बोले प्रयागराज : गंदगी के साए में ग्रामीण, जिले में जमे सफाईकर्मी
Gangapar News - शंकरगढ़ विकास खंड में सफाई कर्मियों की अनुपस्थिति से गांवों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। अधिकांश सफाई कर्मचारी ब्लॉक और जिला मुख्यालय में तैनात हैं, जबकि गांवों में केवल 106 सफाईकर्मी नियुक्त हैं।...
शंकरगढ़ विकास खंड गांवों को स्वच्छ और साफ रखने के लिए शासन द्वारा नियुक्त किए गए सफाई कर्मचारी ग्राम पंचायतों में नदारद रहते हैं। अधिकांश सफाई कर्मचारी ब्लॉक और जनपद मुख्यालय में जमे हुए हैं। यह स्थिति जसरा, शंकरगढ़, कौंधियारा विकास खंड की नहीं है अपितु सम्पूर्ण जनपद की है। विभागीय अधिकारी सबकुछ जान कर भी अनजान बने हुए हैं। इससे गांवों में चारों ओर गंदगी का अंबार लगा हुआ है। पंचायत सचिव से लेकर ग्राम प्रधान तक इस ब्यवस्था से परेशान हैं किंतु लाचार हैं। गांवों में नियुक्त सफाई कर्मचारी स्थानीय होने के कारण राजनीतिक में भी सक्रिय रहते हैं।
इनमें से कुछ अपनी पहुंच का भी लाभ उठाकर लोगों की शिकायतों का भी नजरंदाज करते हैं। शंकरगढ़ में स्वच्छता मिशन की तस्वीर बेहद चिंताजनक है। ब्लॉक में जिम्मेदारों की उदासीनता ने इस अभियान को मजाक बनाकर रख दिया है। गांवों में सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है, जबकि कागजों में सब कुछ दुरुस्त दर्शाया जा रहा है। शंकरगढ़ के ऐसे कई गांव हैं जहां पर सफाई के नाम पर खानापूर्ति होती है। मामला चाहे जो भी हो परंतु गांव के लोग गंदगी के साए में जी रहे हैं। शंकरगढ़ विकास खंड के अंतर्गत कुल 76 ग्राम पंचायतें हैं जिसमें 204 राजस्व गांव आते हैं। नियमानुसार, प्रत्येक राजस्व गांव में एक सफाईकर्मी की तैनाती अनिवार्य है। हालांकि वास्तविकता यह है कि महज 106 सफाईकर्मी ही तैनात हैं। इनमें से भी आठ सफाईकर्मी प्रयागराज जिले में अटैच कर दिए गए हैं, जबकि छह सफाईकर्मी ब्लॉक मुख्यालय में ही कुर्सी संभाले बैठे हैं। शंकरगढ़ ब्लॉक की बात करें तो इसमें ब्लॉक प्रमुख एवं खंड विकास अधिकारी कार्यालय में एक-एक कर्मचारी मौजूद है साथ ही सहायक विकास अधिकारी पंचायत में कुछ सफाईकर्मी ऐसे हैं जो कंप्यूटर ऑपरेटर एवं लेखा-जोखा तक का हिसाब रखते हैं। यह सफाईकर्मी बाबू बन बैठे हैं। कर्मचारी क्षेत्र के किसी न किसी गांव में ही तैनात है। अब इसमें अधिकारियों की रहमो करम कहें या कुछ और यह जांच का विषय है। अगर इस विषय पर जिला प्रशासन जांच करें तो अलग-अलग जगहों पर ड्यूटी करने वाले सफाई कर्मचारियों का पता लग सकता हैं। गांव का ध्यान किसी को नहीं है सफाई कर्मियों को पंचायत विभाग के बड़े-बड़े अधिकारियों के यहां भी देखा जा सकता है। 