किसानों ने मंडी सचिव दफ्तर घेरा, एक घंटे बंद रही मंडी में खरीद
Lakhimpur-khiri News - मंडी में आढ़तों पर गेहूं का रेट समर्थन मूल्य से ज्यादा हो गया है। किसान अपनी फसल आढ़तियों को बेचने के लिए जा रहे हैं, जिससे समर्थन मूल्य पर खरीद पर असर पड़ सकता है। मंडी प्रशासन ने किसानों को क्रय...

मंडी में आढ़तों पर गेहूं का रेट समर्थन मूल्य से ज्यादा में बिक रहा है। ऐसे में किसान आढ़तियों के यहां गेहूं बेचने के लिए ले जा रहे हैं। इसका असर समर्थन मूल्य की खरीद पर पड़ सकता है। अब मंडी प्रशासन किसानों से अपना गेहूं क्रय केन्द्रों पर बेचने के लिए कहा जा रहा है। इससे किसानों से शनिवार की दोपहर में मंडी सचिव के आफिस का घेरा किया। कुछ आढ़ती भी पहुंच गए। किसानों ने कहा कि आढ़तियों के यहां बेचने से उनको तुरंत भुगतान मिल जाता है। इस पर रोक न लगाई जाए। इससे मंडी में आढ़तियों के यहां कुछ देर तक खरीद थमी रही। वार्ता के बाद फिर से खरीद शुरू हो सकी। समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदने के लिए जिले में 159 क्रय केन्द्र खोले गए हैं। शासन ने जिले में गेहूं खरीद का लक्ष्य 94 हजार एमटी रखा है। किसानों के खेतों में गेहूं की फसल पक गई है। मौसम को देखते हुए किसान तुरंत काटकर फसल बेचने के प्रयास में हैं। उधर लक्ष्य पूरा करने के लिए प्रशासन क्रय केन्द्रों पर किसानों से गेहूं बेचने के लिए प्रेरित कर रहा है। एक दिन पहले ही सभी लेखपालों को लगाया गया है। वहीं मंडी में आढ़तियों के यहां गेहूं की बोली समर्थन मूल्य से ज्यादा पहुंच गई है। इससे किसान अपना गेहूं आढ़तियों के यहां बेच रहे हैं। बताते हैं कि शनिवार को मंडी प्रशासन ने किसानों से गेहूं क्रय केन्द्रों पर बेचने को कहा। इससे किसान आक्रोशित हो गए। दोपहर में मंडी सचिव के आफिस का घेराव कर लिया। कुछ आढ़ती भी पहुंच गए। इससे आढ़तों पर करीब एक घंटे खरीद प्रभावित हुई। वार्ता के बाद खरीद फिर से शुरू हो गई। हालांकि मंडी सचिव आरोपों को निराधार बता रहे हैं। बताते चलें कि व्यापारियों के यहां इस बार गेहूं की स्टॉक लिमिट पहले ही कम की जा चुकी है।
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