सी- परीक्षा परिणाम पर रखी विशेषज्ञों ने अपनी अपनी राय
Hathras News - हाथरस में सीबीएसई बोर्ड ने इंटरमीडिएट का परीक्षा परिणाम जारी किया। परिणाम संतोषजनक रहे, लेकिन छात्रों के अंक पिछले वर्षों की तुलना में कम आए हैं। बोर्ड ने व्यावसायिक और क्रियात्मक शिक्षा पर जोर दिया...

हाथरस: मंगलवार दोपहर को सीबीएसई बोर्ड ने इंटरमीडिएट का परीक्षा परिणाम जारी कर दिया। जनपद के परीक्षा परिणाम को लेकर जनपद के विभिन्न सीबीएसई स्कूल के संचालकों ने अपनी अपनी राय रखी। सीबीएसई बोर्ड छात्रों की बेहतरी के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है। जिले का परीक्षा परिणाम काफी संतोषजनक रहा। छात्रों के मेरा माता-पिता से कहना है कि अपने बच्चों के।अंको को किसी और बच्चे से तुलना ना करें और अपने बच्चों में सारी संभावनाएं देखें। डॉक्टर, जगदीश शर्मा,सीबीएसई,सिटी कार्डिनेटर। -- सीबीएसई की ओर से अब व्यावसायिक और क्रियविटी शिक्षा पर जोर दे रही है। जिस वजह से तमाम परीक्षार्थियों के अंक फीसद कम आए है।
सीबीएसई बोर्ड चाहता है कि छात्र छात्राओं को ऐसी शिक्षा दी जाए,जिससे कि आगे भविष्य में यदि नौकरी न लग सके। तो वो अपना व्यापार करके अपनी जीविका चला सके। उमाशंकर शर्मा, प्रबंधक,आरपीएम इंटर कालेज। --- परीक्षा में इस बार पेपर का पैटर्न में बदलाव था,जिस वजह से छात्रों के अंक फीसद कम रहे। योग्यता आधारित प्रश्नों का समावेश पेपर में रहा। सीबीएसई चाहता है कि किताबी ज्ञान के साथ साथ परीक्षार्थियों को इस तरह तैयार किया जाए,जिससे वो अन्य शैक्षिक ज्ञान को अर्जित कर सके। दीपक सेंगर,प्रधानाचार्य, ओएमवी इंटरनेशनल स्कूल। --- परीक्षा में टॉपर्स के प्रतिशत में हालिया गिरावट की प्रवृत्ति एक संतुलित और यथार्थपरक मूल्यांकन प्रणाली की दिशा में बदलाव को दर्शाती है। सीबीएसई अब अंकों की अत्यधिक बढ़ोतरी की प्रवृत्ति से हटकर इस ओर बढ़ रही है कि अंक छात्रों की वास्तविक समझ और ज्ञान के प्रयोग को सही तरीके से दर्शाएं। रनवीर पाठक,प्रबंधक,डीएलपी पब्लिक स्कूल। --- सीबीएसई बोर्ड छात्रों की बेहतरी के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। जिससे कि छात्रों का विकास हो सके। वैश्विक मानकों के अनुरूप: कई अंतरराष्ट्रीय शिक्षा प्रणालियों में अत्यधिक अंक नहीं दिए जाते। सीबीएसई का यह नया दृष्टिकोण भारतीय मूल्यांकन को वैश्विक मानकों के करीब लाता है। रजनेश कुमार,प्रबंधक,आरबीएस पब्लिक स्कूल। --- परीक्षा परिणाम संतोष जनक रहा है। बच्चों को मोबाइल से पढ़ने का ज्यादा लगाव है। जिसकी वजह से बच्चे नियमित रूप से स्कूल नहीं आना चाहते। सीबीएसई बोर्ड बच्चों की पढ़ाई को लेकर काफी गंभीर है। लगातार नए नए प्रयास सीबीएसई बोर्ड की ओर से किये जा रहे हैं। अरूण शर्मा,प्रधानाचार्य,लार्ड कृष्णा पब्लिक स्कूल।
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