89 राजस्व ग्राम की सफाईकर्मी की अभी नहीं हुई है तैनाती विकास खंड शंकरगढ़ के 89 राजस्व गांव आज भी बिना सफाईकर्मी के हैं। इनमें बेनीपुर, शिवराजपुर, बिहरिया, नीबी, लोहगरा, अमिलिया तरहार, चकशिवचेर, नारीबारी, सूरवल चंदेल, मवैया कला, ओसा, बसहरा, सतपुरा आदि ग्राम पंचायत प्रमुख रूप से शामिल हैं। इन गांवों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है, नालियां बजबजा रही हैं और बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। विकासखंड शंकरगढ़ के मसूरियन माता के मंदिर एवं मनकामेश्वर धाम लालापुर में भी गंदगी का अंबार है। कहने को तो शंकरगढ़ ब्लॉक द्वारा टीम गठित कर साफ सफाई की बातें बताई जाती है। परंतु ये सिर्फ कागजों पर ही सिमटा रहता है। जिन्हें गांवों में करनी है सफाई वो ब्लॉकों में तोड़ रहे कुर्सी ब्लॉक प्रशासन द्वारा नियुक्त कई सफाईकर्मी या तो जिला कार्यालयों में अटैच हैं या फिर अपने स्थान पर अन्य व्यक्तियों से सफाई कार्य करवा रहे हैं। उदाहरण के लिए ग्राम पंचायत कपसो अतरी में नियुक्त सफाईकर्मी को ग्रामीणों ने महीनों सालो से नहीं देखा है। ग्रामीणों ने बताया कि जो इस गांव में सफाईकर्मी नियुक्त है उसको हम लोगों ने कभी देखा नहीं है बल्कि इसके बदले अपने किसी सगे संबंधी को ही लगा कर महीने में एक बार सफाई का कोरम पूरा कर लिया करते हैं बल्कि यह एकमात्र ऐसा गांव नहीं है बल्कि शंकरगढ़ ब्लॉक के अंतर्गत ऐसे कई गांव है जहां सफाईकर्मी अपने बदले किसी और को रखे हैं। हालात यह हैं कि ब्लॉक प्रशासन सफाई कर्मियों की उपस्थिति के नाम पर हर महीने 106 सफाई कर्मियों का मास्टर रोल बनाकर भेजता है। जिन कर्मचारियों की तैनाती ब्लॉक मुख्यालय में है, उनकी हाजिरी खुद सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) लगाते हैं। सवाल उठता है कि जब कर्मी गांवों में अपनी ड्यूटी पर नहीं हैं, तो उनका वेतन किस आधार पर जारी हो रहा है क्योंकि यह भी एक जांच का विषय है। इससे प्रतीत होता है कि विभागीय अधिकारियों की मिली भगत से इसमें भी घोटाला होता है। कुछ लोगों का आरोप है कि ऐसे कई सफाई कर्मचारी है जो गांव नहीं जाते वह अधिकारियो की जी हजूरी से अपना काम चला रहे हैं। बांदा मार्ग पर सड़क किनारे गंदगी का अंबार स्वच्छ भारत मिशन का असली चेहरा विकासखंड शंकरगढ़ के नेशनल हाईवे-35 पर साफ नजर आता है। हाईवे के किनारे बसे गांव शिवराजपुर और बेनीपुर में कूड़े-कचरे के ढेर लगे हुए हैं। हालात यह हैं कि इसी मार्ग से रोजाना अधिकारी और जनप्रतिनिधि गुजरते हैं, फिर भी समस्या पर किसी की नजर नहीं पड़ती। स्वच्छता मिशन के नाम पर सरकार लाखों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन उसका लाभ जमीनी स्तर तक नहीं पहुंच रहा। सफाई कर्मियों की मनमानी, ग्राम पंचायत सचिवों की लापरवाही और अधिकारियों की उदासीनता ने योजना को विफल कर दिया है। नतीजतन गांवों में गंदगी, बीमारियों का खतरा और जनता में असंतोष लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रशासन से अपेक्षित कार्रवाई अब आवश्यकता इस बात की है कि जिम्मेदार अधिकारी स्वयं गांवों का निरीक्षण करें, सफाई कर्मियों की वास्तविक उपस्थिति की जांच कराएं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करें। तभी जाकर स्वच्छ भारत मिशन की असली मंशा पूरी हो सकेगी और गांव भी वास्तव में स्वच्छ बन सके। बोले जिम्मेदार सफाई कर्मचारियों की कमी है। जिला प्रशासन द्वारा नियुक्ति की जा सकती है। जिन गांवों में सफाई कर्मचारी नियुक्त हैं और जा नहीं रहे हैं उसकी जांच