कोर्ट में नहीं देंगे बयान,वरना करनी पड़ेगी आत्महत्या
Hathras News - फोटो कैप्शन- कोर्ट में नहीं देंगे बयान,वरना पड़ेगी आत्महत्याकोर्ट में नहीं देंगे बयान,वरना पड़ेगी आत्महत्याकोर्ट में नहीं देंगे बयान,वरना पड़ेगी आत्मह

-कुछ पीड़िताओं ने दाम्पत्य जीवन बर्बाद होने के डर से कोर्ट में बयान देने से किया इंकार -प्रोफेसर की करतूत का खुलासा करने वाली पीड़िताओं ने बताई अपनी मजबूरी -पीड़ित छात्राओं ने पुलिस को दिए बयानों में किया खुलासा प्रोफेसर कांड हाथरस, कार्यालय संवाददाता। प्रोफेसर रजनीश ने कई छात्राओं को अपने जाल में फंसा रखा था। वह दुष्कर्म करने के बाद उन्हें धमकी देता था कि अगर किसी को कुछ बताया तो जिंदगी बर्बाद कर देगा। यही कारण है कि पीड़ित छात्राएं खुलकर बयान देने के लिए आगे नहीं आईं। इसके आलावा जिन पीड़िताओं ने बयान दिया है उन्होंने कोर्ट में न जाने की मजबूरी बताई है।
साथ ही यह भी कहा है कि कोर्ट में बयान देना पड़ा तो उनका दाम्पत्य जीवन बर्बाद हो जाएगा, ऐसे में उनके सामने आत्महत्या के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचेगा। प्रोफेसर रजनीश कई साल तक नौकरी लगवाने और परीक्षा में अच्छे अंक बढ़वाने के नाम पर छात्राओं का यौन शोषण करता रहा, लेकिन धमकी के कारण कोई छात्रा कानूनी कार्रवाई कराने की हिम्मत नहीं जुटा सकी। वर्ष 2023 से एक छात्रा ने शिकायतों का सिलसिला शुरू किया। अब फरवरी 2025 में एक गुमनाम शिकायती पत्र राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष को भेजा गया। उस शिकायती पत्र के साथ साक्ष्य के तौर पर सीडी संलग्न की गयी। शिकायत में लिखा गया कि बागला डिग्री कालेज में कार्यरत प्रवक्ता रजनीश कुमार द्वारा छात्राओं को नौकरी और अच्छे नंबर दिलवाने के नाम पर शारीरिक शोषण किया गया है। प्रोफेसर गलत काम करते हुए की वीडियो बनाता था और हमें ब्लैकमेल करता था। बार बार भूख मिटाने के लिए कालेज और अपने घर पर बुलाता था। इससे तंग आकर मैंने पहले एक शिकायत इसके अश्लील फोटो और वीडियो की सीडी लगाकर अपना नाम छिपाते हुए गलत नाम से की थी, लेकिन मेरी शिकायत को फर्जी तरीके से वापस करा दिया था। इसलिए रजनीश पर कोई कार्रवाई नहीं हो सके। प्रोफेसर को कुछ लोग सहयोग कर रहे हैं। इतना सब कुछ होने के बाद भी रजनीश को चीफ प्रोक्टर बना रखा है। आखिरी उम्मीद मानकर भेजा था शिकायत पत्र शिकायतकर्ता ने लिखा है कि आखिरी उम्मीद मानते हुए मैं यह शिकायती पत्र लिख रही हूं। शायद मुझे मोदी जी और योगी जी के सुशासन में न्याय मिल सके और रजनीश को कठोर सजा मिल सके। पीड़िता ने लिखा है कि पत्र के साथ सीडी देखकर प्रोफेसर को कठोर सजा दिलवाई जाए। अगर इसे सजा नहीं मिली तो यह मेरा आखिरी लेटर होगा और मैं यह समझ जाऊंगी कि कमजोर को कहीं न्याय नहीं मिल सकता है। उसके बाद मैं आत्महत्या कर लूंगी। इस पत्र में भी मैं अपना नाम पता नहीं लिख रही हूं, क्योकिं वह मुझे मरवा सकता है। पीड़िता ने इसकी एक प्रति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी भेजी थी। अब इस प्रकरण में अगली सुनवाई 27 जून को होगी। 2022 में किया था प्रोफेसर ने दुष्कर्म सासनी क्षेत्र की एक पीड़िता ने अपने बयानों में कहा कि उसने बागला डिग्री कालेज से स्नातक किया है। वर्ष 2020 में परीक्षा में दो विषयों में बैक आ गया था। इसका रिजल्ट अगस्त 2021 जुलाई अगस्त में आया। वर्ष 2022 के प्रारम्भ की घटना है। वह अपना रिजल्ट लेने के लिए डिग्री कालेज गई थी। रिजल्ट देने से पूर्व उसे सभी विभागों से नोडयूज लेना था। वह भूगोल विषय के प्रोफेसर रजनीश सर के पास अपना नोडयूल कराने गयी। वह उस समय चैम्बर में अकेले बैठे थे। जैसे