क्या है बिजली निगम का मुआवजा कानून? लागू हुए 2 साल बीते, लाभ एक को भी नहीं
मुआवजा कानून का लाभ लेने के लिए उपभोक्ताओं को पावर कॉरपोरेशन के टोल फ्री नंबर-1912 पर मुआवजे के लिए शिकायत दर्ज करानी पड़ती है। भले समस्या दूर हो या न हो, उपभोक्ताओं के पास तय मियाद बीतने के पहले ही समस्या दूर होने के संदेश आ जाते हैं। ऐसे में मुआवजे की दावेदारी उपभोक्ता नहीं कर पाते।

बिजली समस्याएं अगर तय समय में दूर नहीं हुईं तो उत्तर प्रदेश के उपभोक्ताओं को देरी का मुआवजा दिया जाएगा। दो साल पहले पावर कॉरपोरेशन ने मुआवजा कानून लागू करने की घोषणा की थी। हालांकि, दो साल बीत गए हैं, किसी भी उपभोक्ता को इसका लाभ अब तक नहीं मिल पाया है। वजह है, पावर कॉरपोरेशन के सिस्टम की गड़बड़ी। इसको दूर करने के लिए भी बीते साल आदेश हुए थे, लेकिन खामी दूर नहीं की है।
दरअसल, मुआवजा कानून का लाभ लेने के लिए उपभोक्ताओं को पावर कॉरपोरेशन के टोल फ्री नंबर-1912 पर मुआवजे के लिए शिकायत दर्ज करानी पड़ती है। भले ही समस्या दूर हो या न हो, उपभोक्ताओं के पास तय मियाद बीतने के पहले ही समस्या दूर होने के संदेश आ जाते हैं। ऐसे में मुआवजे की दावेदारी उपभोक्ता नहीं कर पाते। वर्ष 2024-25 की बिजली दरें तय करते वक्त जब नियामक आयोग सुनवाई कर रहा था, तब मुआवजा का लाभ उपभोक्ताओं को न मिल पाने की वजहों पर चर्चा हुई थी। आयोग ने टैरिफ आदेश में पावर कॉरपोरेशन को आदेश दिए थे तीन महीने में ओटीपी आधारित समाधान व्यवस्था लागू की जाए।
60 दिन का है नियम
विद्युत संबंधी किसी भी सेवा में कमी के संबंध में तय मुआवजा उपभोक्ताओं को अधिकतम 60 दिनों में देने का नियम है। मिलने वाले मुआवजे की अधिकतम राशि भी तय की गई है। उपभोक्ता को उसके द्वारा वित्तीय वर्ष में दी गई फिक्स/डिमांड चार्ज के 30% से अधिक का मुआवजा नहीं मिलेगा। उदाहरण के लिए, शहरी घरेलू उपभोक्ता को प्रति किलोवॉट प्रतिमाह 110 फिक्स चार्ज देना होता है। अगर एक किलोवाट का कनेक्शन है तो उपभोक्ता सालभर में 1320 फिक्स चार्ज देता है। ऐसे उपभोक्ता, प्रतिवर्ष कुल फिक्स चार्ज का 30 % यानी 396 मुआवजा ले सकते हैं। बकायेदार उपभोक्ताओं को मुआवजा कानून का लाभ नहीं दिए जाने का भी नियम है।
वर्ष 2019 से कवायद
दरअसल, विद्युत उपभोक्ताओं को मुआवजे संबंधी नियम तो विद्युत नियामक आयोग ने वर्ष 2019 में ही जारी कर दिया था। हालांकि, बिजली कपंनियां उसे लागू करने में हीला-हवाली कर रही थीं। इस पर दो साल पहले आयोग ने सख्त रुख अपनाया तो पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन ने मुआवजा कानून प्रदेश भर में लागू कर दिया। पावर कॉरपोरेशन ने इस संबंध में सभी बिजली कंपनियों को आदेश भी जारी किए थे।