9.60 लाख पशुओं को लगाया जाएगा गलाघोंटू से बचाव का टीका
Lakhimpur-khiri News - लखीमपुर में महिषवंशीय पशुओं में गलाघोटू बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है। पशुपालन विभाग 9.60 लाख पशुओं के लिए टीका लगाने की तैयारी कर रहा है। सबसे पहले बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में टीकाकरण किया जाएगा।...

लखीमपुर। पालतू पशुओं खासकर महिषवंशीय पशुओं में इस मौसम में गलाघोटू बीमारी फैलने क खतरा बढ़ जाता है। जिले के 9.60 लाख पशुओं को इस गंभीर बीमारी से बचाव के लिए पशुपालन विभाग टीका लगाएगा। इसकी तैयारियां कर ली गई हैं। शासन से वैक्सीन की डिमांड की गई है। टीकाकरण के लिए टीमें तैयार हैं। टीकाकरण की शुरुआत सबसे पहले बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों से होगी जिससे बाढ़ आने से पहले टीकाकरण का काम पूरा हो सके। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. दिनेश कुमार सचान ने बताया कि गलाघोंटू एक जीवाणु जनित संक्रामक रोग है। यह बीमारी वैसे तो सभी पशुओं में होती है लेकिन सबसे ज्यादा महिषवंशीय पशुओं में इस बीमारी का खतरा रहता है।
उन्होंने बताया कि गलाघोटू बीमारी में सबसे पहले पशु को बुखार आता है। इसके बाद गले में सूजन आ जाती है। इससे पशुओं को सांस लेने में दिक्कत होती है। गलाघोंटू रोग से पशुओं की मृत्यु हो सकती है। इस बीमारी से बचाव के लिए टीका लगाया जाता है। टीका लग जाने से बीमारी का खतरा बहुत कम हो जाता है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि गलाघोटू बीमारी से बचाव के लिए टीका लगाने की तैयारी पूरी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि तीन माह से कम आयु वाले पशुओं और आठ माह से अधिक गर्भावस्था वाले पशुओं को टीका नहीं लगेगा। टीका पूरी तरह से निशुल्क लगेगा। उन्होंने बताया कि जब भी टीम गांव में पहुंचे तो टीका जरूर लगाएं। उन्होंने बताया कि पशुओं को गला घोटू की बीमारी से बचाने के लिए हर साल टीकाकरण कराया जाता है। गला घोटू का संक्रमण बरसात में ज्यादा होता है। इसको ध्यान में रखते हुए बरसात से पहले अभियान चलाकर टीकाकरण कराया जाता है।
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