हलीम बीबी मामले में दूसरा गवाह बोलने और सुनने में है अक्षम
Kannauj News - छिबरामऊ में हलीमा बीबी के मृत्यु प्रमाणपत्र की जांच में नया मोड़ आया है। गवाहों की हालत गंभीर है, जिससे प्रमाणपत्र की वैधता पर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय प्रशासन ने दीपकपुर में भी संबंधित संपत्तियों की...

छिबरामऊ, संवाददाता। पाकिस्तान चली गई हलीमा बीबी के बनवाए गए मृत्यु प्रमाणपत्र की जांच में एक बार फिर नया पेंच फंस गया है। जहां पहला गवाह पूरी तरह से मुकुर गया था। वहीं दूसरे गवाह की हालत काफी दयनीय है। वह बोलने और सुनने में पूरी तरह अक्षम है। ऐसी स्थिति में अब सिर्फ सफाई नायक की रिपोर्ट ही महत्वपूर्ण साबित होगी। छिबरामऊ के मोहल्ला बिरतिया निवासी अब्दुल कयूम जमीदार थे, उनकी छिबरामऊ देहात समेत क्षेत्र के कई गांवों समेत फर्रुखाबाद जनपद में भी काफी जमीनें थीं। उन्होंने वर्ष 1923 में अपनी बेटी हलीमा बीबी को अपनी सभी संपत्तियों का केयरटेकर के रूप में वारिस बनाया था।
उन्हें उन जमीनों की देखरेख करनी थी। वह न तो उन जमीनों की बिक्री कर सकती थी और न ही कोई अन्य कार्य। भारत-पाकिस्तान के बटवारे में वर्ष 1948 में हलीमा बीबी पाकिस्तान चली गई। उसके बाद से अब्दुल कयूम से जुड़ी संपत्ति लावारिस हो गई। उनका कोई भी असल वारिसान यहां नहीं बचा, जिसका भूमाफियाओं ने फायदा उठाना शुरू कर दिया। इस दौरान वर्ष 2018 में मोहल्ला बिरतिया निवासी मो.सफीउद्दीन ने हलीमा बीबी का नगरपालिका से मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाया लिया। जब इसकी जांच कराई गई, तब कई रहस्यों से पर्दा उठा। पता चला कि जब हलीमा बीबी पाकिस्तान चली गई और उसके बाद से वापस नहीं लौटी, तो फिर यहां उनका मृत्यु प्रमाणपत्र कैसे बन गया। एसडीएम के निर्देश पर जब इसकी जांच शुरू हुई, तब पता चला कि मो.सफीउद्दीन ने मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए आवेदन किया था, जिसमें मो.जाकिर उर्फ पप्पू और मो.सगीर ने गवाही के रूप में अपने हलफनामे दाखिल किए थे। जांच के दौरान पता चला कि मो.सफीउद्दीन की मौत हो चुकी है। इसके बाद दोनों गवाहों और नगरपालिका के सफाई नायक प्रभुदयाल को नोटिस जारी किए गए। नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि एक गवाह मो.जाकिर ने लिखकर दे दिया है कि उसे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। वहीं दूसरे गवाह ने बताया कि वह बीमार है और चलने-फिरने में लाचार है। ऐसे में सोमवार को अधिशासी अधिकारी उसके घर बयान दर्ज करने पहुंचे, तो पता चला कि वह बोलने और सुनने में भी पूरी तरह अक्षम्य हैं। ईओ ने बताया कि अब सफाई नायक प्रभु दयाल की रिपोर्ट महत्व पूर्ण होगी, कि उन्होंने किस आधार पर मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने में अपने रिपोर्ट लगाई थी। ईओ को सफाई नायक की रिपोर्ट आने का इंतजार है। -दीपकपुर की संपत्ति जांच हुई पूरी छिबरामऊ। छिबरामऊ देहात के बाद अब दीपकपुर गांव की भी जांच लगभग पूरी हो चुकी है। इस गांव में भी हलीमा बीबी से जुड़ी संपत्ति पाई गई है। अब स्थानीय प्रशासन उस संपत्ति को भी राज्य संपत्ति में निहित करने की तैयारी में जुटी है। इसके अलावा कई अन्य गांवों की भी जांच लगभग अंतिम चरण में है। एसडीएम ज्ञानेंद्र कुमार द्विवेदी ने बताया कि क्षेत्रीय लेखपालों द्वारा जैसे ही अपनी जांच रिपोर्ट दी जाती है। वैसे ही उन सभी संपत्तियों को राज्य संपत्ति में निहित करने की कार्रवाई की जाएगी। -पीएम आवास के फाइलों की जमीन की होगी पैमाइश छिबरामऊ। किसान नेता गोपाल दुबे द्वारा मोहल्ला बिरतिया, सैय्यदवाड़ा और धमे के ताल से जुड़ी कई ऐसे आवेदकों के नाम की सूची एसडीएम को उपलब्ध कराई है, जिसमें कहा गया है कि इन फाइलों में हलीमा बीबी से जुड़ी जमीन के कागजात लगाए गए हैं। एसडीएम के निर्देश पर क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा मंगलवार को सूची में दिए गए नामों की फाइलों में लगाई गई जमीनों की पैमाइश की जाएगी। -
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