वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण में ली गई किसानों की जमीन, फंसा पेच
Gangapar News - वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण में जबरिया ले ली गई किसानों की जमीन, मामला पहुंचा हाईकोर्ट मेजा। जल जीवन मिशन की योजना पकरी सेवार वाटर ट्रीटमेंट प्ला

जल जीवन मिशन की योजना पकरी सेवार वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण में पास पड़ोस के कुछ किसानों की जमीन ले ली गई, इस बात की शिकायत किसानों ने स्थानीय प्रशासन से की, लेकिन कोई सुनवाई न होता देख किसान हाईकोर्ट चले गए। न्यायालय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम प्रयागराज सहित स्थानीय प्रशासन को नोटिस भेजकर जवाब मांग लिया है। तहसीलदार मेजा आकांक्षा मिश्रा व एसडीएम दशरथ कुमार ने बताया कि जमीन की नाप जोख कर किसानों को सन्तुष्ट कर लिया जाएगा। पकरी सेवार गांव के चन्द्र देव यादव सहित कुछ किसानों की जमीन निर्माणाधीन वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से सटी हुई है।
प्लांट निर्माण के समय किसान चन्द्रदेव यादव व अन्य लोग खेत पहुंच मिट्टी खोदाई के लिए चल रहे पुकलैंड को मना कर दिया था, कहा था कि उनकी जमीन की नाप करने कराने के बाद मिट्टी का कार्य किया जाना चाहिए लेकिन निर्माण कार्य करने वाले रोक नहीं लगा सके। परेशान किसान एसडीएम के पास पहुंच प्रार्थना पत्र देते हुए जमीन की नाप कर कार्य कराने की बात कही, लेकिन कुछ न हो सका। किसानों के कहा कि वह अपने हक के लिए कहीं भी जाना पड़े, पीछे नहीं हटेंगे। तहसील क्षेत्र मेजा के विकास खंड मांडा, उरुवा, मेजा व कोरावं के विभिन्न गांवों में शुद्ध पानी की सप्लाई के लिए पकरी सेवार के गंगातट पर लगभग 19 बीघे सरकारी जमीन में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य चल रहा है। इस वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से मेजा व कोरांव तहसील के कुल 453 गांवों का पानी की सप्लाई की जानी है। निर्माण कार्य दक्षिण भारत के हैदराबाद की एक संस्था गजा कंपनी निर्माण कार्य करा रही है। 19 जुलाई 2023 से कार्य प्रारंभ है, जिसे 19 जनवरी वर्ष 2025 में पूर्ण होना था, लेकिन कार्य में देरी से यह कार्य वर्ष 1926 तक पूर्ण होने की संभावना है। सांसद के सवाल का नहीं दे सके थे जवाब मेजा। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य बिना गंगा के जल की जांच किए चालू कर दिया गया है। सप्ताह भर पहले पकरी सेवार के इस प्लांट के औचक निरीक्षण पर पहुंचे कांग्रेस सांसद उज्जवल रमण सिंह ने मौके पर उपस्थित रहे अधिशाषी अभियंता जल निगम प्रवीण कुट्टी से इस बात पर सवाल किया कि उन्होंने गंगा से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में सप्लाई किए जाने वाले पानी की गुणवत्ता की जांच करवाई तो उनके इस सवाल का जवाब अधिशाषी अभियंता नही दे सके थे। उनका दूसरा सवाल था कि निर्माण कार्य में कितने स्थानीय लोगों को रोजगार दिया गया है। इस सवाल का भी न तो कार्यदाई संस्था के पास कोई जबाब रहा और न ही जल निगम के इंजीनियर दे सके। सांसद के सामने पकरी सेवार गांव के रमेश चन्द्र पांडेय सहित कई ने यह भी सवाल उठाया था कि पाइप लाइन बिछाने के नाम पर उनके गांव को पहुंचने वाली पाइप लाइन को जेसीबी से क्षतिग्रस्त तो कर दिया गया, लेकिन पकरी सेवार, दुबेपुर, शंभूचक तक नई पाइप लाइन नहीं बिछाई जा सकी। पाइप लाइन ध्वस्त हो जाने से दो वर्षो से उक्त गांवों को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है।
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