LDA Committee to Decide on 275 Plots in Basant Kunj Scheme Amid Controversy बसंतकुंज योजना के प्लाट आवंटन निरस्त करने का आदेश स्थगित, Lucknow Hindi News - Hindustan
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बसंतकुंज योजना के प्लाट आवंटन निरस्त करने का आदेश स्थगित

Lucknow News - एलडीए ने कहा,लोगों को जमीन मिलेगा या पैसा, फैसला कमेटी रिपोर्ट पर होगा 2022 में

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊMon, 28 April 2025 08:40 PM
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बसंतकुंज योजना के प्लाट आवंटन निरस्त करने का आदेश स्थगित

बसंतकुंज योजना के 275 भूखण्डों पर एलडीए की कमेटी फैसला लेगी। एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार ने चार अधिकारियों की कमेटी बनाई है। अपर सचिव सीपी त्रिपाठी की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने जांच शुरू कर दी है। कमेटी को 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट देनी है। अपर सचिव ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में विस्तार से जानकारी दी। अपर सचिव सीपी त्रिपाठी ने बताया कि बसंतकुंज योजना के लिए एलडीए ने 1986 में 1355 एकड़ जमीन अधिग्रहित की थी। इसका मुआवजा भी प्रशासन के पास जमा करा दिया गया था। तमाम किसानों ने मुआवजा ले लिया लेकिन कुछ ने नहीं लिया। जिस 85713 वर्गमीटर जमीन पर 275 प्लाट लोगों को आवंटित किया गया था उस पर विवाद हो गया है। किसान उसे आबादी बता रहे हैं। एलडीए को काम नहीं करने दे रहे हैं। पहले आवंटन निरस्त कर पैसा वापस करने का जो आदेश जारी हुआ था उसे स्थगित कर दिया गया है। कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही अब इस पर फैसला होगा। लोगों को प्लाट मिलेगा या उनका पैसा। इस योजना में प्लाट के लिए और जमीन नहीं है।

आवंटियों ने कहा, पैसा नहीं प्लाट चाहिए

एलडीए के प्लानिंग, अर्जन तथा इंजीनियरिंग विभाग की लापरवाही से 275 लोग मुसीबत में फंस गए। तीन वर्ष से इंतजार के बाद अब उनका पैसा वापस किया जा रहा है। तत्कालीन अधिकारियों ने बिना जांच पड़ताल व जमीन पर अपना कब्जा लिए ही प्लाटिंग कर दी। विज्ञापन निकालकर लोगों को प्लाट आवंटित कर दिया। सोमवार को कई आवंटी एलडीए वीसी से भी मिलने पहुंचे। उनसे जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। साथ ही अपने प्लाट की रजिस्ट्री कराने का भी अनुरोध किया। लोगों ने कहा कि उन्हें पैसा नहीं प्लाट चाहिए। योजना में एलडीए ने 72 वर्गमीटर के 172, दो सौ वर्गमीटर के 21 तथा 112.5 वर्गमीटर के 82 प्लाट आवंटित किए थे। लोगों ने बैंकों से लोन लेकर एलडीए में करोड़ों रुपये जमा कराए हैं।

रेरा ने भी की लापरवाही

इस मामले में रेरा ने भी जमीन के कब्जे की स्थिति नहीं देखी। अगर उसने देखा होता तो इस तरह बिना जमीन का कब्जा लिए एलडीए की इस योजना का पंजीकरण न करता। फिर एलडीए प्लाट न आवंटित कर पाता। अब उसकी लापरवाही भी 275 आवंटित पर भारी पड़ रही है।

ब्याज के साथ पैसा वापस करने का विकल्प

एलडीए अगर योजना निरस्त करता है तो रेरा के निर्देशों के अनुसार ब्याज के साथ लोगों का पैसा वापस करेगा। अपर सचिव सीपी त्रिपाठी ने बताया कि रेरा का आदेश एमसीएलआर से एक प्रतिशत ज्यादा दर पर ब्याजे देने का है। यह लगभग नौ प्रतिशत होता है। अगर ब्याज देना हुआ तो इसी दर पर दिया जाएगा।

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