बोले धनबाद: बूढ़ाबांध का हो सौंदर्यीकरण, नालियां भी बने
कोलाकुसमा वार्ड संख्या 23 में कोड़ाडीह टोला की समस्या बढ़ रही है। यहाँ ड्रेनेज सिस्टम की कमी और गंदा पानी सड़क पर बह रहा है। लोग बूढ़ाबांध तालाब के सौंदर्यीकरण की मांग कर रहे हैं, जो उनके जीवन के लिए...

कोलाकुसमा वार्ड संख्या 23 में आता है। इस वार्ड के कुछ ऐसे भी इलाके हैं जहां नगर निगम की नजर नहीं पड़ी है। वार्ड संख्या 23 में कोड़ाडीह टोला है। कोड़ाडीह से विकास कोसों दूर है। ड्रेनेज सिस्टम नहीं है। घरों का गंदा पानी सड़क पर बहता है। इस टोले में दो तालाब भी हैं। टोलेवासी कहते हैं कि बूढ़ाबांध तालाब टोले वालों के लिए धरोहर है। घनी आबादी होने के बाद भी इस इलाके का एक बूंद गंदा पानी तालाब में नहीं जाने देते हैं। ड्रेनेज सिस्टम नहीं होने के बाद भी तालाब में गंदा पानी जाने से रोकने के लिए टोलेवासियों ने मुकम्मल व्यवस्था की है।
लोगों की मांग है कि तालाब का सौंदर्यीकरण हो। नहाने के साथ साथ तालाब के पानी का उपयोग पीने में भी करते हैं। समझ लीजिए बूढ़ाबांध कोड़ाडीह की जीवनरेखा है। कोलाकुसमा वार्ड संख्या 23 शहर के विकसित इलाकों में आता है। बड़े-बड़े मॉल, मार्केट, अपार्टमेंट, कंपनियों के शोरूम भी है। इसके ठीक पीछे घनी आबादी वाला क्षेत्र कोड़ाडीह है। कोड़ाडीह निगम क्षेत्र में है। निगम को इस टोले से होल्डिंग टैक्स भी मिलता है। कोड़ाडीह टोला में कई समस्याएं हैं। बोले धनबाद के लिए हिन्दुस्तान की ओर से आयोजित संवाद में यहां के लोगों ने टोले की समस्याओं पर चर्चा की। कोडाडीह के लोगो का कहना है कि ब़ूढ़ाबांध का सौंदर्यीकरण होना चाहिए। यह तालाब टोले की जीवन रेखा है। गांव की महिलाएं नहाने,कपड़े धोने, पीने का पानी आदि का उपयोग तालाब के पानी से करती हैं। यह तालाब यहां के लोगों का यानी रैयती है। कोड़ाडीह के लोगों का कहना है कि निगम को इस तालाब का सौंदर्यीकरण अनिवार्य रुप से करनी चाहिए। महिलाएं चाहती है कि तालाब के चारो बगल घाट बने। नहाने के बाद कपड़े बदलने के लिए चेंजिंग रूम बनाया जाए ताकि महिलाओं को नहाने के बाद कपड़े बदलने में सुविधा हो। लोगों ने कहा कि तालाब के ऊपर मंदिर की तरफ से तालाब की चाहरदीवारी भी हो। कोड़ाडीह टोला में घरों का गंदा पानी सड़क पर बहता है इससे आने जाने वाले को दिक्कत होती है। पानी बहने के कारण सड़क भी जहां-तहा से उखड़ रही है। इसी तरह मंडल टोला में बबलू मंडल के घर से बुढ़ाबांध तालाब तक लगभग 300 मीटर नाली नहीं है। लोग चाहते हैं कि निगम नाली का निर्माण करवाए। नाली बन जाने से गंदा पानी तालाब में नहीं जाएगा। नाली नहीं होने के बाद भी टोले के लोग कच्छी नाली बना गंदे पानी को तालाब में जाने से रोक रहे हैं। कहते हैं कि नाली बन जाने से समस्या का स्थायी समाधान हो जाता। कोड़ाडीह में किसी भी बिजली के खंभे पर स्ट्रीट लाइट नहीं है। लोग कहते हैं कि इसकी सूचना हमने कई बार निगम को देने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है। लोगों का कहना है कि कचरा गाड़ी तक टोले में नहीं आता है। कभी कभार महीने दो-चार दिन ही कचरा गाड़ी देखने को मिलता है। इस कारण टोले में जगह जगह कचरे का अंबार है। उमाकांत मंडल के घर से होते हुए अपार्टमेंट के बगल में लगे ट्रांसफार्मर तक नाली निर्माण की जरूरत है। कोड़ाडीड के निवासी भोला नाथ मंडल का कहना है उनके मकान से सटा हाईटेंशन (11 हजार केबी) तार है। बगल में पेड़ है। कई बार शांट सर्किट होने के वजह से पेड़ में आग भी लग चु्की है। घर के बाहर बच्चे-बुजुर्ग बैठे रहते है। हमेशा खतरा बना रहता है। बिजली विभाग से इसकी शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। सुझाव 1. कोड़ाडीह मोहल्ले में आंगनबाड़ी केंद्र खुले। इससे क्षेत्र की महिलाओं और बच्चों को मदद मिलेगी। 2. तालाब का सौंदर्यीकरण करने की जरूरत है। तालाब टोले के लिए बहुत उपयोगी है। 3. टोले में नाली का निर्माण किया जाना चाहिए ताकि सड़कों पर पानी ना बहे। 4. पहले की बनी नाली टूट गई है। इनकी मरम्मत होनी चाहिए। 5. तालाब में घाट व महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम बने। महिलाएं चेकिंग की रूम की मांग करती दिखीं। शिकायतें 1. नगर निगम की कचरा व सफाई गाड़ी नहीं आती है। इससे मोहल्ले में जगह-जगह कचरे का अंबार है। 2. तालाब में घाट नहीं होने के कारण मिट्टी कटाव धंसान हो रहा है। लोगों को नहाने में दिक्कत होती है। 3. टोले में जगह जगह नालियां टूटी हुई हैं। कुछ इलाके हैं जहां नाली बनी ही नहीं है। 4. टूटी हुई नाली की मरम्मत नहीं की जाती है। इससे नाली की सफाई नहीं हो पाती है। 5. कोड़ाडीह में एक भी आंगनबाड़ी केंद्र नहीं है। छोटे छोटे बच्चों को पढ़ने के लिए दूर जाना पड़ता है।
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