ही वह पहुंची तो उन्होंने उसे पकड़ लिया और उसके साथ अश्लील हरकते करते हुए शारीरिक दुष्कर्म किया तथा धमकाया कि अगर कहीं पर शिकायत की तो तुम्हारा कैरियर चौपट कर दूंगा। इसके बावजूद इसकी शिकायत जिम्मेदारों से की तो वह मुस्कराने लगे। कहने लगे के एडजेस्ट होकर एनंजाय करिये। वह रजनीश की धमकी से डर गई और यह बात किसी को नहीं बताई। साहब मेरी शादी हो गई है। मेरे पास एक बेटा भी है। मैं कहीं कोर्ट कहचरी में बयान देने नहीं जाऊंगी। आपके पूछने पर मैंने आप लोगों पर विश्वास करते हुए सारी बात सच सच बता दी है। यदि मुझ पर कोर्ट में बयान देने के लिए दबाव डाला जायेगा तो मेरी सामाजिक बदनामी होगी और मेरा दाम्पत्य जीवन खराब हो जाएगा। मासूम इकलौते बेटे का भविष्य अंधकार मय हो जाएगा। ऐसी स्थिति में मेरे पास आत्महत्या करने के अलावा अन्य कोई विकल्प शेष नहीं रह जाएगा। पत्नी बीमार होने का बहाना बनाकर ले गया था घर सासनी क्षेत्र की एक अन्य पीड़िता ने पुलिस को अपने बयान दिये। उसने बयानों में कहा है कि साहब मैं बहुत गरीब हूं। मेरे पिता बुजुर्ग हैं। अब मेरी शादी हो चुकी है। प्रोफेसर मेरी गरीबी का फायदा उठाकर एक दिन वर्ष 2022 में मुझे अपने घर ले गया। प्रोफेसर ने कहा कि उसकी पत्नी अस्वस्थ रहती है। इसलिए पत्नी के साथ थोड़ा बहुत बैठ लिया करो। प्रोफेसर की बातों का विश्वास करके मैं उसके घर चली गई। वह भी मेरे पीछे पीछे घर पहुंच गया। घर पर उस समय उसकी पत्नी नहीं थी। मैंने जब पूछा तो प्रोफेसर ने कहा पत्नी एक स्कूल चलाती है। बच्चों को पढ़ाने के लिए गयी है। मैं वहां से निकलकर चलने लगी तो इसने पीछे से मुझे दबोच लिया और मेरे साथ अश्लील हरकत करते हुए दुष्कर्म किया। धोखे से वीडियो बना ली। इसलिए यह बात डर के कारण अपने परिवार वालों को नहीं बताई। कोर्ट में बयान देने से मेरी बदनामी होगी। मेरा दाम्पत्य जीवन टूट जायेगा। मेरे पास आत्महत्या करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। डीएम के आदेश पर भी जांच में हुई थी लीपापोती तत्कालीन डीएम अर्चना वर्मा ने शिकायत प्राप्त होने के बाद वर्ष 2023 में एसडीएम सदर और सीओ सिटी की दो सदस्यीय टीम गठित कर दी। उन्हें आदेश दिये कि वह इस प्रकरण की जांच करें, लेकिन दोनों ही अधिकारियों ने जांच के नाम पर खानापूरी कर मामले को खत्म कर दिया। पुलिस को बनना पड़ा वादी इस शिकायती पत्र के बाद महिला आयोग ने पुलिस प्रशासन को कार्रवाई के निर्देश दिये तो हाथरस गेट के उपनिरीक्षक खुद ही वादी बने और प्रोफेसर के खिलाफ दुष्कर्म और आईटीएक्ट की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराया। प्रयागराज से हुई थी प्रोफेसर की गिरफ्तारी मुकदमा दर्ज होने के बाद प्रोफेसर रजनीश शहर छोड़कर फरार हो गया। वह किसी तरह से हाईकोर्ट से स्टे आर्डर लाने की कोशिश में जुटा था। इसलिए वह यहां से भागकर प्रयागराज पहुंच गया, लेकिन 19 मार्च को हाथरस पुलिस ने रजनीश को प्रयागराज से गिरफ्तार कर लिया और 20 मार्च को उसे कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया। एफएसएल से रिपोर्ट आना अभी बाकी पुलिस ने प्रोफेसर रजनीश कुमार से बरामद लैपटॉप, मोबाइल, सीडी और ऑडियो को परीक्षण के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला आगरा भेजा गया है। पुलिस को अभी उसकी रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। पुलिस ने इन साक्ष्यों को 14 अप्रैल को भेजा है। प्रोफेसर रजनीश मूलरूप से गांव जावरा थाना मांट जिला मथुरा का रहने वाला है। हाल निवासी चमन बिहार कॉलोनी हाथरस का है। फोटो कैप्शन- 46 प्रोफेसर रजनीश कुमार
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