Love jihad nakal par nakel Yogi s eight decisions in eight years that changed the Perception condition direction of UP लव जिहाद, नकल पर नकेल... आठ साल में योगी के आठ फैसले जिसने बदली यूपी की दशा और दिशा, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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लव जिहाद, नकल पर नकेल... आठ साल में योगी के आठ फैसले जिसने बदली यूपी की दशा और दिशा

यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगातार आठ सालों तक सीएम रहने का रिकॉर्ड बनाया है बल्कि इन आठ सालों में ऐसे फैसले लिए जिसने प्रदेश की दिशा और दशा बदली। यूपी के बारे में देश का परसेप्शन बदला है।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानTue, 25 March 2025 04:30 PM
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लव जिहाद, नकल पर नकेल... आठ साल में योगी के आठ फैसले जिसने बदली यूपी की दशा और दिशा

यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार ने 8 साल पूरे कर लिए हैं। इन आठ सालों में सीएम योगी ने कई ऐसे फैसले लिए जिसने राज्य की दशा और दिशा को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लव जिहाद के खिलाफ कानून हो या फिर नकल और पेपर लीक पर नकेल के लिए सख्त कानून, महिलाओं के सम्मान और स्वावलंबन को सुनिश्चित करने के लिए मिशन शक्ति की पहल हो या फिर किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने का निर्णय इन सभी का प्रभाव प्रदेश में देखने को मिल रहा है। इन फैसलों से सीएम योगी ने यह भी साबित करने की कोशिश की है कि प्रदेश में वो सरकार काबिज है, जिसके पास नीयत भी है और नीतियां भी। आइए जाने सीएम योगी के आठ साल में लिए गए वो आठ प्रमुख फैसले जिसने प्रदेश के बारे में परसेप्शन को भी बदल दिया है।

1. लव जिहाद के खिलाफ बनाया कानून

सीएम योगी की पहल पर नवंबर 2020 में "उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम" लागू हुआ। इस कानून के तहत जबरन या छल से धर्म परिवर्तन करवाने पर 10 साल तक की सजा और 5 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया। पहले साल में ही 100 से अधिक मामले दर्ज किए गए। यह कानून महिलाओं की सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया, जिसने राष्ट्रीय स्तर पर बहस छेड़ दी।

2. नकल और पेपर लीक पर बनाया सख्त कानून

परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक करने और नकल के खिलाफ भी योगी सरकार ने 2024 में सख्त कानून बनाकर मिसाल पेश की। पेपर लीक कानून के तहत सार्वजनिक परीक्षाओं में होने वाली धोखाधड़ी (नकल) पर अंकुश लगाने के लिए न्यूनतम 3 से 5 साल की कैद की सजा का प्राविधान है और पेपर लीक गिरोह में शामिल लोगों को 5 से 10 साल की कैद और न्यूनतम एक करोड़ रुपए के जुर्माने का प्राविधान है। यदि कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह कोई संगठित अपराध करता है, जिसमें परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था, सेवा प्रदाता या कोई अन्य संस्थान शामिल है तो उन्हें कम से कम 5 साल की कैद की सजा दी जाएगी, जिसे 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है।

3. मिशन शक्ति की शुरुआत, एंटी रोमियो स्क्वाड

अक्टूबर 2020 में शुरू हुआ "मिशन शक्ति" अभियान महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन पर केंद्रित है। इसके तहत एंटी-रोमियो स्क्वाड ने छेड़छाड़ के 32 हजार से अधिक मामलों में कार्रवाई की। कन्या सुमंगला योजना के तहत 22 लाख से ज्यादा बेटियों को आर्थिक मदद दी गई। 112 और 181 जैसी हेल्पलाइन ने आपात स्थिति में सहायता प्रदान की।

4. किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली

किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने विगत वर्ष उत्तर प्रदेश के निजी नलकूप उपभोक्ताओं को एक अप्रैल 2024 से बिजली बिल में 100 प्रतिशत छूट का लाभ देने का निर्णय लिया। इस निर्णय को पावर कॉर्पोरेशन ने विधिवत लागू किया। सिंचाई सुविधा के लिए 4 लाख से ज्यादा निजी नलकूपों का संयोजन किया गया। किसानों को विद्युत आपूर्ति के लिए 3 हजार से अधिक ग्रामीण फीडर अलग किए गए। निजी नलकूप कनेक्शन देने में डार्क जोन में लगे प्रतिबंध हटाने से लाखों किसान लाभान्वित हुए।

5.सभी राज्य कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए चिकित्सा सुविधा फ्री

योगी सरकार ने 2022 में उत्तर प्रदेश के राज्य कर्मचारियों और पेंशनर्स व उनके आश्रितों को कैशलेस चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया, जिसका लाभ लाखों लोगों को मिलने लगा। इसके तहत, राज्य कर्मचारियों और पेंशनर्स के स्टेट हेल्थ कार्ड बनाए गए। स्टेट हेल्थ कार्ड में कर्मचारियों व उनके आश्रितों से संबंधित सभी डाटा संरक्षित रखने की सुविधा है। इस हेल्थ कार्ड को दिखाकर वे किसी भी सरकारी अस्पताल में मुफ्त इलाज की सुविधा प्राप्त कर पा रहे हैं। योजना के तहत लाभार्थियों के इलाज के लिए प्रदेश के सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों में प्रचलित दरें ही मान्य हैं।

6. उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण का गठन

योगी सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए 'उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण' के गठन को मंजूरी दे दी है। इस प्राधिकरण के कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए 'उत्तर प्रदेश जलमार्ग प्राधिकरण नियमावली 2025' को प्रख्यापित किया गया है। देश में 111 राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किए गए हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना सहित कुल 11 राष्ट्रीय जलमार्ग मौजूद हैं। जलमार्गों के जरिए परिवहन को किफायती और सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से इस प्राधिकरण की स्थापना की जा रही है। सरकार का मानना है कि जल परिवहन प्रणाली विकसित होने से यातायात के अन्य साधनों पर दबाव कम होगा और व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।

7. एनसीआर की तर्ज पर एससीआर बनाने का निर्णय

योगी सरकार ने एक और ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (एनसीआर) की तरह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आसपास के इलाकों को मिलाकर राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) के गठन को मंजूरी दी है। इसे उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र के नाम से जाना जाएगा। इसके लिए योगी सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। लखनऊ और आसपास के 6 जिलों के कुल 27826 वर्ग मीटर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।

8. 47 वर्षों के बाद एक और औद्योगिक शहर के गठन का फैसला

ऐतिहासिक निर्णयों की कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार ने नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) की तर्ज पर बुंदेलखण्ड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) के गठन की अधिसूचना को भी 2023 में मंजूरी दे दी। उत्तर प्रदेश में इससे पहले 1976 में नोएडा नाम से एक नए शहर के गठन का निर्णय लिया गया था। 47 वर्षों के बाद एक और नए नगर की स्थापना का फैसला किया गया। झांसी जिले के 33 गांवों को शामिल करके बीडा का गठन किया जा रहा है। इस ऐतिहासिक निर्णय से बुन्देलखण्ड के बहुआयामी विकास को रफ्तार मिलेगी।