good news multi story buildings can be built on both sides of agra metro approval received in master plan 2031 गुड न्‍यूज: आगरा मेट्रो के दोनों ओर बन सकेंगी बहुमंजिला इमारतें, मास्‍टर प्‍लान-2031 में मिली मंजूरी, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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गुड न्‍यूज: आगरा मेट्रो के दोनों ओर बन सकेंगी बहुमंजिला इमारतें, मास्‍टर प्‍लान-2031 में मिली मंजूरी

  • टीओडी प्लान के तहत अब आगरा में मेट्रो रेल कॉरिडोर के दोनों ओर 500-500 मीटर तक बहुमंजिला इमारतों के मानचित्र स्वीकृत हो सकेंगे। मेट्रो के आसपास रहने वाले काफी परेशान थे। उन्हें लग रहा था कि एलिवेटेड मेट्रो रेल ट्रैक से उनके भवनों का फ्रंट एलिवेशन खराब हो जाएगा।

Ajay Singh वरिष्‍ठ संवाददाता, आगराTue, 1 April 2025 02:25 PM
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गुड न्‍यूज: आगरा मेट्रो के दोनों ओर बन सकेंगी बहुमंजिला इमारतें, मास्‍टर प्‍लान-2031 में मिली मंजूरी

आगरा मेट्रो रेल परियोजना के दोनों ओर अब बहुमंजिला इमारतें बनाई जा सकेंगी। आगरा विकास प्राधिकरण के मास्टर प्लान-2031 में आगरा मेट्रो रेल परियोजना के ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट प्लान (टीओडी प्लान) को भी मंजूरी मिल गई है। अब ट्रैक के दोनों ओर आठ से लेकर 14 मंजिला इमारतें बनाई जा सकेंगी।

मेट्रो के आसपास रहने वाले काफी परेशान थे। दरअसल उन्हें लग रहा था कि एलिवेटेड मेट्रो रेल ट्रैक से उनके भवनों का फ्रंट एलिवेशन खराब हो जाएगा। जहां से मेट्रो गुजर रही है उसका असर वहां के कारोबार पर भी पड़ेगा। खासकर एमजी रोड को लेकर काफी हो हल्ला हुआ था।

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एमजी रोड के कारोबारियों ने एलिवेटेड ट्रैक का विरोध किया था। उनका कहना था एमजी रोड पर मेट्रो को अंडरग्राउंड बनाया जाए। दरअसल एमजी रोड पर मेट्रो रेल का काम दूसरे कॉरिडोर के तहत किया जा रहा है। दूसरा कॉरिडोर (आगरा कैंट से लेकर कालिंदी विहार) पूरी तरह एलिवेटेड है। लेकिन, अब राहत की खबर है यह है कि मास्टर प्लान 2031 में मेट्रो को टीओडी के प्लान को भी मंजूरी मिल गई है। टीओडी प्लान के तहत अब मेट्रो रेल कॉरिडोर के दोनों ओर 500-500 मीटर तक बहुमंजिला इमारतों के मानचित्र स्वीकृत हो सकेंगे। साफ है कि अब मेट्रो के दोनों ओर बहुमंजिला इमारतें बनाई जा सकेंगी। ये इमारत आठ से 14 मंजिला तक हो सकती हैं।

फिलहाल 30 किमी है मेट्रो कॉरिडोर

आगरा मेट्रो का कॉरिडोर शहर में करीब 30 किलोमीटर लंबा है। पहला कॉरिडोर ताजमहल पूर्वी गेट से सिकंदरा तक है जो करीब 14 किलोमीटर लंबा है और दूसरा कॉरिडोर आगरा कैंट से कालिंदी विहार तक है। जिसकी लंबाई करीब 16 किलोमीटर है। अभी तक मेट्रो कॉरिडोर के आसपास निर्माण कार्य के लिए मेट्रो की अनुमति लेनी पड़ रही है, लेकिन बदली व्यवस्था के तहत विप्रा यहां मेट्रो के समन्वय के आधार पर बहुमंजिला इमारतों के मानचित्र स्वीकृत कर सकेगा।

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व्यावसायिक गतिविधियों को मिलेगा बढ़ावा

आगरा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि मेट्रो रेल परियोजना शहर में जिस इलाके से जा रही है वहां व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। वर्तमान में जहां एक या दो मंजिला के भवन हैं वहां बहुमंजिला इमारत बनने से भवन स्वामियों का आर्थिक विकास होगा। इसका लाभ मेट्रो रेल परियोजना को भी मिलेगा। व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ेंगी। आवागमन की सुविधा के लिए मेट्रो एक सुगम साधन होगा।

मिश्रित भू उपयोग का लाभ मिलेगा

मेट्रो के टीओडी के प्लान के तहत ट्रैक के दोनों ओर बनने वाले भ‌वनों में मिश्रित लैंड यूज मिलेगा। इन भवनों का मानचित्र आवासीय और व्यावसायिक दोनों ही श्रेणी में पास किया जाएगा। प्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) भी पांच तक मिल सकेगा। एफएआर भूखंड के कुल क्षेत्रफल के कुल निर्मित क्षेत्र का अनुपात होता है। जैसे यदि कोई भूखंड 200 वर्गमीटर का है तो उस पर पांच एफएआर निर्माण मान्य है तो कुल 1000 वर्गमीटर निर्मित क्षेत्र में निर्माण किया जा सकेगा। विकास प्राधिकरण के नगर नियोजक प्रोभात कुमार पॉल का कहना है कि मंजिलों को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा। किसी भी भूखंड पर मानचित्र के उसकी एफएआर के आधार पर पास किया जा सकेगा। यह दो मंजिल भी हो सकता है और 10 मंजिल भी हो सकता है।