बोले लखनऊ: नाले पर अतिक्रमण, सालों से सिल्ट नहीं हटी, तालाब बनता है शक्तिनगर
Lucknow News - शक्तिनगर कॉलोनी के लोग मानसून में जलभराव से परेशान हैं। बारिश होते ही कॉलोनी में पानी भर जाता है, जिससे 2500 घरों की 10,000 से अधिक की आबादी प्रभावित होती है। नाले की सफाई न होने और अतिक्रमण के कारण...

कुकरैल नदी के बंधे के दूसरी ओर नीचे की तरफ बसे शक्तिनगर कॉलोनी के लोग मानसून आते ही घबराने लगते हैं। बस यही मनाते हैं कि बारिश हो भी तो लगातार न हो। क्योंकि कुछ घंटे की बारिश में ही पूरा क्षेत्र तालाब में बदल जाता है। लोगों के घरों में पानी घुस जाता है। घर का सामान बचाने और पानी निकालने के लिए उन्हें जूझना पड़ता है। यदि बारिश लगातार होती रहती है तो लोगों की आवाजाही तक बंद हो जाती है। पूरे मानसून भर इस क्षेत्र के लगभग 2500 हजार घरों की 10 हजार से अधिक की आबादी प्रभावित रहती है।
शक्तिनगर में यह स्थित यहां के बड़े नाले की सफाई न होने के कारण ही होती है। कुकैरल बंधा से सटा ही यहां का बड़ा और प्रमुख नाला है। इस नाले के कई हिस्सों पर अतिक्रमण हो चुका है। कुछ हिस्से पर तो लोगों ने कच्चे मकान बना कर उसे किराए पर दे दिए हैं। जिसके कारण नाला की सफाई नहीं हो पाती। स्थिति यह है कि लगभग दो मीटर गहरे नाले में पूरी ऊपर तक सिल्ट भरी है। सिल्ट के कारण ही शक्तिनगर कॉलोनी की नालियों का पानी नाले तक नहीं पहुंच पाता और ओवरफ्लो होता रहता है। शक्तिनगर विकास एवं जनकल्याण समिति के महासचिव सुनील कुमार श्रीवास्तव बताते हैं कि क्षेत्रीय सभासद के प्रयासों से पक्का नाला बनाने का कार्य शुरू किया गया। लेकिन, बजट के अभाव में यह पूरा नहीं हो पाया। यदि पूरा नाला पक्का बन जाए तो काफी हद तक समस्या दूर हो सकती है। कॉलोनी के लोगों का कहना है कि नाले से जब तक अतिक्रमण नहीं हटाया जाता और सिल्ट की पूरी तरह से सफाई नहीं की जाती, समस्या का निदान संभव नहीं है। कॉलोनी के लोगों के सुझाव- -शक्तिनगर के पुराने पंप हाउस और राठौर के घर के बीच नाले की सफाई -सर्च हाउस से अशोक वर्मा के घर के बीच के नाले की सफाई -नए ढाले के पास स्थित नाले की सिल्ट को पूरी तरह से साफ करने की जरूरत -संदीप जायसवाल के निवास से आनंद कुमार श्रीवास्तव के निवास के सामने की नाली की सफाई -बैरल नंबर चार के पास नाले की सिल्ट को निकाला जाए पानी रोकने को लोगों ने बनाए रैंप मानसून के दौरान नाले और नाली का पानी ओवरफ्लो होकर घर में घुसने से रोकने के लिए शक्तिनगर कॉलोनी में 500 से अधिक लोगों ने घरों के सामने रैंप बना रखे हैं। कई घरों के आगे रैंप इस प्रकार बने हैं कि नालियों की निकासी भी प्रभावित होने लगी है। सफाई भी नहीं हो पा रही है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि यदि नाली से पानी की निकासी सही होती रहे और नाले से होता हुआ निकल जाए तो रैंप बनाने की आवश्यकता ही न पड़े। लोग खुद ही रैंप बनाना नहीं चाहते, लेकिन नाली का पानी घर में घुसने के डर से मजबूरी में बनवा रखे हैं। बंधे पर ही खड़ी करनी पड़ती है कार शक्तिनगर के लोगों ने बताया कि कुछ घंटों की बारिश से ही कॉलोनी में घुटनों तक पानी भर जाता है। बारिश से पहले यदि कोई कार से कहीं किसी काम के लिए निकला है और उसके लौटने तक बारिश हो जाए तो उसे मजबूरी में कार को बंधे पर ही खड़ा करना पड़ जाता है। कारण होता है कि कॉलोनी में घुटनों तक पानी भर जाता है। ऐसे में कार लेकर