तुलसीदास और खुसरो की जन्मस्थली को ASI संरक्षण नहीं, लोकसभा में पीएम मोदी के मंत्री का जवाब
केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में लोकसभा में बताया है कि महान कवि गोस्वामी तुलसीदास और अमीर खुसरो की जन्मस्थलियां एएसआई के अधिकार के तहत संरक्षित स्मारक नहीं हैं।

उत्तर प्रदेश के एटा लोकसभा क्षेत्र में स्थित महान कवि गोस्वामी तुलसीदास और अमीर खुसरो की जन्मस्थलियां भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकार के तहत संरक्षित स्मारक नहीं हैं। साथ ही किसी योजना के अंतर्गत इनके विकास एवं संरक्षण का कोई प्रस्ताव नहीं है। केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में लोकसभा को यह जानकारी दी।
उनसे सवाल किया गया था कि क्या एटा संसदीय क्षेत्र में स्थित खुसरो और तुलसीदास की जन्मस्थली क्रमश पटियाली और सोरों को उनके साहित्यिक और सांस्कृतिक योगदान के मद्देनजर किसी विशेष योजना के तहत संरक्षित और विकसित करने का प्रस्ताव है? इसके जवाब में शेखावत ने बताया कि ASI देशभर में 3,698 केंद्रीय संरक्षित स्मारकों या स्थलों का संरक्षण करता है। हालांकि, एटा लोकसभा क्षेत्र में स्थित अमीर खुसरो और तुलसीदास के जन्मस्थान पटियाली और सोरों ASI के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल सरकार के पास इन स्थलों के संरक्षण और विकास की कोई योजना नहीं है।
अमीर खुसरो का जन्म 13वीं शताब्दी में पटियाली में हुआ था। वे एक महान सूफी कवि, संगीतकार और विद्वान थे। उन्हें भारतीय कव्वाली और ग़ज़ल की शुरुआत करने का श्रेय दिया जाता है। खुसरो ने फारसी और हिंदी के मेल से हिंदवी भाषा को विकसित करने में अहम भूमिका निभाई। उनके दोहों और पहेलियों को आज भी बड़े सम्मान से पढ़ा जाता है।
गोस्वामी तुलसीदास का जन्म 16वीं शताब्दी में सोरों में हुआ था। वे भक्ति आंदोलन के प्रमुख कवि थे और उन्होंने हिंदी भाषा के सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ ‘रामचरितमानस’ की रचना की। तुलसीदास की रचनाओं ने हिंदू धर्म और संस्कृति पर गहरा प्रभाव डाला।