नर्सरी डालने के लिए पानी का इंतजार
Gangapar News - बाबूगंज में किसान 20 मई के बाद धान की नर्सरी डालने की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन नहर में पानी नहीं आने से वे चिंतित हैं। कुछ किसान ट्यूबेल का उपयोग कर नर्सरी डाल रहे हैं, परंतु उन्हें पानी की कमी का डर...

बाबूगंज, हिन्दुस्तान संवाद। 20 मई के बाद से किसान धान की नर्सरी डालना शुरू कर देता है। लेकिन नहरों पर आश्रित किसानों को नहर में पानी आने का इंतजार रहता है। शारदा सहायक मुख्य नहर जो बाबूगंज से होकर निकलती है उसमें पानी नहीं आने से किसान धान की नर्सरी डालने का इंतजार कर रहे हैं। कुछ किसान ट्यूवेल से या पंपिंग सेट के सहारे नर्सरी तो डाल दिए हैं। लेकिन उनकी चिंता है कि तैयार हो रही नर्सरी का क्या होगा जब नहर में पानी नहीं आएगा। खरीफ की फसलों में धान के लिए सबसे ज्यादा पानी चाहिए। धान की नर्सरी से लेकर काटने से दस दिन पूर्व तक पानी की कमी नहीं होनी चाहिए।
किसानों ने बताया कि धान की सिंचाई पंपिंगसेट से करनी पड़े तो चावल खरीद कर खाना किसान के लिए सस्ता हो जाता है। जब तक शारदा सहायक नहर का पानी किसानों के जरूरत के अनुसार मिलता रहा तब तक नहर के किनारे खेत को धान का कटोरा कहा जाता था। विगत कुछ वर्षों से समय से पानी नहीं उपलब्ध होने से सैकड़ों बीघे खेत बिना रोपाई के रह जाते हैं।
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