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बोले फर्रुखाबाद:बेटों को तो सेना देती है मेडल उनकी मांओं को समाज दे मान

Farrukhabad-kannauj News - मां और बच्चे का रिश्ता सबसे अनमोल होता है। मां अपने बच्चों की भलाई के लिए हर संभव त्याग करती है। खासकर सैनिकों की माताएं, जो अपने बच्चों को देश की रक्षा के लिए भेजने का साहस दिखाती हैं। समाज को ऐसी...

Newswrap हिन्दुस्तान, फर्रुखाबाद कन्नौजSun, 11 May 2025 01:37 AM
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बोले फर्रुखाबाद:बेटों को तो सेना देती है मेडल  उनकी मांओं को समाज दे मान

दुनिया का सबसे अनमोल रिश्ता मां और बच्चे का होता है। यह जगजाहिर है। बच्चे को यदि किसी प्रकार का कष्ट होता है उसे सबसे पहले मां ही भांप लेती है। अपना सब कुछ दांव लगाने के बाद भी बच्चों की परवरिश में किसी तरह की कोई समस्या नहीं आने देती है। आज मां को अपनो से कुछ नहीं बल्कि प्यार चाहिए। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान ने महिलाओं से चर्चा की। गीता कहने लगीं कि बच्चों की सफलता के लिए क्या से क्या नहीं करना पड़ता है। मां से बेहतर त्याग की मिसाल और कोई नहीं हो सकता है। इसमें चाहें अशिक्षित महिला ही क्यों न हो।

सब कुछ दांव पर लगाने के बाद भी वह अपने बच्चों को काबिल बनाने के लिए जीजान लगा देती है। लेकिन यदि किसी का बेटा सैनिक है। तो उसका तो त्याग और तपस्या अन्य माताओं की तुलना में और बढ़ जाती है। एक सैनिक की माता तो उसी समय मेडल की हकदार हो जाती है जब वह अपने बेटे या बेटी को सेना में जाने की अनुमति प्रदान करती है। समाज को ऐसी माताओं को स्नेह और सम्मान का मेडल देना चाहिए। निर्मला कहती हैं कि मां का त्याग और समर्पण किसी से छिपा नहीं है। खुद भूखा रहकर बच्चों की भूख मिटाने वाली एक मां ही होती है। ऐसे में बच्चों का ही कर्तव्य बनता है कि वह यदि कुछ नहीं दे सकते हैं तो कम से कम मां को पूरा सम्मान जरूर दें। इसी के साथ समाज का कर्तव्य है कि वह सैनिकों की माताओं को विशेष आदर प्रदान करें। क्योंकि उन्होंने अपने कलेजे के टुकड़े को समाज के लिए समर्पित कर दिया है। अर्चना गुप्ता कहती हैं कि मां का दर्जा सबसे ऊपर बताया गया है। कोई भी मां अपने बच्चे की तकलीफ देख नहीं सकती। चाहें बच्चा कितना भी बड़ा हो जाए। मां का समर्पण हमेशा रहता है। नीलम कश्यप कहने लगीं कि मां शब्द अपने आप में खूबसूरत है। बच्चे के मुख से जब मां शब्द निकलता है तो यह मां के लिए खूबसूरत तोहफ होता है। मीना कहती हैं कि मां को कुछ नहीं चाहिए बल्कि उन्हें सम्मान की सबसे अधिक जरूरत है, भेदभाव न हो। मां की हमेशा कोशिश रहती है कि बच्चे की अच्छी से अच्छी परवरिश हो। आरती यादव कहती हैं कि एक मां होने के नाते हमारी भी अपेक्षाएं होती हैं उनको भी सम्मानजनक और सुरक्षित वातावरण मिलना चाहिए। मीना का कहना है कि बच्चे जब सफल हो जाते हैं तो यदि सबसे अधिक खुशी होती है तो उसमें एकमात्र मां ही होती है। वहीं एक सैनिक की मां को तो असीम खुशी मिलती है कि उसका बेटा देश के काम आ रहा है। यह सबके लिए गर्व की बात है। इसी दिन की खातिर बेटे को किया था तैयार- मेरा बेटा अंकित सेना में है और इस समय देश की सेवा के लिए पूरी तरह से अलर्ट है। मैने अपने बेटे को बड़े ही लाड़ प्यार के साथ पाला है। सेना में बेटे का भर्ती होने का मन था। उसने तैयारी की और अपना मुकाम हासिल किया। आज मुझे इस बात का गर्व है कि मेरा बेटा सेना में देश की हिफाजत के लिए सरहद पर तैनात है। बेटे से बात भी हो रही है। हम लोग भारत-पाक के बीच जो तनातनी चल रही है उस पर नजर रखे हुए हैं। पहलगाम में जो घटना हुई थी उसका हम लोगों को दुख है। जिस तरह से पाकिस्तान को जवाब दिया जा रहा है वह ठीक है। इस बार पाकिस्तान को करारा जवाब दिया ताकि दोबारा हिमाकत न करे। -श्यामादेवी ेटा अनिल कुमार बार्डर पर तैनात है। मुझे अपने बेटे की बहादुरी और निष्ठा पर पूरा गर्व है। मैं अच्छी तरह से जानती हूं कि मेरा बेटा देश की रक्षा के लिए किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। मैं अपने बेटे की ट्रेनिंग, उसकी काबिलियत और उसके साहस पर गर्व करतीं हूं। आज जिस तरह से तनातनी चल रही है उसमें पाकिस्तान को सबक सिखाना चाहिए जिससे कि दोबारा पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा न दे पाए। मेरा बेटा बहादुर है। उसे सेना में शामिल होने की चाह थी तो उसने मेहनत से नौकरी पायी। आज वह देश की सेवा कर रहा है मुझे खुशी हो रही है। वह बहादुरी से सेना में डटा हुआ है। -नन्हीं देवी मेरा बेटा पंकज यादव बार्डर पर मुस्तैदी से तैनात है। इस समय जो हालात चल रहे हैं उसके बीच बेटे से बातचीत हो चुकी है। आज के समय में जब देश की सुरक्षा और एकता के लिए खतरे बढ़ रहे हैं तो ऐसे में जिस तरह से पाकिस्तान को अपनी सेना सबक सिखा रही है वह बेहद खुशी की बात है। पाकिस्तान पर तो बहुत पहले ही हमला कर देना चाहिए था। हमे अपने बेटे की बहादुरी पर गर्व है। हमें देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी का अहसास करना चाहिए और देश की एकता और अखंडता के लिए काम करना चाहिए। मुझे बेटे पर काफी गर्व है। -मीरा मेरा बेटा अंंकित मिश्रा देश की सरहद पर है। मैं अच्छी तरह से जानती हूं कि मेरा बेटा देश की रक्षा के लिए किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहेगा। बेटा का फौज में होना एक ऐसी भावना है जो हर भारतीय के दिल में होती है। जब एक मां अपने बेटे को फौज में भेजती है तो उसे गर्व और चिंता दोनों महसूस होती हैं। पाकिस्तान को हर हाल में सबक सिखाना चाहिए जिससे कि आतंकवाद की घटनाएं सामने न आने पाएं। मेरे परिवार में सब लोग खुश हैं कि मेरा बेटा देश की सीमा पर है। सबसे बड़ी बात यह कि मेरे बेटे के फौज में जाने के फैसले परिवार के साथ ही

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