तालाब पर नहीं हटा अतिक्रमण, 23 मई को कोर्ट ने मांगा है जवाब
Gangapar News - अतिचारियों व स्थानीय प्रशासन की बीच होने वाली वार्ता 23 मई तक रूकीमेजा। समहन गांव के सरकारी तालाब पर अवैध मकान बनाने वालों को कोर्ट ने राहत दे दी। जिस

समहन गांव के सरकारी तालाब पर अवैध मकान बनाने वालों को कोर्ट ने राहत दे दी। जिससे अतिक्रमणकारियों व स्थानीय प्रशासन के बीच नौ मई को आयोजित होने वाली बैठक रोक दी गई। समहन की दलित बस्ती के हरेन्द्र राव सहित 66 लोगों व दो सरकारी स्कूलों ने अपना भवन बना रखा है। तालाब पर अवैध अतिक्रमण को खाली कराने के लिए गांव के एक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में इन अतिक्रमणकारियों के खिलाफ याचिका दायर करते हुए तालाब की जमीन से हटाने की अपील कर रखी थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने डीएम प्रयागराज को कोर्ट से नोटिस देते हुए तालाब पर हुए अतिक्रमण को खाली कराने का निर्देश दिया, लेकिन प्रशासन इक्का दुक्का घर गिराकर अपनी रिपोर्ट कोर्ट को प्रेषित कर चुका है।
इस दौरान दलित बस्ती के हरेन्द्र राव सहित अन्य लोग हाईकोर्ट पहुंच प्रार्थना पत्र देते हुए अनुरोध किया कि उन्हें स्थानीय प्रशासन अब तक भवन बनाने के लिए जमीन नहीं दे रहा है। मामले पर विचार करते हुए कोर्ट ने 23 मई को डीएम व स्थानीय प्रशासन को नोटिस भेजकर जवाब मांग लिया। सूत्रों की मानें तो समहन गांव में सरकारी जमीन उपलब्ध न होने पर स्थानीय प्रशासन ने तालाब की जमीन पर बसे सभी लोगों को बसाने के लिए कठौली गांव की सरकारी जमीन दे रखी है, जिस पर लोग जाने को तैयार नहीं हैं। जिस सरकारी तालाब से अवैध भवन हटाने का निर्देश कोर्ट न दे रखा है, इस तालाब पर दीन दयाल उपाध्याय माडल विद्यालय, जूनियर हाईस्कूल समहन के अलावा कई लोगों के सरकारी आवास व शौचालय भी निर्मित हैं।
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