होगी और कार्रवाई की जाएगी। -हरदेव, एडीओ पंचायत शंकरगढ़ हमारी भी सुनें हमारे ग्राम पंचायत शिवराजपुर में पिछले साढ़े तीन साल से सफाई करने की जगह रिक्त है। इसके लिए कई बार ब्लॉक शंकरगढ़ में शिकायत दर्ज कराई गई है। परंतु कोई सुनवाई नहीं होती बल्कि कुछ सफाई कर्मी अपने गांव को छोड़कर ब्लॉक की कुर्सी को सुशोभित कर रहे हैं। ग्राम सभा शिवराजपुर में नेशनल हाईवे के बगल मौजूद है परंतु कोई भी अधिकारी ईश्वर ध्यान आकर्षित नहीं करते हैं जिससे बीमारी की भी आशंका व्याप्त रहती है। -नीलम सिंह, ग्राम प्रधान शिवराजपुर हमारे ग्राम सभा बेनीपुर में पिछले एक साल से सफाई कर्मी की पद रिक्त है कई बार मौखिक एवं लिखित शिकायत अधिकारियों से की गई है परंतु कोई भी नियुक्ति अभी तक नहीं हुई जिसको लेकर गांव में जहां-जहां गंदगी हो जाती है जिसको व्यक्तिगत रूप से सफाई करवाना पड़ता है। -ज्ञानेंद्र मिश्रा, ग्राम प्रधान बेनीपुर गांव में सफाई कर्मी न होने से काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। चारों तरफ गंदगी ही गंदगी रहती है सरकार द्वारा चलाए जा रहा है स्वच्छ भारत मिशन अधिकारियों की वजह से फेल हो रहा है। अधिकारियों को इस ओर अपना ध्यान आकर्षित करना चाहिए एवं सफाई कर्मी नियुक्त कराकर स्वच्छ भारत मिशन में अपना सहयोग प्रदान करना चाहिए। -राकेश भार्गव, चक शिवचेर शंकरगढ साफ सफाई को लेकर सफाई कर्मी गांव में कभी नहीं दिखते है, गंदगी का चारों तरफ अंबार लगा रहता है। विभाग को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है जिससे गांव-गांव स्वच्छ एवं निर्मल बन सके। -रणकेंद्र सिंह, करिया खुर्द अमरपुर गांव में गंदगी ही गंदगी व्याप्त है, गांव में ना सफाई कर्मी आते हैं ना इस पर कोई ध्यान देता है विकासखंड शंकरगढ़ की अधिकारी कर्मचारी मस्त हैं लोगों को ध्यान देने की आवश्यकता है। -सुरेश कुमार दुबे, पूरे बल्दू शंकरगढ़ शंकरगढ़ ब्लाक के अधिकारी एवं कर्मचारी भाजपा सरकार को बदनाम कर रहे हैं क्योंकि ब्लॉक के कर्मचारी अधिकारी नौकरी पैसा में व्यस्त हैं ।सरकार का स्वच्छ भारत का सपना यह अधिकारियों के लापरवाही से खत्म होता जा रहा है क्योंकि ग्राम पंचायत बिहरिया मे विद्यालय के भजन गंदा नाली का पानी बह रहा है बच्चे कहीं-कहीं वहीं पानी पीने के लिए मजबूर है। -गोपाल सिंह, पूर्व प्रधान बिहरिया शंकरगढ़ ग्राम पंचायत जनवा में भी गंदगी ही गंदगी है। जिम्मेदार लोग इस पर ध्यान नहीं देते इसकी वजह से बीमारी फैलने के लिए आशंका बनी है जिला प्रशासन इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। समय रहते साफ सफाई हो सके एवं गांव में बीमारी फैलने पर रोक लगाई जा सके। -पंकज मिश्रा, अधिवक्ता ग्राम पंचायत जनवा ग्राम पंचायत में कोई भी सफाई कर्मी कार्य नहीं कर रहे हैं।सिर्फ कागजो पर ही कोरम पूरा कर रहे है बल्कि घर पर बैठकर ही तनख्वाह ले रहे हैं। यह एक जटिल समस्या है। जिस पर ना ही ग्राम प्रधान और ना ही ब्लॉक में बैठे अधिकारी ध्यान दे रहे हैं। -लाल साहब यादव, समाजवादी पार्टी युवजन सभा अध्यक्ष बारा
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