शादी में न दूल्हा पहुंचा, न दुल्हन… मेहमान भी खा-पीकर चुपचाप लौटे, जानिए पूरा मामला
हमीरपुर में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह सम्मेलन के तहत हुई शादी के बाद वधू पक्ष ने कथित रूप से सरकारी अनुदान हड़पने की नीयत से युवती का रिश्ता दूसरे लड़के से तय कर दिया। सोमवार रात एक विवाह घर में बारात आने वाली थी लेकिन न तो दूल्हा पहुंचा, न ही दुल्हन और न ही बाराती।

यूपी के हमीरपुर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह सम्मेलन में शादी होने के बाद भी वधू पक्ष ने सरकारी अनुदान हड़पने के लिए युवती की शादी दूसरे लड़के से रिश्ता तय कर दिया। सोमवार रात एक विवाह घर में बारात आनी थी। लेकिन जब इस बात की भनक दूल्हे को लगी तो वह थाने में जाकर इसकी शिकायत दर्ज कराई। आखिर में बारात घर में ना दूल्हा आया, ना दुल्हन और ना ही बाराती। वहीं, निमंत्रण पर आए लोगों ने खाना पीना किया।
जानकारी के मुताबिक मझगवां के रहने वाले अवध नरेश का रिश्ता पास के ही गांव रौरौ की रहने वाली लड़की से साथ तय हुआ। इसी साल 23 जनवरी को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह सम्मेलन में दोनों की शादी संपन्न हुई। वधू पक्ष ने हिंदू रीति रिवाज से दुल्हन को बाद में विदा करने करने की बात कही। इसे लेकर दोनों पक्षों में पंचायत हुई और बाद धूमधाम से विदाई की बात पर सब सहमत हुए। आखिर में दूल्हा विवाह सम्मेलन से बैरंग लौट गया।
दूल्हा तीन महीनों दुल्हन का इंतजार करता रहा लेकिन उसकी नई नवेली बीवी की विदाई ससुरालीजन नहीं करा रहे थे। 19 मई को युवक को पत्नी की दोबारा शादी का कार्ड मिला। जिस पर दूल्हे का नाम किसी और का था। शादी की तारीख 2 जून थी। ये कार्ड देखते ही युवक का पारा हाई हो गया और इसकी शिकायत लेकर वह ससुराल पहुंचा। जहां दुल्हन के परिजनों ने युवक को धमकाते हुए भगा दिया। शादी रुकवाने के लिए अवध नरेश ने प्रशासन से गुहार लगाई।
2 जून को क्षेत्र के एक बारात घर में दुल्हन की दोबारा शादी का कार्यक्रम था। हालांकि यहां न दुल्हन आई और न ही दूल्हा। बुलाए गए मेहमान आए और खाना पानी करके चले गए। इस मामले में पीड़ित पति का कहना है कि सामूहिक विवाह योजना के तहत 51 हजार रुपये मिलता है। इसलिए ही वधू पक्ष ने दुल्हन की विदाई नहीं की। सरकारी अनुदान हड़पने के लिए उसके साथ धोखा किया गया।