पद्मश्री भुलई भाई ने सदन में फेंक दिया था रुपयों से भरा बैग
Kushinagar News - कुशीनगर, वरिष्ठ संवाददाता। मरणोपरांत मंगलवार को पद्मश्री से सम्मानित किए गए कुशीनगर

कुशीनगर, वरिष्ठ संवाददाता। मरणोपरांत मंगलवार को पद्मश्री से सम्मानित किए गए कुशीनगर जिले के श्रीनारायण उर्फ भुलई भाई ने जीवनपर्यंत मूल्यों से समझौता नहीं किया। जनसंघ से दो बार विधायक रहे भुलई भाई ने अपने बच्चों को भी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा ही सिखाई। क्रॉस वोटिंग के लिए भेजे गए रुपयों से भरे बैग को उन्होंने सदन में फेंक दिया था। कुशीनगर जिले की कप्तानगंज तहसील के पगार छपरा गांव के रहने वाले श्री नारायण उर्फ भुलई भाई का जन्म 1 नवंबर 1914 को हुआ था। पैतृक गांव में प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद गोरखपुर स्थित सेंट एंड्रयूज कॉलेज से हाई स्कूल, इंटर और गोरखपुर विश्वविद्यालय से बीएड और एमएड की डिग्री हासिल की।
इसके बाद भुलई भाई बेसिक शिक्षा अधिकारी बन गए। बचपन से ही भुलई भाई जनसंघ से प्रभावित थे। सरकारी नौकरी छोड़कर वह राजनीति में आए थे। वर्ष 1974 से 1980 तक कुशीनगर के नौरंगिया क्षेत्र से दो बार विधायक रहे। भुलई भाई जनसंघ से उस वक्त विधायक चुने गए थे, जब पूरे देश में केवल दो विधायक जीते थे। बचपन में ही संघ की शाखा से जुड़े और मरते वक्त तक जनसंघ व बाद में भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता रहे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि राजनीतिक शुचिता और निष्ठा क्या होती है, यह भुलई भाई के जीवन से सीखा जा सकता है। कहा जाता है कि एक बार कांग्रेस सरकार में क्रॉस वोटिंग के लिए उनके पास रुपये भरकर बैग भेजा गया था। वह बैग लेकर अगले ही दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंचालक माधव राव सदाशिवराव गोलवकलकर और स्वयंसेवक संघ के संचालक नाना जी देशमुख के पास पहुंच गए थे। दोनों लोगों के कहने पर रुपयों से भरा बैग लेकर सदन में पहुंचे थे और सभापति के सामने गैलरी में फेंक दिया था। प्रधानमंत्री ने फोन पर लिया था हालचाल पार्टी के प्रति प्रतिबद्धता और निष्ठा का जीता जागता उदाहरण होने के कारण कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद फोन करके भुलई भाई का हालचाल लिया था। बाद में जब पीएम कुशीनगर आए तो एयरपोर्ट पर बुलाकर उनसे मुलाकात की थी। इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह ने लखनऊ में आयोजित कार्यकर्ता सम्मान समारोह में मंच से उतर कर भुलई भाई का सम्मान किया था। देश के गृह मंत्री अमित शाह से लेकर लगभग सभी बड़े नेताओं ने भुलई भाई से मुलाकात की और उन्हें सम्मान दिया था। 111 साल की उम्र में हुआ था निधन गांव में ही 111 वर्ष की उम्र में भुलई भाई का 31 अक्तूबर 2024 को निधन हो गया था। उस दौरान सरसंघचालक मोहन भागवत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत देश के कई बड़े नेताओं ने शोक संदेश जारी किया था। केंद्र सरकार ने मरणोपरांत उन्हें पद्मश्री पुरस्कार देने की घोषणा की थी।
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