बेटा न होने की मिली सज़ा! डीजल डालकर विवाहिता को जिंदा जलाया, बीच सड़क पर छोड़कर फरार हुआ पति
शाहजहांपुर में दहेज की मांग और बेटे न होने से नाराज ससुरालियों ने विवाहिता को डीजल डालकर जिंदा जला दिया। इलाज के लिए लखनऊ ले जाते समय उसकी रास्ते में मौत हो गई। वहीं, वारदात के बाद से ससुरालीजन फरार हैं।

यूपी के शाहजहांपुर से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। जहां दहेज की मांग और बेटे न होने से नाराज ससुरालियों ने विवाहिता को डीजल डालकर जिंदा जला दिया। इलाज के लिए लखनऊ ले जाते समय उसकी रास्ते में मौत हो गई। वहीं, वारदात के बाद से ससुरालीजन फरार हैं। उधर, पुलिस मामला दर्ज कर जांच पड़ताल में जुट गई है।
मदनापुर के रहने वाले महेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि उनकी 26 साल की बेटी शालू सिंह की शादी 13 मई 2021 को हरदोई के पचदेवरा थाना क्षेत्र के सहसोगा गांव के रहने वाले श्याम जी सिंह के साथ की गई थी। शादी के बाद से ही ससुरालजन कार की मांग को लेकर उसे प्रताड़ित करते रहे। परिजनों के अनुसार, शालू ने दो बेटियों को जन्म दिया, जिससे ससुरालजन और नाराज हो गए और उसे बेटा न होने का ताना देने लगे।
परिजनों का आरोप है कि 28 मई को श्याम जी सिंह, उसकी मां विमला, पिता कुंवर बहादुर सिंह समेत अन्य परिजनों ने शालू पर डीजल डालकर आग लगा दी। बुरी तरह झुलसी शालू को पहले शाहजहांपुर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। जहां से बरेली मिशन रेफर किया गया। इसके बाद लखनऊ ले जाते समय रास्ते में शालू की मौत हो गई। मृतका के पिता ने बताया कि बेटी को अस्पताल तक पहुंचाने में ससुर कुंवर बहादुर सिंह साथ गए थे, लेकिन रास्ते में कांठ के पास वह गायब हो गए। शव को मायके लाया गया और मदनापुर पुलिस को सूचना दी गई। उधर, इस मामले में थाना प्रभारी विश्वजीत प्रताप सिंह ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
मायके से बुलाकर विवाहिता को जला डाला
मृतका के भाई धीरेन्द्र सिंह ने बताया कि शालू 9 मई से अपने मायके फाजिलपुर में रह रही थी। 10 मई को उसकी तहेरी बहन की शादी थी, जिसमें शामिल होने के लिए ससुराल वाले खुद उसे छोड़ गए थे। 28 मई की सुबह करीब 8 बजे उसके पति का फोन आया। उसने नाना की तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर शालू को वापस बुलाया। धीरेन्द्र ने ही शालू को ससुराल छोड़ा था, लेकिन महज दो घंटे बाद ही ग्रामीणों ने सूचना दी कि शालू को आग लगा दी गई है।
कार में छोड़ पति हुआ फरार
परिजनों के अनुसार जब वे घटना की सूचना मिलने पर शालू के ससुराल पहुंचे तो वहां कोई नहीं मिला। उन्होंने डायल 112 पर फोन किया। इसी बीच शालू का पति उसे लेकर शाहजहांपुर की ओर जा रहा था। लेकिन जैसे ही पुलिस का कॉल उसकी लोकेशन पर पहुंचा, वह कांट रोड पर कार में झुलसी हालत में शालू को छोड़कर फरार हो गया।
बेटा न होने और कार के लिए महिला को जलाने का आरोप
मृतका के पिता ने बताया कि दी के कुछ ही महीनों बाद ससुरालवाले कार की मांग करने लगे और उसे लगातार प्रताड़ित करने लगे। परिजनों के अनुसार, शालू ने दो बेटियों सान्या (3 वर्ष) और आन्या (डेढ़ वर्ष) को जन्म दिया। मृतका की मां कुसुमा देवी ने बताया कि पहले भी बेटी को जान से मारने की धमकियां दी जा चुकी थीं। ससुरालवाले अक्सर कहते थे कि पुलिस हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते पुलिस ने सख्त कार्रवाई की होती, तो आज बेटी जिंदा होती।
पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप
मृतका के भाई ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि जब शालू को आग लगाई गई, तब उसने खुद पुलिस को फोन किया था। मदद की गुहार लगाई, लेकिन जवाब मिला अभी खाना खा रहे हैं, बाद में आएंगे। इस दौरान शालू करीब 70 फीसदी जल चुकी थी।