Inspection Reveals Poor Conditions at Diloo Nagla Hospital Urgent Improvements Required बिना ट्रीटमेंट चढ़े कई मरीजों की रखी मिलीं बीएसटी से सीएमएस नाराज, Kannauj Hindi News - Hindustan
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बिना ट्रीटमेंट चढ़े कई मरीजों की रखी मिलीं बीएसटी से सीएमएस नाराज

Kannauj News - छिबरामऊ के दिलू नगला गांव स्थित सौ शैय्या अस्पताल की अव्यवस्थाओं के चलते सीएमएस डॉ. सुनील कुमार सिंह ने अस्पताल का निरीक्षण किया। मरीजों की बढ़ती संख्या और बेड की कमी से तीमारदारों को परेशानी हो रही...

Newswrap हिन्दुस्तान, कन्नौजTue, 17 June 2025 12:27 AM
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बिना ट्रीटमेंट चढ़े कई मरीजों की रखी मिलीं बीएसटी से सीएमएस नाराज

छिबरामऊ, संवाददाता। दिलू नगला गांव स्थित सौ शैय्या अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर लगातार आपके अपने हिन्दुस्तार अखबार में प्रकाशित हो रही खबरों को संज्ञान में लेते हुए अस्पताल के इमरजेंसी समेत अन्य वार्डों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्हें तमाम समस्याएं देखने को मिलीं। साथ ही इमरजेंसी में कई दिनों से भर्ती मरीजों की बीएसटी बिना ट्रीटमेंट चढ़े रखी हुई मिलने से नाराजगी जताई। इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों को व्यवस्था बेहतर रखने के आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। सौ शैय्या अस्पताल में चार-पांच दिनों से बढ़ी भीषण गर्मी और उमस के चलते मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। यहां तक कि इमरजेंसी के साथ ही गायनी के सभी वार्ड मरीज भर्ती होने के चलते फुल चल रहे थे।

यहां तक कि उनके साथ आने वाले तीमारदारों को बैठने के लिए स्थान तक नहीं मिल पा रहा था। ऐसे में बेडों की चादर को ही जमीन पर बिछाकर वह मरीज के पास बैठने को लेकर मजबूर हो रहे थे। इन सभी समस्याओं को आपके अपने हिन्दुस्तान अखबार ने प्रमुखता से प्रकाशित किया, जिसका असर यह हुआ कि खबरों को संज्ञान में लेते हुए सोमवार को सीएमएस डॉ.सुनील कुमार सिंह ने अस्पताल के इमरजेंसी समेत अन्य वार्डों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने वार्डों में भर्ती मरीजों से भी जानकारी ली। वहीं कई अव्यवस्थाएं मिलने पर उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों को व्यवस्था बेहतर रखने के आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। वहीं अस्पताल के वार्डों में कई ऐसे मरीज भर्ती मिले, जो दो-तीन दिन भर्ती थे, लेकिन उनकी बीएसटी में किसी भी तरह का कोई ट्रीटमेंट नहीं चढ़ा था, जबकि मरीजों का इलाज किया जा रहा था। इस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए स्वास्थ्यकर्मियों के निर्देश दिए कि बीएसटी में ट्रीटमेंट चढ़ा होने के बाद ही मरीजों को दवाएं लगाई जाएं। किसी भी डॉक्टर के मौखिक रूप से मरीज का ट्रीटमेंट न करें। यदि कोई मामला बिगड़ता है, तो स्वास्थ्यकर्मी स्वयं जिम्मेदार होगा। उधर, सीएमएस ने बताया कि अस्पताल की व्यवस्था बेहतर रखने के प्रयास किया जा रहे हैं। तीमारदारों के बैठने के लिए स्टूल की व्यवस्था कराई जा रही है। साथ ही बेडों पर बिछने वाली चादर की एक कर्मचारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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