Historic Decision on Caste Census Welcomed by UP CM Yogi Adityanath Aims for Social Justice जाति जनगणना पर केंद्र के फैसले को योगी ने सराहा , Lucknow Hindi News - Hindustan
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जाति जनगणना पर केंद्र के फैसले को योगी ने सराहा

Lucknow News - उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जातीय जनगणना को आगामी राष्ट्रीय जनगणना में शामिल करने के केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत किया। इसे 140 करोड़ भारतीयों के हित में ऐतिहासिक कदम बताते हुए,...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊWed, 30 April 2025 10:14 PM
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जाति जनगणना पर केंद्र के फैसले को योगी ने सराहा

-बोले- यह सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक कदम -प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सीसीपीए का निर्णय स्वागत योग्य, 140 करोड़ भारतीयों के हित में निर्णायक पहल: मुख्यमंत्री योगी -जातीय जनगणना को आगामी राष्ट्रीय जनगणना में शामिल करने के निर्णय से वंचित, पिछड़े और उपेक्षित वर्गों को मिलेगी नई पहचान: सीएम डाटा-आधारित सुशासन को मिलेगा नया आधार: योगी लखनऊ, विशेष संवाददाता उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जातीय जनगणना को आगामी राष्ट्रीय जनगणना में शामिल करने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए इसे 140 करोड़ देशवासियों के समग्र हित में लिया गया ऐतिहासिक निर्णय बताया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह निर्णय वंचित, पिछड़े और उपेक्षित वर्गों को उचित पहचान और योजनाओं में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक निर्णायक पहल है।

सामाजिक न्याय और डेटा आधारित सुशासन को वास्तविकता में बदलने का ऐतिहासिक प्रयास मुख्यमंत्री योगी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सीसीपीए द्वारा जाति जनगणना को आगामी जनगणना में शामिल किए जाने का निर्णय अभूतपूर्व एवं स्वागत योग्य है। यह सामाजिक न्याय और डेटा आधारित सुशासन को वास्तविकता में बदलने का ऐतिहासिक प्रयास है।” हर वर्ग को विकास की मुख्यधारा में जोड़ने की दिशा में मिलेगी मजबूती उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल सरकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन में सहायक होगा, बल्कि इससे समाज के हर वर्ग को विकास की मुख्यधारा में जोड़ने की दिशा में मजबूती मिलेगी। केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय मंत्रिमंडल की सार्वजनिक मामले समिति के माध्यम से इस निर्णय की घोषणा की गई है, जो लंबे समय से उठ रही मांगों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। सरकार के इस फैसले को क्रांतिकारी माना जा रहा है, जिससे नीति निर्धारण और संसाधनों के न्यायपूर्ण वितरण में उल्लेखनीय सुधार आने की उम्मीद है।

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