आना संभव नहीं होता है। लिहाजा, मजबूरी में कार को बंधे पर खड़ा कर घुटनों तक भरे गंदे पानी से होकर घर तक जाना पड़ता है। ऐसी स्थिति में महिलाओं और बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। लोगों से बात- जब तक नाले की पूरी तरह सफाई नहीं होती, सिल्ट नहीं निकाल जाती तब तक शक्तिनगर कॉलोनी में जलभराव की समस्या से निजात नहीं मिलेगी। सिल्ट भी नाले के तल तक साफ हो, तभी पानी निकल पाएगा। सुनील कुमार श्रीवास्तव यहां की नालियों की सफाई नहीं होती। पूरी कॉलोनी की नालियों में सिल्ट जमा हुआ है। जरा सी बारिश होने पर नालियों का पानी ही ओवरफ्लो होकर सड़कों पर बहने लगता है। आवाजाही मुश्किल हो जाती है। शौनक शुक्ला मुझे तो याद ही नहीं कि यहां के मुख्य नाले की कभी सफाई भी हुई है। पूरा नाला गंदगी और सिल्ट से भरा हुआ है। कभी थोड़ी बहुत सफाई होती भी है तो सिल्ट निकाल कर किनारे रख दिया जाता है, जो वापस नाले में जाता है। किशोर पाण्डेय यहां का पूरा नाला ही अतिक्रमण की चपेट में है। जब तक अतिक्रमण नहीं हटाया जाता तब तक नाले की सही तरीके से सफाई नहीं हो सकती। कॉलोनी के लोगों को जलभराव से जूझना ही होगा। अर्जुन चौधरी सभासद ने नाले का कुछ हिस्सा पक्का बनवा दिया है। फंड के अभाव में उसके आगे का कार्य रुक गया है। यदि पूरा नाला पक्का और कवर्ड हो जाए तो काफी हद तक जलभराव से राहत मिलेगी। बीके राम नालियों की नियमित सफाई होनी चाहिए। इसकी सिल्ट समय-समय पर निकाली जानी चाहिए, जिससे कि नाली का पानी नाले तक बिना किसी अवरोध के पहुंचे। नाला भी साफ हो तभी राहत मिलेगी। अशोक सिंह बारिश का मौसम आते ही घबराहट होने लगती है। क्योंकि, कुछ देर की बारिश से ही कॉलोनी की सड़कों पर पानी जमा होने लगता है। कुछ घंटे बारिश हो जाती है तो आवागमन भी बंद हो जाता है। ओएन पांडेय कॉलोनी में बारिश के दिनों में जलभराव की समस्या आज की नहीं है। सालों से यह समस्या चली आ रही है। इसका स्थाई निदान नहीं हो पा रहा है। कॉलोनी के लोगों को काफी परेशानी होती है। आरबी त्रिपाठी नगर निगम को चाहिए कि वह नाले पर हुए अतिक्रमण को खाली कराए। यदि किसी ने नाले पर स्थाई निर्माण कर रखा है तो उसे भी हटाए। कॉलोनी के लोगों के हित के लिए यह कार्य जरूरी है। केएस पांडेय रहीम नगर नाले के मुहाने पर कूड़े का अंबार लखनऊ। रहीम नगर नाले के मुहाने पर कूड़े का अंबार है। इसे देख कर लगता है कि सालों से यहां सफाई ही नहीं हुई है। इसके आगे नाले की गंदगी को रोकने के लिए फाटक लगाए गए हैं, जिससे फिलहाल यह कूड़ा कुकरैल नदी में नहीं जा पा रहा है। पर, सफाई नहीं होने से यह कूड़ा दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। आसपास के लोगों का कहना है कि नाला की सफाई कब हुई है, उन्हें याद नहीं। नाला के पास स्थित घर में निवास करने वाली पार्वती का कहना है कि जब तक नाले का कूड़ा साफ नहीं होता मोहल्ले में बारिश के दिनों में जलभराव होता ही रहेगा। बताया कि नाले के मुहाने पर कूड़े के कारण बारिश के दिनों में पानी सही तरीके से निकल नहीं पाता है। जिसके कारण नाली का पानी ओवरफ्लो होकर मोहल्ले की सड़कों पर बहने लगता है। कुछ घंटों की बारिश से ही पूरी गली में पानी भर जाता है। मोहल्ले के निवासी सुधीर वर्मा बताते हैं कि बारिश का मौसम आते ही यही डर सताने लगता है कि पता नहीं कब पानी घर में घुस जाए।
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