अमृत सरोवर ही प्यासे, कैसे बुझे गोवंशों की प्यास
Gangapar News - पिछले चार वर्षों में ग्राम पंचायतों को 103 अमृत सरोवरों के लिए धनराशि दी गई, लेकिन केवल 57 पूरे हुए हैं। 46 अभी निर्माणाधीन हैं। पूर्ण अमृत सरोवरों की सज्जा पर लाखों खर्च हुए, लेकिन तालाब सूखे हैं।...
मांडा, हिन्दुस्तान संवाद। ब्लॉक के ग्राम पंचायतों में कुल 103 अमृत सरोवरों के लिए पिछले चार वर्षों में ग्राम प्रधानों को धनराशि दी गई, लेकिन अभी तक केवल 57 अमृत सरोवर ही ब्लॉक के अभिलेखों के अनुसार पूर्ण हो पाए हैं। 46 अमृत सरोवर अभी निर्माणाधीन ही हैं। जो अमृत सरोवर पूर्ण हो चुके हैं, उनकी साज सज्जा पर तो लाखों खर्च हुए, लेकिन तालाबों में धूल उड़ रही है। पूर्ण 57 अमृत सरोवरों में ग्राम पंचायत ढेढ़रा, सैबसा, कुखुड़ी, केड़वर, कोसड़ा खुर्द, गोरैया कला, चिलबिला, तिसेन तुलापुर, धनावल दो, धरांव गजपति, पूरा लच्छन, पियरी, बनवारी खास में दो, बम्हनी हेठार, बेरी, भवानीपुर, मांडा खास, सिकरा में तीन, पयागपुर रमगढ़वा, भरारी द्वितीय, हंडिया, दिघिया, आंधी, गेरुआडीह, चिलबिला, बेला अहिरान, बघौरा खवासान, बेदौली आदि ग्राम पंचायत शामिल हैं।
शेष अमृत सरोवर पूर्ण न होने का कारण तमाम ग्राम प्रधानों ने बताया कि केवल धनराशि की कमी है। आधा अधूरा धनराशि मिलने से अमृत सरोवरों का काम अधूरा पड़ा हुआ है। यह भी जानकारी मिली है कि लगभग 60 अमृत सरोवर पूर्ण हो चुके हैं, लेकिन तकनीकी कारणों से अभी प्रधानों को कार्य पूर्ति प्रमाणपत्र नहीं मिल पाया है और न ही नये बने अमृत सरोवर ब्लॉक के डाटा में जुड़ पा रहे हैं। सिकरा ग्राम पंचायत के अमृत सरोवर संख्या 226 के साज सज्जा में 16 लाख दो हजार 216 रुपये खर्च हुए, लेकिन इस अमृत सरोवर में एक बूंद पानी नहीं है।
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