अब अमेरिका से बातचीत का कोई मतलब नहीं, ईरान का ट्रंप को जवाब; संकट में परमाणु वार्ता
ईरान ने इन हमलों के जवाब में इजरायल पर 150 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन हमले किए, जिससे तेल अवीव, यरुशलम और वेस्ट बैंक जैसे शहरों में अलर्ट जारी हुआ।

इजरायल द्वारा ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर किए गए ताजा हमलों के बाद ईरान ने अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता को "बेमानी" करार दिया है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इजरायली हमलों को अमेरिका का समर्थन प्राप्त था और इन हमलों ने वार्ता की संभावनाओं को पूरी तरह खत्म कर दिया है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब मध्य पूर्व में तनाव चरम पर है और परमाणु समझौते की कोशिशें गहरे संकट में पड़ गई हैं।
ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने शनिवार को कहा कि देश पर इजराइली हमलों के बाद अमेरिका के साथ आगामी परमाणु वार्ता ‘‘निरर्थक’’ है। सरकारी टेलीविजन ने एक खबर में यह जानकारी दी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघेई की टिप्पणियों से दोनों देशों के बीच रविवार को ओमान में होने वाली वार्ता पर संदेह के बादल मंडराने लगे हैं।
ईरान का ये बयान सीधे तौर पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जवाब के तौर भी देखा जा रहा है। हाल ही में ट्रंप ने ईरान से अपील की है कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम पर वाशिंगटन के साथ एक समझौता करे और आगाह किया कि इजराइल के हमले ‘‘और भी भीषण हो होते जाएंगे।’’ शुक्रवार के हमलों के बाद, अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में ट्रंप ने सोशल मीडिया मंच ‘ट्रुथ सोशल’ पर कहा कि ‘‘अब भी समय है कि इस नरसंहार को रोका जाए, क्योंकि पहले से योजनाबद्ध आगामी हमले और भी भीषण होंगे।’
खबर में बाघेई के हवाले से कहा गया, ‘‘अमेरिका ने ऐसा काम किया है कि बातचीत का कोई अर्थ नहीं बचा।’’ उन्होंने कहा कि इजराइल ने अपने हमलों के ज़रिए ‘‘आपराधिक कृत्य’’ करके सभी लक्ष्मण रेखाएं पार कर दी हैं। हालांकि, उन्होंने यह कहने से परहेज किया कि वार्ता रद्द कर दी गई है। ईरान की न्यायपालिका द्वारा संचालित मीजान समाचार एजेंसी ने बाघेई के हवाले से कहा, ‘‘रविवार की वार्ता के बारे में फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया है।’’
शुक्रवार, 13 जून 2025 को इजरायल ने तेहरान, इस्फहान और फोर्डो सहित ईरान के प्रमुख परमाणु ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले शुरू किए। इजरायली सेना ने इन हमलों को 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' नाम दिया और दावा किया कि इसका उद्देश्य ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकना है। हमलों में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के चीफ कमांडर हुसैन सलामी और कई शीर्ष परमाणु वैज्ञानिकों की मौत की पुष्टि हुई है, जिससे तेहरान की रक्षा और परमाणु क्षमता को गहरा झटका लगा है।
ईरान ने इन हमलों के जवाब में इजरायल पर 150 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन हमले किए, जिससे तेल अवीव, यरुशलम और वेस्ट बैंक जैसे शहरों में अलर्ट जारी हुआ। ईरानी सशस्त्र बलों के प्रवक्ता जनरल शेकरची ने सरकारी टेलीविजन पर कहा, "इजरायल और अमेरिका को उनके इस दुस्साहस के लिए जोरदार तमाचा मिलेगा।"
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