सरकारी दस्तावेजों में हेरफेर कर हड़पी 125 करोड़ की जमीन, लाखों का मुआवजा लिया
Kanpur News - कटरी में सरकारी अभिलेखों में हेरफेर कर 50 हेक्टेयर जमीन को नाबालिग आशीष नरायन के नाम पर दर्ज किया गया था। इस फर्जीवाड़े के तहत 12 हेक्टेयर सरकारी जमीन के लिए 48 लाख रुपये मुआवजा लिया गया। सहायक अभिलेख...

- सहायक अभिलेख अधिकारी ने कूटरचित दस्तावेज के आदेश को खत्म कर जमीन को रेत में दर्ज किया - 1360 फसली में बिना आदेश के 50 हेक्टेयर जमीन नाबालिग के नाम पर दर्ज कर दी, 48 लाख लिया मुआवजा कानपुर, प्रमुख संवाददाता। कटरी, शंकरपुर सराय के सरकारी अभिलेखों में हेरफेर करके 125 करोड़ रुपये कीमत की 50 हेक्टेयर जमीन में बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया। इतना ही नहीं गंगा बैराज के संपर्क पार्क की सड़क बनाने के लिए 12 हेक्टेयर सरकारी जमीन के बदले में मां-बेटे ने 48 लाख रुपये मुआवजा भी ले लिया। जानकारी होने पर कटरी के सर्वे कर रहे सहायक अभिलेख अधिकारी ने फर्जीवाड़े को खत्म करके 38 हेक्टेयर जमीन रेत खाते में दर्ज की गई है।
अब पूरा मामला एसआईटी को जाएगा। गलत तरीके से लिए गए मुआवजे को लेकर एडीएम भू अध्याप्ति के स्तर से आगे की कार्रवाई होगी। सहायक अभिलेख अधिकारी कानपुर/उन्नाव प्रशांत कुमार नायक ने बताया कि कटरी शंकरपुर सराय की 50 हेक्टेयर जमीन का वाद कोर्ट में दाखिल हुआ था। इसमे एसडीएम रितुप्रिया, तहसीलदार सदर रितेश कुमार सिंह व नायब तहसीलदार की रिपोर्ट में कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर 50 हेक्टेयर जमीन नाबालिग आशीष नरायन के नाम पर दर्ज की गई होना बताया गया। 1356 और 1359 फसली में इस तरह का कोई नाम नहीं था। जमीन सरकारी भूमि के रूप में रेत के नाम पर दर्ज थी। अचानक 1360 फसली के सरकारी दस्तावेजों में फर्जी तरीके से बिना किसी वरासत और रजिस्ट्री के नाबालिग आशीष नरायन का नाम जमीन पर दर्ज किया गया। आशीष की मृत्यु होने के बाद जमीन उनकी पत्नी सुषमा देवी और बेटे अभिनव कुमार के नाम पर दर्ज हो गई। 12 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया 2003 में गंगा बैराज का संपर्क मार्ग बनने के चलते 12 हेक्टेयर का अधिग्रहण किया गया। जिसके बाद बदले में सुषमा देवी और अभिनव ने बराबर 24-24 लाख रुपये जमीन अधिग्रहण के बदले में लिया था। फिलहाल फर्जी तरीके से दर्ज आशीष नरायन , फिर उनके बेटे अभिनव नरायन और पत्नी सुषमा देवी के नाम को हटाकर जमीन रेत खाते में दर्ज की गई है। पूरे मामले की जांच पहले से बनी एसआईटी से कराने का आदेश दिया। फर्जी तरीके से लिए गए मुआवजे के लिए कार्रवाई एडीएम भू अध्याप्ति के स्तर से होगी। अवमानना पर हुई जांच, हाईकोर्ट ने दिया आदेश अभिनव ने अपनी जमीन की नापजोख कराकर उसको देने के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। सुनवाई न होने पर अभिनव ने डीएम के खिलाफ अवमानना का मामला दाखिल किया था। कोर्ट ने भी जिला प्रशासन को जांच कराकर 242 नंबर गाटा संख्या से 38 हेक्टेयर जमीन निकालकर देने को कहा था। जिस पर जांच कराई गई तो पूरी पोल-पट्टी खुल गई। आंखे बंद करके मुआवजा, आदेश में क्रास का निशान पूरे मामले में तहसील और प्रशासनिक अफसरों की लापरवाही भी सामने आई है। सरकारी दस्तावेजों में नाबालिग आशीष नरायन का नाम दर्ज करके उसको काट दिया गया। बकायदा सरकारी दस्तावेजों में क्रास का निशान बनाया गया। इसके बावजूद लगातार उसका नाम चलता रहा। आशीष की मृत्यु होने के बाद सुषमा देवी और अभिनव का नाम बिना किसी जांच के सरकारी दस्तावेजों में दर्ज कर दिया गया। बिना जांच किए सरकारी जमीन के बदले में 48 लाख का मुआवजा भू अध्याप्ति कार्यालय ने दे दिया। सरकारी दस्तावेजों में हेरफेर करके बकायदा क्रास बनाते हुए नाबालिग के नाम पर जमीन दर्ज की गई। जमीन को सरकारी खाते में दर्ज कर लिया गया है। - बीके यादव, शासकीय अधिवक्ता ग्राम सभा राजस्व
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