National Coordination Committee Meeting for Electricity Workers Scheduled on June 9 in Delhi राष्ट्रीय समन्वय समिति की बैठक 9 को, बिजली कर्मचारियों के समर्थन में होगा फैसला, Lucknow Hindi News - Hindustan
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राष्ट्रीय समन्वय समिति की बैठक 9 को, बिजली कर्मचारियों के समर्थन में होगा फैसला

Lucknow News - - विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने 22 जून को लखनऊ में होने वाली महापंचायत

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊSun, 8 June 2025 07:46 PM
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राष्ट्रीय समन्वय समिति की बैठक 9 को, बिजली कर्मचारियों के समर्थन में होगा फैसला

बिजली कर्मचारियों की राष्ट्रीय समन्वय समिति की बैठक 9 जून को दिल्ली में होगी। इसमें बिजली कर्मचारियों के समर्थन में फैसला लिए जाने की उम्मीद है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने रविवार को ऑनलाइन बैठक करके 22 जून को लखनऊ में होने वाली महापंचायत की तैयारियां तेज कीं। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने बताया कि नेशनल को-ऑर्डिनेशन कमिटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स की कोर कमेटी की बैठक 9 जून को प्रस्तावित है। इसमें निजीकरण के खिलाफ बीते छह महीने से चल रहे आंदोलन की समीक्षा की जाएगी और बिजली कर्मचारियों के समर्थन में राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन के कार्यक्रम तय किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि बैठक में ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन, ऑल इंडिया पावर डिप्लोमा इंजीनियर्स फेडरेशन, ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज (एटक), इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (सीटू), इंडियन नेशनल इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन (इंटक), ऑल इंडिया पावर मेंस फेडरेशन और कुछ अन्य बिजलीकर्मी संगठनों के राष्ट्रीय पदाधिकारी शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि संघर्ष समिति की ऑनलाइन बैठक में महापंचायत में रखे जाने वाले प्रस्ताव पर चर्चा हुई। ऑनलाइन बैठक में शामिल कर्मचारियों ने साफ किया है कि निजीकरण समाप्त होने तक आंदोलन जारी रहेगा। पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन से पांच सवाल हर शनिवार और रविवार को पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन से पांच सवाल पूछने का क्रम जारी रहा। संघर्ष समिति ने रविवार को ये सवाल पूछ हैं- -निजी औद्योगिक समूहों की सहूलियत के लिए क्या 45% संविदा कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है और इससे बिजली व्यवस्था प्रभावित करके कॉरपोरेशन निजीकरण थोपना चाहता है? -निजीकरण को निजी क्षेत्र की सहभागिता बताकर गुमराह क्यों किया जा रहा है? 51% हिस्सेदारी का मतलब निजी कंपनी का मालिकाना हक नहीं है? -भाजपा ने वर्ष 2017 में बीपीएल को 3 रुपये प्रति यूनिट बिजली की घोषणा की थी और उसके एवज में सब्सिडी दे रही। क्या सब्सिडी सरकार की जिम्मेदारी नहीं है? अगर नहीं तो क्या निजीकरण के बाद सब्सिडी बंद कर देगी? -51% हिस्सेदारी बेचकर निजीकरण करने से क्या सुधार की गारंटी है? ओडिशा ने 1999 में निजीकरण का फैसला 2015 में वापस लिया था फिर यूपी में ऐसा नहीं होगा इसकी क्या गारंटी है? - ऊर्जा मंत्री 2024 में एटीएंडसी हानियां 16.5% रह जाने का दावा कर रहे हैं। फिर निजीकरण के लिए कॉरपोरेशन कौन से आंकड़े लेकर आया है। क्या ऊर्जा मंत्री गलत बयानी कर रहे हैं?

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