ऑर्डिनेंस फैक्ट्री पर CBI का छापा, सेना के अफसर भी साथ; मार्च में पकड़ा गया था जासूस
18 मार्च को इस फैक्ट्री के जूनियर वर्क्स मैनेजर विकास कुमार को पाकिस्तानी के लिए जासूसी करने के आरोप में एटीएस ने गिरफ्तार किया था। वह फैक्ट्री से कई जानकारियां और दस्तावेज पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के एजेंट को भेज रहा था। विकास कुमार पाक एजेंट नेहा शर्मा से फेसबुक के जरिये संपर्क में आया था।

कानपुर की कालपी रोड स्थित आर्डिनेंस फैक्टरी में शुक्रवार को सीबीआई अचानक पहुंची और कई दस्तावेज खंगाले। इस छापेमारी से हड़कंप मच गया। सीबीआई के साथ सेना के अधिकारी भी थे। जांच एजेंसी के साथ सेना के भी अफसर थे। टीम यह पता कर रही है कि यहां पर कोई वित्तीय अनियमितता तो नहीं हुई। बताया जा रहा ये कार्रवाई शनिवार को भी जारी है। बता दें की इसी साल मार्च महीने में इस फैक्ट्री का एक जूनियर वर्क्स मैनेजर पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में पकड़ा गया था।
संयुक्त रूप से ये जांच टीम पता कर रही है कि यहां पर कोई वित्तीय अनियमितता तो नहीं हुई। इसके अलावा यह भी देखा जा रहा है कि कोई और गड़बड़ी पिछले कुछ समय में तो नहीं की गई है। इस फैक्टरी में तोप और उसके गोले ज्यादा बनते हैं।
इसी साल 18 मार्च को इस फैक्ट्री के जूनियर वर्क्स मैनेजर विकास कुमार को पाकिस्तानी के लिए जासूसी करने के आरोप में एटीएस ने गिरफ्तार किया था। वह फैक्ट्री से कई जानकारियां और दस्तावेज पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट को भेज रहा था। विकास कुमार पाक एजेंट नेहा शर्मा से फेसबुक के जरिये संपर्क में आया था। इसके बाद ही वह उसके जाल में फंस गया था। इस कार्रवाई के बारे में सीबीआई के अधिकारी कुछ नहीं बोल रहे है। बताया जा रहा कि पाक के लिए जासूसी करने वाले आरोपितों से पूछताछ में कई जानकारी मिलने के बाद ये टीम फैक्ट्री पहुंची है। इस कार्रवाई के बारे में आर्डिनेंस फैक्ट्री कानपुर के पीआरओ सुधीर यादव ने बताया कि ओएफसी में सीबीआई टीम के आने की कोई जानकारी नहीं है। यहां ऐसा कुछ नहीं हुआ है।
फिरोजाबाद और कानपुर में पकड़े गए थे कर्मचारी
ऑर्डिनेंस फैक्ट्री कानपुर के जेडब्ल्यूएम विकास कुमार को 18 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। जबकि फिरोजाबाद के हजरतपुर की ओईएफ से एक कर्मचारी को एटीएस ने 13 मार्च को गिरफ्तार किया था। उससे हुई पूछताछ के बाद कानपुर में विकास की गिरफ्तारी हुई थी।
विकास ओएफसी में क्लास-टू का राजपत्रित अधिकारी था। गिरफ्तारी के सप्ताह भर बाद उसे निलंबित कर दिया गया था। विकास के पास ओएफसी में सेना के लिए गोले बनाने वाले मशीन सेक्शन की अहम जिम्मेदारी थी। वह ओएफसी के शेल मशीन-गुणवत्ता जांच (एसएम-क्यूसी) अनुभाग का मुखिया था। विकास ओएफसी में सात साल से काम कर रहा था। यहां उसकी भर्ती बतौर चार्जमैन हुई थी।