entire fund Banke Bihari temple will be looked after by trust there will be no interference from UP government बांके बिहारी मंदिर का पूरा फंड ट्रस्ट देखेगा, यूपी सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा, सुप्रीम कोर्ट में दावा, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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बांके बिहारी मंदिर का पूरा फंड ट्रस्ट देखेगा, यूपी सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा, सुप्रीम कोर्ट में दावा

सुप्रीम कोर्ट में श्री बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन के प्रबंधन और निधि से जुड़े मामले पर मंगलवार को सुनवाई हुई। यूपी सरकार के वकील ने स्पष्ट किया कि मंदिर का समस्त कोष ट्रस्ट के अधीन है और राज्य सरकार का इसमें कोई अधिकार नहीं है।

Dinesh Rathour लाइव हिन्दुस्तान, मथुराTue, 27 May 2025 07:57 PM
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बांके बिहारी मंदिर का पूरा फंड ट्रस्ट देखेगा, यूपी सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा, सुप्रीम कोर्ट में दावा

सुप्रीम कोर्ट में श्री बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन के प्रबंधन और निधि से जुड़े मामले पर मंगलवार को सुनवाई हुई। यूपी सरकार के वकील ने स्पष्ट किया कि मंदिर का समस्त कोष ट्रस्ट के अधीन है और राज्य सरकार का इसमें कोई अधिकार नहीं है। सरकारी वकील ने कहा कि अध्यादेश के तहत राज्य सरकार मंदिर कोष में हस्तक्षेप नहीं कर सकती। सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी ने बताया कि अध्यादेश की धारा 5 और 7 में स्पष्ट प्रावधान है कि बोर्ड और ट्रस्टी ही मंदिर प्रबंधन का निर्णय लेंगे। यह मंदिर के बेहतर प्रबंधन के लिए पहला अध्यादेश है, जिसकी प्रति अदालत और याचिकाकर्ताओं को सौंपी गई है।

उतर प्रदेश सरकार के अधिवक्ता ने बताया कि मंदिर कोष का उपयोग केवल मंदिर के लिए जमीन खरीदने और ट्रस्ट द्वारा प्रबंधन में किया जाएगा। 2016 से ही मंदिर का प्रशासन एक न्यायिक अधिकारी (एडमिनिस्ट्रेटर) के पास है, जिसे कभी चुनौती नहीं दी गई। न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की पीठ ने यूपी सरकार को संबंधित विभाग के प्रधान सचिव का हलफनामा और अध्यादेश की प्रति 29 जुलाई 2025 तक पेश करने का निर्देश दिया। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश के बाद ही यूपी सरकार ने यह अध्यादेश बनाया है। अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी ने बताया कि बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर मामले में अब तक किसी ने स्पष्टीकरण या समीक्षा याचिका दायर नहीं की है। इससे पहले भी एक सेवादार द्वारा पक्ष बनने की याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया था।

अगली सुनवाई

अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी ने बताया कि मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई 2025 को होगी, जहां यूपी सरकार द्वारा दिए गए दस्तावेजों पर विचार किया जाएगा।

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