बोले एटा: समान वेतन के साथ शिक्षकों को दो सम्मान
Etah News - उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षक अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। मुख्य मांग पुरानी पेंशन बहाली है। शिक्षकों ने कहा कि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है। शिक्षकों को कैशलेस नि:शुल्क चिकित्सा...
माध्यमिक शिक्षक बच्चों की शिक्षा के लिए दिन रात काम करते हैं। देश के भविष्य को बनाने के लिए मेहनत करते हैं, लेकिन ये शिक्षक पिछले कई वर्षों से अपनी कुछ मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। सरकार से गुहार लगा रहे हैं। इनमें से एक मांग है कि चयन आयोग वाले शिक्षकों की नियुक्ति गृह जनपद या उनके मंडल में की जाए, लेकिन सरकार इन मांगों को मानने के लिए तैयार नहीं है। हिन्दुस्तान के बोले एटा अभियान में शिक्षकों ने अपनी मांगों और समस्याओं को खुलकर रखा। जिले में 576 माध्यमिक स्कूल है। इन विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या एक हजार से अधिक है। हम लोगों ने हर काम को पूरी जिम्मेदारी से निभाते है।
अपनी जायज मांगों को लेकर भी हम लोगों को लगातार धरना-प्रदर्शन करना होता है। इन प्रदर्शनों से भी विभागीय जिम्मेदार किसी भी समस्या का हल करने के लिए तैयार नहीं होते है। कुछ मांगे तो ऐसी है जिनका निस्तारण स्थानीय स्तर पर किया जा सकता है। केंद्र और प्रदेश सरकारों को शिक्षकों की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। सबसे अधिक मांग तो पुरानी पेंशन बहाली के लिए मांग की जा रही है। जिला मुख्यालय से लेकर दिल्ली तक पुरानी पेंशन बहाली के लिए धरना दे चुके हैं।
सरकार ने पुरानी पेंशन की शर्तों को नहीं माना है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ एकजुट की ओर से मांग की जा रही थी। दोनों तरफ एनओसी रहित ऑनलाइन मेरिट बेस्ड स्थानतरण किए जाए। इसमें स्थानान्तरित शिक्षकों की वरिष्ठता मूल नियुक्ति तिथि से जारी करने की मांग की गई। अधिकांश विद्यालयों में प्रधानाचार्यो के पद रिक्त है। इन पदों को भरा जाए। शिक्षक मांग कर रहे है कि शिक्षकों को कैशलेस नि:शुल्क चिकित्सा की सुविधा होनी चाहिए।
अभी तक शिक्षकों को यह सुविधा नहीं मिल सकी। वित्त विहीन शिक्षकों की सेवा नियमावली बनाने की भी शिक्षकों की ओर से मांग की गई है। शिक्षक नेता सत्यवीर दिवाकर ने बताया कि परिषदीय परीक्षा तथा मूल्यांकन दरों को सीबीएसई के समान पैसा दिया जाए। प्रवक्ता पद के चयन वेतनमान की विसंगति दूर कर समान रूप से एक वेतन वृद्धि का लाभ देने के लिए भी मांग की गई।
माध्यमिक शिक्ष संघ मांग रहा निशुल्क चिकित्सा सुविधा:उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष मुकेश शर्मा ने बताया कि संघ लगातार शिक्षकों की मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहा है। इसमें प्रमुख मांग पुरानी पेंशन बहाल की जाए। उन्होंने कहा कि धारा 21, 18 और 12 को बहाल करने की मांग की जा रही है। सरकार ने दो माह में वायदा पूरा करने के लिए कहा था। वित्त विहीन शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन लागू करने की मांग की गई है। निशुल्क चिकित्सा सुविधा की मांग करते आ रहे है। अभी तक सरकार ने हमारी मांगों को नहीं सुना है।
माध्यमिक शिक्षक संघ एकजुट होकर देगा धरना
उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ एकजुट के प्रदेश मंत्री सत्यवीर दिवाकर ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग के कार्यालयों में सिटीजन चार्टर लागू किया जाए। पुरानी पेंशन का सामूहिक आदेश जारी किया जाए। उन्होंने कहा कि रिक्त प्रधानाचार्य पदों पर लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार के माध्यम से चयन किया जाए। शिक्षकों को कैशलेस नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा प्रदान किया जाए। आयोग से चयन होने के बाद प्राथमिकता के आधार पर उसके गृह जनपद या मंडल में पद स्थापन किया जाए। विद्यालयों में पद रिक्त होने से एक वर्ष पूर्व ही चयन पक्रिया शुरू कि जाए ताकि नौकरी उपलब्ध हो सकें। परिषदीय परीक्षा तथा मूल्याकन दरों को सीबीएससी बोर्ड के समान किया जाए। उन्होंने बताया कि करीब बीस मांगों के साथ संगठन 21 अप्रैल को लखनऊ में प्रदर्शन करेंगा।
