घायलों को अस्पताल पहुंचाएंगे कैब और बाइक चालक
Lucknow News - -समय पर इलाज से बचायी जा सकती है 40 फीसदी जान -चालकों को दिया गया

लखनऊ, कार्यालय संवाददाता आंखों के सामने सड़क हादसा होने की स्थिति में चालक भागें नहीं। बल्कि पास पहुंचकर घायल की चोट की गंभीरता और लक्षण देखकर फौरन नजदीकी अस्पताल पहुंचाएं। सड़क हादसों से होने वाली करीब 40 फीसदी मौतों को रोका जा सकता है। यह जानकारी मेदांता अस्पताल के इमरजेंसी मेडिसिन और ट्रामा केयर के प्रभारी डॉ.लोकेन्द्र गुप्ता ने मंगलवार को अस्पताल परिसर में आयोजित कार्यशाला में दी। चालकों को घायल के रक्तस्राव रोकने, प्रारंभिक उपचार और और सीपीआर देने के तरीके बताए। सोसाइटी ऑफ एक्यूट केयर ट्रॉमा एंड इमरजेंसी मेडिसिन के(सक्टेम) और रैपिडो की ओर से लखनऊ समेत देश के 16 शहरों में एक हजार से अधिक बाइक व कार चालकों को जीवन रक्षक आपातकालीन कौशल का प्रशिक्षण दिया गया।
चालक निडर होकर घायलों की करें मदद करें डॉ. लोकेंद्र गुप्ता ने बताया कि देश में हर वर्ष करीब 4.6 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। इनमें 1.5 लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है। इनमें अधिकांश मौतें घटना स्थल पर सही से देखभाल व प्राथमिक उपचार न मिलने से होती हैं। चालकों को बताया कि सड़क दुर्घटना के घायलों को देखकर भागे नहीं। निडर होकर घायल की मदद करें। इस मौके पर रैपिडो के सह-संस्थापक अरविंद संका और राष्ट्रीय समन्वयक डॉ. नयन श्रीमुला ने कहा कि यह सराहनीय पहल है। सक्टेम के शैक्षणिक प्रमुख डॉ. शुभंकर पॉल ने प्रशिक्षण सामग्री को डिज़ाइन किया है।
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