Illegal Tree Cutting Near Amrit Sarovar Forest Official Penalized बड़े ही शातिराना अंदाज में कटवा डाले सरकारी पेड़, Hapur Hindi News - Hindustan
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बड़े ही शातिराना अंदाज में कटवा डाले सरकारी पेड़

Hapur News - अमृत सरोवर के पास ग्राम समाज की भूमि में अवैध रूप से करीब डेढ़ दर्जन पेड़ों को काटा गया, जिसमें पेड़ों की जड़ें भी खुदवाई गईं। शिकायत के बाद वन रेंजर ने जांच की और गूगल मैप से पेड़ों के कटने का सबूत...

Newswrap हिन्दुस्तान, हापुड़Mon, 9 June 2025 02:27 AM
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बड़े ही शातिराना अंदाज में कटवा डाले सरकारी पेड़

अमृत सरोवर के पास ग्राम समाज की भूमि में खड़े करीब डेढ़ दर्जन पेड़ों को अवैध रूप में कटवाते हुए सबूत मिटाने के उद्देश्य से उनकी जड़ भी खुदवा ली गईं, जिसका गूगल मैप से खुलासा होने पर आरोपी वन कर्मी पर कार्रवाई की गई है। गढ़ क्षेत्र के गांव खिलवाई निवासी सुनील त्यागी ने संपूर्ण समाधान दिवस में शिकायत की थी। जिसमें उल्लेख किया गया था कि अमृत सरोवर के पास ग्राम सामज की भूमि में खड़े करीब डेढ़ दर्जन यूकेलिप्टस के पेड़ों का ग्राम प्रधान ने हल्का लेखपाल की मिलीभगत से अवैध रूप में कटान करा लिया है। वन रेंजर करणसिंह ने 17 मई में शिकायत कर्ता को मौके पर साथ ले जाकर जांच पड़ताल की तो सारी हकीकत खुलकर सामने आ गई।

शिकायतकर्ता द्वारा संबंधित स्थल को दिखाया गया मगर वहां कटे हुए पेड़ों का कोई अवशेष बरामद नहीं हो पाया। मिट्टी खुदवाकर देखी गई तो पेड़ों की जड़ भी गायब मिलीं। रेंजर ने बताया कि संबंधित स्थल को देखने से ऐसा प्रतीत हुआ कि पेड़ों का कटान किया गया है, जिसके आधार पर मौजूद ग्रामीणों के बयान दर्ज किए गए। जिन्होंने बताया कि प्रधान अंजू व्यागी ने माह जनवरी में पेड़ों को अवैध रूप से कटवाया था। जिसके आधार पर पूर्व का गूगल मैप निकलवाया गया, जिसमें पेड़ों का छत्र दिखाई दिया, जो वर्तमान के गूगल मैप में पूरी तरह गायब पाया गया है। जिससे प्रमाणित होता है कि उक्त स्थल पर पेड़ उगे हुए थे, जिन्हें बिना मूल्यांकन अथवा नीलामी कराए बिना ही कटवा दिया गया है। रेंजर का कहना है कि पेड़ कटते समय शिकायतकर्ता ने हल्का लेखपाल समेत वन विभाग के संबंधित कर्मचारी को फोन भी किया गया था, परंतु उनके द्वारा कोई भी रोकटोक अथवा कार्रवाई नहीं की गई। रेंजर ने बताया कि गलत रिपोर्ट प्रेषित करने पर वन कर्मी को चार्ज से हटा दिया गया है। संबंधित स्थल ग्राम सामाज से जुड़ा है, जिस कारण अन्य दोषियों के विरुद्ध राजस्व विभाग द्वारा कार्रवाई किए जाने की अपेक्षा की जा रही है। शिकायत कर्ता का यह भी आरोप है कि इससे पहले भी गांव में हुए मनरेगा कार्यों में लाखों की घपलेबाजी का खेल होने पर ग्राम प्रधान दंडित हो चुकी हैं।

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