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मेरठ शहर का 15 हजार करोड़ रुपये से होगा विकास

Lucknow News - - मुख्यमंत्री ने मेरठ के इंटीग्रेटेड डवलपमेंट प्लान की समीक्षा की - खेल, शिक्षा,

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊMon, 19 May 2025 09:15 PM
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मेरठ शहर का 15 हजार करोड़ रुपये से होगा विकास

- रिंग रोड, स्मार्ट रोड और इंटरसिटी संपर्क को दी जा रही प्राथमिकता - पारंपरिक आभूषण उद्योग को संगठित कर ज्वेलरी हब बनाएंगे - शहर को पूरी तरह से किया जाएगा अतिक्रमण से मुक्त लखनऊ, विशेष संवाददाता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को ‘मेरठ इंटीग्रेटेड डवलपमेंट प्लान की समीक्षा के दौरान कहा कि शहर को पूरी तरह से अतिक्रमण से मुक्त करते हुए बेहतर विकास किया जाए। बैठक में बताया गया कि शहर के विकास के लिए 93 परियोजनाओं पर 15 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इनमें से छह परियोजनाओं पर काम शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐतिहासिक, औद्योगिक और शैक्षणिक विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए शहर का विकास किया जाए।

मेरठ स्वतंत्रता संग्राम से लेकर औद्योगिक विकास तक की यात्रा में एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। खेल उद्योग, शैक्षणिक संस्थान और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से निकटता के कारण यह शहर विशेष पहचान रखता है। इसे खेल, शिक्षा, संस्कृति और व्यापार की प्रेरणादायी नगरी के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। भीड़-भाड़ और जाम खत्म करने के लिए जिला प्रशासन, विकास प्राधिकरण और नगर निगम मिलकर काम करें। केवल डिजिटल होर्डिंग लगाएं, पूरे शहर पर सीसीटीवी की नजर हो, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और आम नागरिकों के सहयोग से निगरानी तंत्र को सशक्त बनाएं। कैमरों की फुटेज आवश्यकता पड़ने पर पुलिस को दी जाए। इलेक्ट्रिक वाहनों को दें बढ़ावा उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और सिटी बस सेवा में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करें। शहर को पर्यावरणीय दृष्टि से अनुकरणीय शहर के रूप में ढालना है। स्वच्छ नगर की परिकल्पना को साकार करने के लिए डोर-टू-डोर कूड़ा उठाया जाए। सीवर निस्तारण के लिए एसटीपी अच्छा विकल्प हो सकता है, लेकिन ड्रेनेज को प्राकृतिक व्यवस्था से जोड़ना अधिक प्रभावी होगा। विकास योजना छह प्रमुख विषयों पर आधारित है, जिनमें सार्वजनिक स्थलों का सौंदर्यीकरण एवं वॉक-फ्रेंडली व्यवस्था, निर्बाध आवागमन, पर्यावरणीय एवं सामाजिक जनसुविधाएं, औद्योगिक और आवासीय अधोसंरचना का विकास, ऐतिहासिक विरासत का संरक्षण तथा पुनर्विकास शामिल हैं। इन परियोजनाओं को अल्पकालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक चरणों में विभाजित किया गया है। 41 परियोजनाएं एक वर्ष के भीतर पूरी की जानी हैं। जनसंख्या आंकड़ों के अनुसार 2021 में मेरठ की आबादी लगभग 23 लाख थी, जो 2041 तक बढ़कर 33.52 लाख होने का अनुमान है। प्रति व्यक्ति आय में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना को देखते हुए आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करना अनिवार्य है। बैठक में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, रैपिड रेल, गंगा एक्सप्रेसवे, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर, वेस्टर्न रिंग रोड, इंटरनल रिंग रोड, स्मार्ट सड़कें, प्रमुख चौराहों का पुनर्विकास और सांस्कृतिक स्थलों के विकास जैसी योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी गई। संजय वन, सूरजकुंड, थीम पार्कों, तालाबों और ऐतिहासिक स्थलों के सौंदर्यीकरण की परियोजनाएं पर्यावरण संरक्षण के साथ जीवन गुणवत्ता को भी बेहतर बनाएंगी। संजय वन तथा विक्टोरिया पार्क को जीवंत बनाएं मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि स्थानीय पार्कों का रखरखाव बेहतर हो और संजय वन तथा विक्टोरिया पार्क जैसे स्थलों को जीवंत बनाया जाए। उन्होंने मेरठ मंडपम के निर्माण को आयोजनों की दृष्टि से महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह स्थल नगर को सांस्कृतिक गतिविधियों की नई पहचान देगा। रोड कनेक्टिविटी के क्षेत्र में मुख्यमंत्री ने 52 किलोमीटर लंबी वेस्टर्न रिंग रोड तथा वेदव्यासपुरी से लोहियानगर तक के इनर रिंग रोड को सुगम कनेक्टिविटी के लिए अत्यंत उपयोगी बताया। अबू नाला प्रथम की पटरी पर प्रस्तावित आंतरिक रिंग रोड, क्षेत्रीय संपर्क मार्ग, मेरठ–परिक्षितगढ़ मार्ग, दौराला–मसूरी, रोहटा और गढ़ रोड जैसे मार्गों के चौड़ीकरण की योजनाओं पर भी विस्तार से चर्चा हुई। सीएम ग्रिड के तहत प्रमुख सड़कें चौड़ी करें मुख्यमंत्री को यह भी जानकारी दी गई कि ‘सीएम ग्रिड मेरठ योजना के अंतर्गत नगर की प्रमुख सड़कों को स्मार्ट रोड में परिवर्तित किया जाएगा। इनमें भूमिगत यूटिलिटी डक्ट, एलईडी लाइट, फुटपाथ और संकेत व्यवस्था जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। पूरे शहर को अतिक्रमण से मुक्त करके उसे आकर्षक स्वरूप में विकसित किया जाए, और यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी अनधिकृत निर्माण न हो। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण के साथ यूटिलिटी डक्ट भी तैयार हों ताकि बार-बार सड़कों की खुदाई न करनी पड़े। मेरठ को बनाएं आभूषण निर्माण का हब मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरठ में परंपरागत रूप से आभूषण निर्माण का काम होता है। इस पारंपरिक कौशल को संगठित रूप देते हुए मेरठ को ज्वेलरी हब के रूप में विकसित किया जाए। इसके अंतर्गत कारीगरों के लिए साझा कार्यस्थल, आधुनिक उपकरण, विपणन सहायता और सुरक्षा संबंधी ढांचा उपलब्ध कराया जाए। ड्रेनेज और सीवरेज प्रणाली को लेकर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि इसे भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए दीर्घकालिक दृष्टिकोण से तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि जनसंख्या घनत्व में वृद्धि और बदलते शहरी परिदृश्य के अनुरूप जल प्रबंधन की योजनाएं वैज्ञानिक व तकनीकी दृष्टिकोण से तैयार की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने इंटीग्रेटेड डिविजनल ऑफिस की परियोजना को जनता से सीधे जुड़ा बताते हुए कहा कि इसका बाह्य स्वरूप (फसाड) नगर की सांस्कृतिक विरासत को प्रतिबिंबित करने वाला होना चाहिए। बैठक के अंत में मुख्यमंत्री ने हैकाथॉन 2.0 के माध्यम से आमजन व जनप्रतिनिधियों से प्राप्त सुझावों को शामिल किए जाने की सराहना की और निर्देश दिए कि योजनाओं में जनभागीदारी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि मेरठ को प्रदेश के अन्य नगरों के लिए एक प्रेरक उदाहरण बनाकर प्रस्तुत किया जाना चाहिए।

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