Successful Whipple Surgery for 34-Year-Old Pancreatic Cancer Patient at AIIMS Gorakhpur व्हिप्पल सर्जरी कर पैंक्रियास के कैंसर का किया सफल ऑपरेशन, Gorakhpur Hindi News - Hindustan
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व्हिप्पल सर्जरी कर पैंक्रियास के कैंसर का किया सफल ऑपरेशन

Gorakhpur News - फोटो- एम्स की टीम ने पहली बार की व्हिप्पल सर्जरी, 10 घंटे तक चला आपरेशन

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरFri, 14 March 2025 01:20 AM
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व्हिप्पल सर्जरी कर पैंक्रियास के कैंसर का किया सफल ऑपरेशन

गोरखपुर, कार्यालय संवाददाता। एम्स ने पैंक्रियास के कैंसर से पीड़ित 34 वर्षीय युवक की व्हिप्पल सर्जरी की है। आठ से 10 घंटे तक चली सर्जरी के बाद मरीज की हालत में सुधार है। इसमें सर्जरी विभाग के अलावा गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और एनेस्थीसिया विभाग का विशेष योगदान रहा। एम्स की कार्यकारी निदेशक सेवानिवृत्त मेजर जनरल डॉ. विभा दत्ता ने पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा है कि अब इस तरह की सर्जरी के लिए मरीजों को कही और जाने की जरूरत नहीं है।

एम्स के मुताबिक, गल्फ कंट्री में काम करने वाले 34 वर्षीय युवक को पीलिया हो गया था। इसके बाद वह भारत आ गया। उसने शहर के एक निजी अस्पताल में इलाज कराया। जांच के दौरान पता चला की पैंक्रियास के कैंसर से पीड़ित है। इस बीच पीलिया बहुत अधिक था। ऐसे में एंडोस्कोपी विधि से पित्त की नली में स्टेंटिंग कर पीलिया कम कर दिया गया। निजी अस्पताल में उसे ऑपरेशन की सलाह दी गई, जिसका खर्च मरीज की आर्थिक स्थिति से बाहर था। इसके बाद परिजन इलाज के लिए सर्जरी विभाग के डॉ. धर्मेंद्र कुमार पीपल दिखाए। डॉ. धर्मेंद्र पीपल ने भर्ती कर इलाज शुरू किया। इस दौरान गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ केडिया की मदद से दूसरी बार एंडोस्कोपी एवं बायोप्सी की गई, जहां पर कैंसर की पुष्टि हुई। इसके बाद ऑपरेशन का फैसला लिया गया। 12 दिन पहले आठ से 10 घंटे तक चले व्हिप्पल विधि से ऑपरेशन के बाद एनेस्थीसिया विभाग की ओर से क्रिटिकल केयर यूनिट में 5-6 दिनों तक रखा गया। एनेस्थीसिया विभाग की टीम ने 24 घंटे निगरानी की। अब मरीज की स्थिति सामान्य है।

यह है व्हिप्पल विधि

डॉ. धर्मेंद्र पीपल ने बताया कि व्हिप्पल ऑपरेशन की बेहद जटिल तकनीक है। इसमें मरीज के पैंक्रियास (अग्नाशय) का दूरस्थ भाग, पित्त नली, डुओडेनम, जेजुनम एवं कैंसर युक्त पैंक्रियास (गाल ब्लैडर) के ऊपरी हिस्से को काट कर निकाला जाता है। इसके बाद बचे हुए हिस्सों को आपस में जोड़ा जाता है। एम्स में सर्जरी और एनेस्थीसिया विभाग की मदद से इस जटिल सर्जरी को अंजाम दिया गया है।

सर्जरी करने वाली टीम में इनकी रही विशेष भूमिका

सर्जरी करने वाली टीम में डॉ. धर्मेंद्र कुमार, डॉ. रवि गुप्ता, सीनियर रेजिडेंट डॉ. रवि प्रकाश, डॉ. शालिनी, एकेडेमिक जूनियर रेजिडेंट डॉ. आदित्य, डॉ. राजेश कन्नन, डॉ. तनुश्री, सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. गौरव गुप्ता, एनेस्थीसिया एवं क्रिटिकल केयर टीम के डॉ. गणेश निमजे, डॉ. भूपेंद्र सिंह, डॉ. संतोष शर्मा, डॉ. विक्रम वर्धन, डॉ. सीमा यादव, डॉ. प्रियंका, डॉ. विजयेता, डॉ. रवि शंकर शर्मा, डॉ. सोनम पटेल, डॉ. गौरव, डॉ. रिया, डॉ. अरुंधति, सिस्टर संगीता शामिल रहीं।

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