654 निजी स्कूलों ने राईट-टू-एजूकेशन में नहीं दिखायी कोई रूचि
Etah News - जनपद में 829 निजी शिक्षण संस्थानों में से केवल 175 ने राइट-टू-एजुकेशन के तहत 755 गरीब छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिया है। अन्य संस्थानों ने योजना में कोई रुचि नहीं दिखाई, जिससे गरीब छात्रों को लाभ नहीं...

निजी शिक्षण संस्थानों की मनमानी से राइट-टू एजूकेशन का जनपद में गरीब छात्र-छात्राओं को लाभ नहीं मिल पा रहा है। जनपद में 829 निजी शिक्षण संस्थानों में राइट-टू-एजूकेशन के तहत 10-10 गरीब छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिलाया जाना था।, जिसमें से वर्ष 2024-25 में 175 निजी शिक्षण संस्थानों में 755 गरीब छात्र-छात्राओं को ही प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश दिलाया जा सका है। राइट-टू-एजूकेशन के तहत जिले में 175 प्राइवेट विद्यालयों में 755 गरीब छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिलाने की प्रक्रिया पूर्ण हो गई है। जिले में 829 निजी विद्यालय एक से आठवीं तक के संचालित हो रहे हैं, जिनमें योजना के तहत 10-10 गरीब छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिलाकर लाभान्वित करने के शासन से निर्देश हैं।
इसमें से शहरी क्षेत्र के 175 विद्यालयों ने ही योजना के तहत गरीब छात्र-छात्राओं को लाभान्वित किया है। अन्य निजी विद्यालय राइट-टू-एजूकेशन के तहत गरीब छात्र-छात्राओं को निशुल्क शिक्षा देने में कोई रूचि नहीं दिखा रहे। जनपद में संचालित 829 निजी शिक्षण संस्थानों में 10-10 गरीब छात्रों को प्रवेश कर शिक्षा देने का लक्ष्य है। इस तरह 8290 गरीब छात्र-छात्राओं को इसका लाभ मिलना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र में संचालित हो रहे 654 निजी शिक्षण संस्थान योजना में कोई रूचि नहीं दिखा रहे, जिससे गरीब छात्र-छात्राओं को राइट-टू-एजूकेशन का लाभ नहीं मिल पा रहा है। सभी प्राइवेट शिक्षण संस्थान गरीब छात्र-छात्राओं को प्रवेश देकर निशुल्क शिक्षा देने का कार्य करें। तब गरीब तबके के बच्चों का प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई करने का सपना भी साकार हो सकेगा। 175 निजी स्कूलों ने 419 छात्रों का ही डाटा किया फीड राइट-टू-एजूकेशन के तहत जनपद के 175 विद्यालयों से ही गरीब विद्यार्थियों को प्रवेश देने में रूचि दिलायी है। इन विद्यालयों ने लाटरी में चिन्हित किए गये 856 गरीब छात्र-छात्राओं में से 755 को अपने यहां प्रवेश देकर निशुल्क शिक्षा दिया है। प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं का डाटा ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड किये जाने का कार्य चल रहा है, जिसमें से 57 विद्यालयों में से अब तक 419 प्रवेशित छात्र-छात्राओं का डाटा ऑनलाइन किया गया है। डाटा ऑनलाइन करने की 31 मई अंतिम तिथि शासन से निर्धारित है। स्कूलों ने निर्धारित समय तक पोर्टल पर डाटा फीडिंग नहीं की। ऐसी स्थिति में विद्यालयों में फीस प्रतिपूर्ति धनराशि नहीं मिल सकेगी। छात्र-छात्राओं को भी पाठ्य पुस्तकों की धनराशि नहीं दी जा सकेगी। इसलिए विद्यालय हरहाल में निर्धारित समय पर डाटा फीडिंग कराना सुनिश्चित करें। 80 प्रतिशत गरीब छात्र-छात्राओं को ही मिला योजना का लाभ राइट-टू-एजूकेशन के तहत जनपद में निर्धारित 856 गरीब छात्र-छात्राओं में से निजी शिक्षण संस्थाओं में 755 को प्रवेश दिलाने का कार्य बेसिक शिक्षा विभाग ने किया है। योजना के तहत जनपद में 88 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया गया है। यदि जनपद की सभी निजी शिक्षण संस्थाओं के माध्यम से गरीब छात्र-छात्राओं को प्रवेश देने में रूचि दिखायी जाये तो योजना का शत-प्रतिशत लाभ गरीब बच्चों दिया जा सकेगा। राइट-टू-एजूकेशन के तहत जनपद में एक से 15 दिसंबर तक आवेदन प्राप्त किए गए। 20 दिसंबर तक उनका सत्यापन कराया गया। उसके बाद लाटरी के माध्यम से 856 छात्र-छात्राओं को प्रवेश के लिए चिन्हित किया गया। जनपद के 175 विद्यालयों ने गरीब 755 गरीब छात्र-छात्राओं को प्रवेश देने का कार्य किया है। इनकी वर्तमान में पोर्टल पर फीडिंग का कार्य कराया जा रहा है।-दिनेश कुमार, बीएसए, एटा।
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