महाकुंभ भगदड़ की जांच तेज, 15 पुलिसवालों के बयान दर्ज; आज मौके पर दोहरा सकते हैं दृश्य
- न्यायिक आयोग ने पुलिस विभाग के 30 जिम्मेदार चिह्नित कर लिए हैं।सोमवार को सर्किट हाउस में इनमें से 15 पुलिस अफसरों और जवानों के बयान कलमबंद किए गए। मंगलवार को शेष 15 के बयान दर्ज होंगे। इसके साथ ही मंगलवार को संगम क्षेत्र का मौका मुआयना भी होगा,

Investigation into the Maha Kumbh Stampede: मौनी अमावस्या पर 28 जनवरी की रात मेला क्षेत्र में हुई भगदड़ की जांच को गठित न्यायिक आयोग की टीम सोमवार को प्रयागराज पहुंची। टीम के सदस्यों ने पुलिस विभाग के 30 जिम्मेदार चिह्नित कर लिए हैं, जिसके बाद सोमवार को सर्किट हाउस में इनमें से 15 पुलिस अफसरों व जवानों के बयान कलमबंद किए गए। मंगलवार को शेष 15 के बयान दर्ज होंगे। इसके साथ ही मंगलवार को संगम क्षेत्र का मौका मुआयना भी होगा, जिसमें भगदड़ के हालात को दोहराया (री क्रिएट) भी जा सकता है। जिससे दर्ज बयानों के आधार पर इसका मिलान किया जा सके।
मौनी अमावस्या पर 28 जनवरी को आधी रात के बाद संगम क्षेत्र में भगदड़ मच गई थी। जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस हर्ष कुमार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया था। सोमवार को न्यायमूर्ति हर्ष कुमार के साथ सदस्य रिटायर आईएएस डीके सिंह व रिटायर आईपीएस वीके गुप्ता भी आए। दोपहर बाद सर्किट हाउस में मेला से जुड़े पुलिस के आला अफसरों से लेकर मौके पर मौजूद एक-एक जवान से सवाल किए। चर्चा रही कि टीम के सदस्यों ने जो सवाल पूछे उसमें भीड़ कब से बढ़ रही थी। घटना के वक्त कौन-कहां मौजूद था। उस वक्त मेला क्षेत्र में किस जगह पर कितनी भीड़ थी।
आखिर कैसे लोग आगे बढ़ रहे थे। वापसी मार्ग पर क्या स्थिति थे। इसका इस्तेमाल किया गया या नहीं। संगम नोज कब से चोक था। यहां पर कितनी बार श्रद्धालुओं को हटने के लिए कहा गया, जैसे और कई सवाल पूछे गए। टीम के सदस्यों ने बयान दर्ज करने में कोई जल्दबाजी नहीं की। हर बयान पर कई और सवाल किए गए। एक-एक अधिकारी से 30 से 45 मिनट तक हर बात को पूछा गया। अब बयान के आधार पर मिलान किया जाएगा।
अभी इनके भी लिए जाएंगे बयान
पुलिस के अफसरों के बाद, प्रशासनिक अफसरों, एम्बुलेंस चालकों, मेडिकल स्टाफ से भी पूछताछ आगे के दिनों में की जाएगी। फिलहाल इनसे कब बात होगी, यह तय नहीं है।
मिलने पहुंचे ये अधिकारी
टीम के प्रयागराज आने पर मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत, पुलिस आयुक्त तरुण गाबा, डीआईजी महाकुम्भ वैभव कृष्ण, डीएम महाकुम्भ नगर विजय किरन आनंद, डीएम प्रयागराज रविंद्र कुमार मांदड़ सहित अन्य अफसर मिलने पहुंचे। इनसे मुलाकात के बाद टीम ने पुलिस अफसरों का बयान दर्ज करना शुरू किया।
जांच के मुख्य बिंदु
- घटना का कारण क्या था। किसकी लापरवाही थी।
- इसकी जानकारी पर क्या किया गया।
- दूसरे स्नान पर्व पर सुरक्षा के लिए क्या-क्या प्रबंध हुए।
- सहायता कितनी देर में पहुंची।