वक्त बीत रहा है कागज के टुकड़े कमाने में
Ghazipur News - गाजीपुर में वरिष्ठ कवि धर्मेश के आवास पर एक काव्य-गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत धर्मेश की सरस्वती वंदना से हुई। कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं का मन मोह लिया। दिनेश चंद्र शर्मा और...

गाजीपुर, संवाददाता। वरिष्ठ कवि धर्मदेव सिंह यादव 'धर्मेश' के आवास, जंजीरपुर में शनिवार की शाम कामेश्वर द्विवेदी की अध्यक्षता में एक सरस काव्य-गोष्ठी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ धर्मेश की सरस्वती वन्दना से हुआ। ओज के कवि दिनेश चन्द्र शर्मा ने अपनी कविता अगर मौजें डुबो देतीं तो सकून हो जाता, किनारों ने डुबोया है हमें इस बात का ग़म है। सुनाकर श्रोताओं द्वारा खूब प्रशंसा अर्जित की। धर्मेश ने ये जीवन मिला था दूसरों के काम आने के लिए, पर वक्त बीत रहा है कागज के टुकड़े कमाने के लिए। सुनाकर खूब वाहवाही अर्जित की। प्रबन्धकाव्यकार कामेश्वर द्विवेदी की सरस रचना हो बुझानी धरा की अगर प्यास तो, पावनी प्रेम गंगा बहा दीजिए।
काफी प्रशंसित रही और श्रोताओं ने तालियों से भरपूर स्वागत किया। अन्य कवि नागेश मिश्र और हरिशंकर पाण्डेय ने गजल और मधुर गीत प्रस्तुत कर मन मुग्ध कर दिया। दिनेश चंद्र शर्मा ने संचालन किया और धर्मेश ने आभार व्यक्त किया।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।