अस्पताल की है दरकार, अब तो सुन लीजिए सरकार
Sambhal News - गुन्नौर और आस-पास के ग्रामीण इलाकों में सड़क हादसे बढ़ते जा रहे हैं। हादसों के पीछे तेज रफ्तार और ट्रैफिक अव्यवस्था है। ट्रॉमा सेंटर न होने के कारण घायलों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है, जिससे कई...

नगर पंचायत गुन्नौर समेत आस-पास के ग्रामीण इलाकों में सड़क हादसे आम होते जा रहे हैं। हर हफ्ते कोई न कोई सड़क दुर्घटना किसी परिवार के लिए मातम लेकर आती है। इन हादसों के पीछे जहां एक ओर तेज रफ्तार और ट्रैफिक अव्यवस्था जिम्मेदार है, वहीं दूसरी ओर एक बड़ा कारण यहां ट्रॉमा सेंटर का न होना भी है। हादसे में घायलों को उपचार न मिल पाने की वजह से लोग जान गवा रहे हैं। उसके बाद भी जिम्मेदार अंजान हैं। गुन्नौर क्षेत्र में ट्रॉमा सेंटर न होने के कारण घायलों को संभल या अलीगढ़ जैसे दूरदराज के अस्पतालों में रेफर किया जाता है।
जो गुन्नौर से करीब 65 से 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। गंभीर रूप से घायल मरीज अक्सर रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। इससे न केवल पीड़ित परिवारों में शोक की लहर दौड़ जाती है, बल्कि यह स्वास्थ्य तंत्र पर भी एक गंभीर सवाल खड़ा करता है। जबकि गुन्नौर से दिल्ली, आगरा, मथुरा के अलावा अन्य स्थानों के लिए लोग जाते हैं। 24 घंटे वाहनों की आवाजही बनी रहती है। जिसकी वजह से आये दिन सड़क हादसे होते हैं। उपचार समय से ना मिलने की वजह से लोग जान गवां देते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि वह कई वर्षों से गुन्नौर में ट्रॉमा सेंटर की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कई बार प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों तक गुहार लगाई है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। लोगों का कहना है कि ट्रॉमा सेंटर बनने से न केवल हादसों के शिकार लोगों की जान बच सकेगी, बल्कि क्षेत्र के आम लोगों को भी बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी। गुन्नौर एक बड़ा कस्बा है और आस-पास सैकड़ों गांवों का मुख्य केंद्र भी है। यहां ट्रॉमा सेंटर की स्थापना से हजारों लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से उम्मीद की जा रही है कि वे इस गंभीर समस्या को समझते हुए जल्द ही सरकार के सामने इस विषय को मजबूती से उठाएं। हर बार हादसे के बाद मरीज को रेफर किया जाता है। जब तक एंबुलेंस पहुंचती है और फिर दूसरे शहर तक ले जाया जाता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। जिसकी वजह से आये दिन लोगों की मौत हो रही हैं।- मुनेश कुमार हमारे क्षेत्र में हर महीने कई हादसे होते हैं, लेकिन इलाज की सुविधा न होने के कारण लोगों को रेफर कर दिया जाता है। ट्रॉमा सेंटर बनना अब सिर्फ जरूरत नहीं, जनहित की अनिवार्यता बन गई है।-ओमकार सिंह ग्रामीण इलाकों से लोग इलाज के लिए यहां आते हैं, लेकिन फिर उन्हें संभल या अलीगढ़ भेज दिया जाता है। यह लोगों के साथ अन्याय है। ट्रॉमा सेंटर बनता है तो हमारी पूरी तहसील को राहत मिलेगी।-असलम चौधरी सरकार और जनप्रतिनिधियों को यह समझना चाहिए कि गुन्नौर कोई छोटा इलाका नहीं है। हजारों की आबादी है और सड़क हादसे आम हैं। अब और इंतजार नहीं होना चाहिए। अब जल्द से जल्द ट्रॉमा सेंटर बनाया जाए।-पुनीत कुमार गुन्नौर में ट्रामा सेंटर बनाने को लेकर कई बार मुद्दा उठाया गया है और स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा गया है। मानसून सत्र में इस मुद्दे उठाया जाएगा और जब तक नहीं बनेगा तब तक उठाते रहेंगे। 2027 में सपा सरकार बनने पर ट्रामा सेंटर बनवाया जाएगा।- रामखिलाड़ी सिंह यादव, विधायक गुन्नौर
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।