डिप्टी सीएम के पत्र के बाद पीडब्ल्यूडी के जेई ने किया बंधे का सर्वे
Kushinagar News - कुशीनगर के छितौनी नगर पंचायत में बाढ़ से बचाव के लिए वर्षों से विलुप्त बन्धे के निर्माण के लिए प्रशासन सक्रिय हुआ है। डिप्टी सीएम के निर्देश पर पीडब्ल्यूडी ने निरीक्षण किया और रिपोर्ट तैयार करने की...

कुशीनगर। नगर पंचायत छितौनी के श्री बुलहवा बाबा से एनएच 28बी को जोड़ने वाले वर्षों पुराने बाढ़ में विलिन हो चुके बन्धे के निर्माण को लेकर आखिरकार प्रशासनिक अमला हरकत में आ गया है। डिप्टी सीएम के निर्देश पर जिलाधिकारी ने पीडब्ल्यूडी को पत्र भेजकर स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया। इसी क्रम में शनिवार को पीडब्ल्यूडी के जेई संतोष कुमार अपने सहायक मेठ राजेश कुमार के साथ मौके पर पहुंचे और मुआयना किया। जेई ने बताया कि निरीक्षण रिपोर्ट विभाग के उच्चाधिकारियों को सौंपी जाएगी। बड़ी गण्डक (नारायणी) नदी में आने वाली बाढ़ से नगर पंचायत छितौनी और आसपास के गांवों को भारी तबाही का सामना करना पड़ता था।
बाढ़ के कारण सैकड़ों एकड़ फसलें नष्ट हो जाती थीं। इस समस्या को लेकर नगर पंचायत छितौनी के प्रबुद्धवर्ग ने खड्डा विधायक विवेकानंद पाण्डेय और सांसद विजय कुमार दुबे से बन्धे के निर्माण की मांग की थी। जनप्रतिनिधियों ने बाढ़ खंड, सिंचाई विभाग और पीडब्ल्यूडी को बन्धे और उस पर पिच के सर्वे करने का निर्देश दिया था। इसी क्रम में कुशवाहा शाक्य, मौर्य महासभा के ब्लॉक अध्यक्ष संदीप कुशवाहा ने बीते 12 अप्रैल को जिला मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को एक शिकायती पत्र सौंपा था। उसमें सर्वे कार्य में तेजी लाने के साथ-साथ बन्धे के निर्माण और पिच बनवाने की मांग की गई थी। डिप्टी सीएम ने इसे संज्ञान लेते हुए 21 अप्रैल को डीएम को सर्वे जल्द पूरा कराकर रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया था। जिलाधिकारी ने इस जिम्मेदारी को पीडब्ल्यूडी को सौंपा। उसके बाद शनिवार को पीडब्ल्यूडी के जेई संतोष कुमार ने अपने मेठ के साथ मौके पर पहुंचकर स्थानीय लोगों लोकतंत्र रक्षक सेनानी राजेंद्र अग्रवाल, संदीप कुशवाहा, दिनेश जायसवाल, रितेश रौनियार, योगेश शर्मा, प्रशांत शर्मा और अमित सोनी के साथ स्थलीय निरीक्षण किया और भौगोलिक स्थिति का जायजा लिया। जेई संतोष कुमार ने बताया कि स्थलीय निरीक्षण की एक रिपोर्ट तैयार कर विभाग को सौंपी जाएगी। अब देखना यह है कि इस सर्वे के बाद बन्धे के निर्माण कार्य को कब तक अमलीजामा पहनाया जाता है, जिससे स्थानीय लोगों को बाढ़ की विभीषिका से मुक्ति मिल सके।
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