क्या कहना है इनका
शासन स्तर से दफ्तरी और क्लर्क के पद किसी भी तरह की रोक नहीं है। जिले में पद भी खाली हैं। इन पदों के सापेक्ष प्रमोशन के लिए कर्मचारी भी हैं। उसके बाद भी सिर्फ अपनी हठधर्मिता के चलते स्थानीय अधिकारियों ने प्रमोशन पर अघोषित रोक लगाई है। इस रोक को तत्काल हटाया जाए।
-प्रहलाद राम, शिक्षक, एटा।
जिले में माध्यमिक शिक्षा विभाग के 54 एडेड स्कूलों का संचालन हो रहा है। तृतीय और चतुर्थ श्रेणी में लगभग 400 शिक्षणेत्तर कर्मचारी काम कर रहे हैं। शासन स्तर पर आखिरी बार वर्ष 2007-08 में ही पूर्णकालिक कर्मचारियों की भर्ती हुई थी। कर्मचारी डीआईओएस कार्यालय के बाबुओं से खासे त्रस्त हैं।
-राकेश यादव, शिक्षक
शिक्षक की ओर से हर काम जिम्मेदारी से निभाया जा रहा है। कम अवकाश होने के बाद भी कभी किसी काम को मना नहीं किया। उसके बाद भी हम लोगों के ऊपर न तो किसी अधिकारी की नजरें इनायत हुईं। अपनी जायज मांगों को लेकर भी हम लोगों को लगातार धरना-प्रदर्शन करना होता है।
-अजय कुमार यादव, शिक्षक, एटा।
शिक्षक, कर्मचारी कहते हैं कि डीआईओएस कार्यालय में इस समय हम लोगों के एरियर के बिल लंबित हैं। जबकि इनमें किसी भी तरह की कोई कमी नहीं है। जब तक उनकी इच्छा-अपेक्षा को पूरा नहीं किया जाएगा, तब तक बिल पास नहीं होगा। कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण उनके काम देरी से हो पा रहे हैं।
-धर्मेन्द्र उपाध्याय, शिक्षक
कार्रवाई के नाम पर वेतन अवरुद्ध कर दिया जाता है। जबकि उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक नियमावली 1999 में वेतन अवरुद्ध करना किसी भी प्रकार के दंड के रूप में उल्लखित नहीं है। वेतन या वेतन वृद्धि रोकना अनुशासनात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया से शासित होता है। इस लिए जब तक स्थापित नियमों के अधीन औपचारिक आदेश जारी न हो। तब तक किसी भी कार्मिक के वेतन अथवा वेतन वृद्धि को नहीं रोका जाना चाहिए।
-निकिता, शिक्षिका, एटा।
वित्तविहीन विद्यालयों में आउटसोर्सिग से भर्ती बंद की जाये। उनकी नियमित भर्ती की जाये। वर्षो से सेवा दे रहे व्यवसायिक एवं कम्प्यूटर शिक्षकों को नियमित किया जाये। जिससे उनका भी भविष्य सुरक्षित हो सके। आउट सोर्सिग प्रणाली के माध्यम से सेवा दे रहे इन शिक्षकों के आगे नौकरी को लेकर संकट बना रहता है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के कार्यालयों में सिटीजन चार्टर लागू होना चाहिए। जिससे कार्यालय में समय से कार्य हो सके।
-आलोक रानी, शिक्षक, एटा।
बदलते हुए जमाने के हिसाब से हम कर्मचारियों को ट्रेंड किया जाना चाहिए। उसके आधार पर जो लोग ट्रेंड हो जाएं उनको फिर उसी क्षेत्र में आगे भी बढ़ाना चाहिए। आने वाला समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का है। इसके लिए विभाग ने एक ई-लर्निंग मॉड्यूल तैयार किया था। यह मॉड्यूल एआई की आधारभूत जानकारी देता है। हमको इस बारे न तो कोई विशेष जानकारी दी गई और न ही वीडियो देखने का समय दिया गया।
-मनीषा उपाध्याय, शिक्षिका, एटा।
सरकार पेपर लेस वर्किंग पर जोर दे रही है। इसे जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के पटल सहायक मानने को राजी नहीं हैं। हम लोगों के वेतन बिल में भी पेंच फंसाया जाता है। हर महीने वेतन जारी करने से पहले तीन -चार प्रमाण पत्र मांगे जाते हैं। जबकि उनके पास पहले ही सारा रिकार्ड मौजूद है। पुरानी पेंशन बहाली का लाभ मिल सके। सेवा अगणित एवं वरिष्ठता क्रम प्रदान न किये जाने से पुरानी पेंशन लाभ लेने से शिक्षक वंचित रह सकते हैं।
-पूजा उपाध्याय, शिक्षिका, एटा।
दोनों तरफ एनओसी रहित ऑनलाइन मेरिट बेस्ट स्थानांतरण किये जाये। जिसमें स्थानांतरित शिक्षकों की वरिष्ठता मूल नियुक्ति तिथि से ही अगणित की जाये। जिससे शिक्षकों को अन्य सुविधा मिलने में दिक्कत न आये। स्थानांतरण को लेकर शिक्षक-शिक्षिकाओं को तमाम नियमों के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। शिक्षको को समय से एरियर मिलना भी बड़ी समस्या है।
-निशा पांडेय, शिक्षक, एटा।
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