पांव के छाले ही मंजिल का पता बता देते
Farrukhabad-kannauj News - फर्रुखाबाद में साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था अभिव्यक्ति द्वारा आयोजित काव्य गोष्ठी में रचनाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से श्रोताओं को आकर्षित किया। कवियत्री रत्नेश पाल ने महिलाओं पर अत्याचार पर कविता...

फर्रुखाबाद, संवाददाता। साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था अभिव्यक्ति की ओर से आयोजित काव्य गोष्ठी में रचनाकारों ने अपनी सुंदर प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मुग्ध कर दिया। श्यामनगर में गजलकार नलिन श्रीवास्तव के निवास पर हुई काव्य गोष्ठी में कवियत्री रत्नेश पाल ने महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों को लेकर कविता पढ़ी। प्रेमसागर चौहान ने रचनाओं के माध्यम से अतीत का रेखांकन किया। कौशलेंद्र यादव ने समय से जुड़ी रचनाओं को सुनाया और प्रकृति के अनुरूप चलने की प्रेरणा दी। गीता भारद्वाज ने कश्मीर समस्या पर अपनी रचना सुनायी। उपकार मणि उपकार ने गजलों से वाहवाही अर्जित की। डॉ.गरिमा पांडेय के फिल्म में चयनित हुए गीत ने धूम मचा दी।
उन्होंने सुनाया की पांव के छाले ही मंजिल का पता बता देते है, दर्द भी देते हैं और ये ही दवा देते हैं। इस दौरान इंद्रा पांडेय आदि की उपस्थिति रही।
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