंत में सांप के लगातार डसने से डॉगी की मौत हो गई। वहीं, ये घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।

ये घटना दौराला के मोहल्ला रामपुरी का है। यहां के रहने वाले कल्लू सिंह के घर में मंगलवार रात सबसे अधिक जहरीले सांपों में से एक रसेल वाइपर सांप घुस आया। उस पर उनकी अमेरिकन बुली नस्ल की पालतू डॉगी की नजर पड़ गई। सांप को घर में घुसने से रोकने के लिए डॉगी उससे भिड़ गई। इस दौरान सांप ने डॉगी को कई जगह डस लिया। उसकी गुर्राहट सुनकर वह बाहर निकले तो सारा माजरा उनकी समझ में आ गया। वह कुछ करते इससे पहले बेहोश डॉगी ने दम तोड़ दिया। उन्होंने किसी तरह सांप को प्लास्टिक के एक डिब्बे में बंद किया और बाद में काली नदी में छोड़ दिया। कल्लू सिंह का कहना है कि उनकी पालतू डॉगी ने अपनी जान देकर उनकी और परिवार की जान की बचा ली।

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बेहद जहरीला होता है रसेल वाइपर

सांप मित्र अवी ने बताया कि रसेल वाइपर बहुत जहरीला होता है। सरधना रेंज क्षेत्र में 28 से अधिक प्रजातियों के सांप पाए जाते हैं, जिनमें रसेल वाइपर, कोबरा और कोमनक्रथ जहरीले सांपों की श्रेणी में आते हैं।

संरक्षित प्रजाति का सांप है रसेल वाइपर

वन रेंजर कुलदीप सिंह ने कहा कि भारतीय रसेल वाइपर अत्यधिक विषैला सांप है। वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 में सूचीबद्ध इस सांप को मारना प्रतिबंधित है। यह कुछ गिने-चुने सांपों में से है जो अंडे न देकर सीधे बच्चे देता है। इसके जहर में हेमोटॉक्सिन और साइटोटॉक्सिन बहुत खतरनाक होते हैं, जो खून के थक्के बना देते हैं और पीड़ित की कुछ ही मिनटों में मौत हो जाती है। त्वचा पर गोल घेरों के कारण बहुत से लोग इसे अजगर समझ लेते हैं जबकि ध्यान से देखने पर इस अंतर को समझा जा सकता है।

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