दानेदार यूरिया डीएपी बिगाड़ रही है पर्यावरण की सेहत
Gangapar News - प्रशिक्षण संपन्न बाबूगंज। दानेदार यूरिया व डीएपी पर्यावरण के साथ सेहत भी बिगाड़ रही है।
दानेदार यूरिया व डीएपी पर्यावरण के साथ सेहत भी बिगाड़ रही है। नई तकनीकी से तैयार नैनो यूरिया, डीएपी, सागरिका पर्यावरण के अनुकूल है। यह बातें गुरुवार को किसान क्लब करनाल हरियाणा के 45 प्रगतिशील किसानों के चार दिवसीय विशेष प्रशिक्षण के समापन समारोह के बतौर मुख्य अतिथि इफको कार्डेट के प्रधानाचार्य डीके सिंह ने प्रशिक्षु किसानों को संबोधित करते हुए गुरुवार को कही। उन्होंने कहा कि खेतों की मिट्टी की जांच अवश्य करा लें। कहा कि कृषि वैज्ञानिकों बताए अनुसार तकनीकी खेती से कभी घाटा नहीं हो सकता। इफको कार्डेट के सुमित तेवतिया ने किसानों को खरीफ की फसल में धान की नर्सरी डालते समय नैनो डीएपी से पांच एमएल/प्रतिलीटर के साथ बीज शोधन कर नर्सरी डालने तथा रोपाई से पहले तैयार नर्सरी का उपरोक्त मात्रा से जड़ शोधन कर रोपाई करे तो पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ कल्लों में वृद्धि होगी।
उन्होंने फसल तैयार होने तक नैनो यूरिया प्लस, डीएपी, सागरिका के अलग अलग प्रयोग पर किसानों को जानकारी दी। समापन समारोह में डॉ हरिश्चंद्र, सविता शुक्ला, कमरुज्जमा, सुमित तेवतिया, राजेश सिंह सहित इफको कार्डेट परिवार मौजूद रहा।
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