मत और मजहब को लेकर कोई भेदभाव नहीं : योगी
Gorakhpur News - सामूहिक विवाह समारोह में सम्मिलित हुए मुख्यमंत्री, नव दम्पतियों को दिया आशीर्वाद कहा-पूर्व की

गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्व की सरकारों में विवाह योजना में 20 हजार रुपये मिलते थे, वह भी चेहरा देखकर। अब बिना मत-मजहब के भेदभाव के गरीब बेटियों को सरकार एक लाख रुपये दे रही है। सरकार ने बेटी के जन्म से कन्यादान तक की जिम्मेदारी ली है। जब अच्छी सरकार होती है तो वह विकास और गरीब कल्याण के कार्यक्रमों को तेजी से आगे बढ़ाते हुए समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करती है। सामूहिक विवाह योजना में प्रति जोड़ा एक लाख रुपये खर्च के शासनादेश के बाद गोरखपुर के खाद कारखाना परिसर में मंगलवार को हुए पहले आयोजन में मुख्यमंत्री ने 1569 नवविवाहित जोड़ों का आशीर्वाद दिया।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोक कल्याणकारी कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने का ही एक अभियान है। यह कार्यक्रम बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना की अगली कड़ी है। सीएम ने कहा कि योजना में मत मजहब को लेकर कोई भेदभाव नहीं है। सामूहिक विवाह में सिर्फ बालिग शामिल होंगे। दहेजमुक्त विवाह होगा। एक से अधिक शादी वाला नहीं शामिल होगा। यह बाल विवाह, बहुविवाह और दहेज प्रथा जैसी सामाजिक रूढ़ियों पर भी प्रहार है। सीएम ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले समाज कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जाति-जनजाति की कन्याओं के लिए केवल 20 हजार रुपये दिये जाते थे। यह धनराशि भेदभाव के साथ दी जाती थी, सभी को नहीं प्राप्त होती थी। 20 हजार की धनराशि भी पर्याप्त नहीं थी। यह धनराशि समय पर भी नहीं मिलती थी। तीन बाढ़ बढ़ाई धनराशि मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद योजना में तीन बार धनराशि बढ़ाई जा चुकी है। शुरुआत में 35 हजार मिलते थे, फिर 51 हजार रुपये। अब सरकार प्रत्येक जोड़े पर एक लाख रुपये खर्च कर रही है। अंतिम पायदान के व्यक्ति का मजबूत होना जरूरी मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सरकार की मंशा हर एक नागरिक के जीवन में परिवर्तन लाने की है। भारत को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनाने के लिए हमें समाज के अंतिम पायदान पर बैठे प्रत्येक व्यक्ति के बारे में सोचना होगा। हमें उसके जीवन में परिवर्तन लाना होगा। इसी परिवर्तन के उद्देश्य से सरकार द्वारा मातृ वंदना योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं योजना, कन्या सुमंगला योजना, आयुष्मान योजना आदि अन्य कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। सामूहिक विवाह योजना भी इसी प्रगतिशील सोच का प्रतीक है।
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