भारत के निर्यात में एमएसएमई का 45 प्रतिशत योगदान
Lucknow News - भारत में एमएसएमई सेक्टर 20 करोड़ लोगों को रोजगार देता है और जीडीपी में 30% से अधिक का योगदान करता है। यह निर्यात में 45% से अधिक योगदान देकर विदेशी मुद्रा लाने में महत्वपूर्ण है। सीएमए रंजीत सिंह ने...

भारत में एमएसएमई सेक्टर से 20 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिलता है। जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में 30 प्रतिशत से अधिक का योगदान देने वाले एमएसएमई अर्थव्यवस्था में विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एमएसएमई भारत के निर्यात में 45 प्रतिशत से अधिक का योगदान दे रहे हैं और हमारे देश में विदेशी मुद्रा लाने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। यह बात आईसीएमएआई (इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया) लखनऊ चैप्टर के अध्यक्ष सीएमए रंजीत सिंह ने कही। वह बुधवार को गोमतीनगर स्थित सीएमए भवन में आईसीएमएआई लखनऊ चैप्टर द्वारा आयोजित ‘एमएसएमई-सीएमए के लिए रास्ते और एमएसएमई के तहत वित्त पोषण के लिए सरकारी पहल विषय पर एक दिवसीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि विनिर्माण एमएसएमई की सबसे अधिक सांद्रता वाले शीर्ष पांच राज्य उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक और गुजरात हैं। भारत सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए कई योजनाएं चलाती है, जिनका उद्देश्य इन उद्यमों को बढ़ावा देना, सहायता करना और उनका विकास करना है। इन योजनाओ के सम्बन्ध में हितधारकों को जागरूक बनाने तथा उनकी मौजूदा शान को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा भारत की प्रतिष्ठित वित्तीय संस्थाओं को विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करने हेतु निर्देशित किया गया है। कार्यक्रम में पीएनबी की पूर्व एजीएम शम्मी भसीन, सीएमए जूही उपाध्याय, सीएमए अभिषेक मिश्रा, सीएमए नरेंद्र कुमार सहित कई लोगों ने हिस्सा लिया।
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